Lawrence Gang: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के सिलसिले में गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ क़ानून का शिकंजा और ज्यादा कसने लगा है। और इसी कड़ी में अब लॉरेंस बिश्नोई का सबसे खास गुर्गा और सबसे बदनाम कार चोर पुलिस के शिकंजे में आ गया।
300 कार चुराने वाला शातिर बक्करवाल पकड़ा गया, लॉरेंस के शूटरों को देता था चोरी की कार
Lawrence Bishnoi Gang: उत्तर भारत (North India) का सबसे बड़ा कार चोर (Car Thief) और लॉरेंस गैंग (Gang) का सबसे खास और के शूटरों (Shooters) को कार मुहैया करवाना वाला बक्करवाल STF के हत्थे चढ़ ही गया।
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11 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:22 PM)
उत्तर भारत का सबसे बड़ा वाहन चोर और लॉरेंस बिश्नोई का सबसे खास गुर्गा बक्करवाला पकड़ा गया। गुरुग्राम पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो चुका बक्करवाला अब तक 300 से ज़्यादा गाड़ियां उठा चुका है। पुलिस का खुलासा है कि बक्करवाला गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के लिए काम करता था और बिश्नोई गैंग के शूटर्स और गुर्गों को चोरी की गाड़ियां मुहैया करवाता था।
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Lawrence Gang: दिल्ली और पंजाब पुलिस लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के गुर्गों के साथ साथ शूटर्स को भी अब पूरी तरह से बेनकाब करने में लगी हुई है। इसी सिलसिले में STF की टीम ने बक्करवाल समेत पंजाब और हरियाणा के गैंग्स्टर चीनू के भाई चिराग को भी गिरफ्तार किया है।
STF के एक अधिकारी सुमित कुमार के मुताबिक बक्करवाल पिछले 15 सालों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। साल 2008 में वो गुरुग्राम पुलिस की पकड़ में आ भी गया था, लेकिन कोर्ट ले जाते समय वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। हालांकि बाद में वो फिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया और जेल भेज दिया गया था। क़रीब दस साल जेल में रहने के बाद बक्करवाल 2020 में जेल से बाहर आया था। और तभी से वो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम कर रहा था।
Lawrence Gang: पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बक्करवाल न सिर्फ कारों की चोरी करने में माहिर है बल्कि उसने लॉरेंस के गैंग में अपनी एक अहम भूमिका संभाल रखी थी। बक्करवाल लॉरेंस गैंग के शराब और नशे की तस्करी का काम संभाल रहा था। मगर जब भी लॉरेंस गैंग के गुर्गों या शूटरों को किसी वारदात के लिए गाड़ियों की ज़रूरत होती थी तो वो गाड़ियां बक्करवाल ही इंतज़ाम करता था।
बताया तो यहां तक जा रहा है कि 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से लॉरेंस के गैंग का डर का धंधा ज़ोरों पर चल रहा था। उसके गैंग ने धमकी देने और लोगों से रंगदारी वसूलने का धंधा और फैला दिया था और इस काम को भी बक्करवार ही संभाल रहा था।
लेकिन पुलिस के अफसरों की बातों पर यकीन किया जाए तो बक्करवाल ने अब लॉरेंस के गैंग से बेवफाई भी शुरू कर दी थी और अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर इस डर के धंधे में अपना नाम बनाने की मुहिम शुरू कर दी थी और पिछले कुछ अरसे से वो लॉरेंस के नाम पर अपने गैंग को तैयार करने में लगा हुआ था।
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