Crime News in Hindi : विधायक का सीना चाकू से चाक करने वाली को मिली पेरोल, बेटी का कन्यादान के लिए SC ने दी इजाज़त

विधायक को चाकू मारने वाली को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, पूर्णिया में MLA को चाकू मरने वाली रुपम पाठक को पेरोल, Get latest crime news in Hindi, crime stories, and वायरल वीडियो on Crime Tak.

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02 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)

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सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई रहमदिली

LATEST CRIME NEWS: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने इंसानियत के तक़ाज़े को तवज्जो देते हुए विधायक की हत्या के सिलसिले में उम्रक़ैद की सज़ा काट रही रुपम पाठक को पेरोल पर रिहा करने की इजाज़त दी है। रुपम पाठक ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि अपनी बेटी का कन्यादान करने के लिए उसे पेरोल पर रिहाई दी जाए।

रूपम पाठक की ओर से वरिष्ट वकील राजेश खन्ना ने कहा कि हम अपनी अर्जी CBI के वकील को भी सौंप दी है। इस अर्जी पर CBI की तरफ से एएसजी राजू ने कहा कि उन्हें इस पेरोल पर कोई आपत्ति नहीं है।

आजीवन कारावास की सज़ायाफ़्ता को पेरोल

BIHAR CRIME NEWS: रुपम पाठक ने जनवरी 2011 में बिहार में पूर्णिया के BJP विधायक राजकिशोर केसरी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के बाद विधायक के बॉडीगार्ड और समर्थकों ने रुपम पाठक को पीट पीटकर अधमरा कर दिया था।

उसके बाद रुपम को पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में CBI की जांच के बाद कोर्ट में भी रुपम पाठक ने अपने गुनाहों का इकरार कर लिया था। उसके बाद रुपम को अदालत ने क़त्ल का दोषी करार देते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी।

रुपम पाठक ने जिस तरह से विधायक की हत्या की थी, वो सारा सिलसिला किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। पेशे से टीचर रुपम पाठक उस रोज पूर्णिया के विधायक केसरी जी के पास उस वक़्त पहुंची थी जब वो अपने घर पर लोगों से मुलाक़ात कर रहे थे। मुलाक़ातियों के बीच में रुपम पाठक भी शॉल ओढ़कर वहां मौजूद थी।

विधायक के सीने में घोपा था चाकू

NEWS UPDATE: पुलिस में लिखी FIR के मुताबिक राज किशोर केसरी ने जैसे ही रुपम पाठक को मिलने के लिए अपने पास बुलाया। उस वक्त रुपम पाठक शॉल ओढे हुए थी और उसके भीतर उसने एक चाकू छुपा रखा था। जैसे ही रुपम राज किशोर केसरी के नज़दीक पहुँची उसने चाकू से उन पर हमला कर दिया।

इस हमले ने राज किशोर केसरी को इस कदर ज़ख्मी किया कि ज़्यादा खून बहने की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। रुपम पाठक ने विधायक को कई बार चाकू से गोदा था। पेट मेंचाकू लगने से केसरी का स्प्लीन डैमेज हुआ जिससे ज़्यादा खून बहने की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

विधायक की हत्या के बाद रुपम पाठक को विधायक के सुरक्षा गार्डों ने घेरकर पकड़ लिया। और वहां मौजूद केसरी के समर्थकों और भीड़ ने उसे बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया था।

CBI ने की थी तफ़्तीश

LATEST CRIME NEWS IN HINDI: रुपम पाठक के पकड़े जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले में जांच के आदेश दिए थे उसके बाद ही CBI ने इस पूरे मामले के खंगाला था।

रुपम पाठक के बारे में पता चला था कि वो पूर्णिया के एक प्राइवेट पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर थी। और उस घटना से छह महीने पहले उसने पूर्णिया के खजांची हाट पुलिस स्टेशन पर एक FIR दर्ज करवाई थी ।

उस FIR के मुताबिक रुपम ने अपनी शिकायत में विधायक राजकिशोर केसरी पर रेप का इल्ज़ाम लगाया था। और ये भी इल्ज़ाम था कि तीन साल तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। उस FIR में विधायक राज किशोर केसरी के अलावा उनके निजी सचिव विपिन बैठा का भी नाम था।

और उसके सामने कोई रास्ता नहीं था

BIHAR CRIME NEWS IN HINDI: पुलिस के मुताबिक रुपम बाद में अपने रेप के इल्ज़ाम से मुकर गई थी जिससे राजकिशोर केसरी को क्लीन चिट मिल गई थी। इल्ज़ाम से बरी होते ही राजकिशोर केसरी को भारतीय जनता पार्टी ने पूर्णिया से टिकट दिया था और वो लगातार चौथी बार चुनाव जीते थे।

विधायक ने अपनी सफाई में यही कहा था कि रुपम पाठक उनसे सरकारी नौकरी की मांग करने के लिए आती थी और नौकरी न मिलने की सूरत में उसने रेप जैसा घिनौना और संगीन इल्ज़ाम लगा दिया था।

हालांकि राजकिशोर केसरी और उनकी पार्टी लगातार उन आरोपों से इनकार करते रहे, और इसे विपक्षियों की चाल करार देकर अपना पल्ला झाड़ते रहे।

NEWS UPDATE IN HINDI: लेकिन रुपम की इस बात को तब ज़बरदस्त तरीके से सुर्खियों में उछाला गया था जब उसने ये बयान दिया था कि उनके बेटे और बेटी के अपहरण और हत्या तक की धमकियां मिलने की वजह से ही उसे अपनी शिकायत वापस लेने के मजबूर होना पड़ा।

लेकिन बाद में रुपम में ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि उसकी 18 साल की बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के बाद उसके पास मरने और मारने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा था।

लेकिन इस सवाल का जवाब आजतक किसी को नहीं मिला कि आखिर एक प्राइवेट स्कूल की डायरेक्टर होकर भी रुपम आखिर किसी सरकारी स्कूल में एक मामूली टीचर की नौकरी क्यों मांगती थी। और इसी बात ने पूरी तफ़्तीश को उलझा रखा था।

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