धनबाद जज मर्डर मिस्ट्री: CBI के रवैये पर चला हाईकोर्ट का हथौड़ा, कहा ढंग से काम करें

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CrimeTak

26 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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CBI के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट सख़्त

LATEST CRIME NEWS: ‘लगता है अब CBI के डॉयरेक्टर को बुलाकर ही उसने सवाल पूछना पड़ेगा तभी सब कुछ सही सही पता चलेगा’ ये टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट की है, जो CBI के ख़िलाफ़ थी। क्योंकि हाईकोर्ट धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के सिलसिले में की जा रही CBI की जांच से कतई संतुष्ट नहीं है।

अब बड़ी अदालत के हथौड़े की मार बहुत तगड़ी पड़ती है, लिहाजा उधर हाईकोर्ट से बाहर टिप्पणी निकली और इधर CBI के अधिकारी फौरन काम पर लग गए।

कोर्ट की फटकार के बाद चौकन्नी हुई CBI

LATEST CRIME NEWS IN HINDI :जब अदालत का हथौड़ा चलता है तो अच्छी अच्छी मशीनरी दुरुस्त हो जाती है और क़ायदे से काम करने लगती है। ये कहावत नहीं वो हक़ीक़त है जिसकी एक छोटी सी बानगी दिखी झारखंड के धनबाद में। क्योंकि धनबाद में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ने एक बार फिर जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में अपनी तफ़्तीश नए सिरे से शुरू की है।

एक बार फिर CBI के जांच अधिकारी उस जगह क़दमताल करते दिखाई देने लगे जहां जहां जज उत्तम आनंद की हत्या से जुड़े सुराग़ होने की गुंजाइश हो सकती है। असल में CBI को ये कवायद फिर से इसलिए शुरू करनी पड़ी क्योंकि उस पर झारखंड हाईकोर्ट का हथौड़ा बजने लगा था।

CBI की नियत पर हाईकोर्ट को शक

JHARKHAND CRIME NEWS: एक दिन पहले ही खुद हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और CBI के कामकाज और जज उत्तम आनंद की तफ़्तीश के सिलसिले में अपनी नाराजगी और असंतुष्टि जताई थी।

इधर हाईकोर्ट CBI की अब तक की जांच से संतुष्ट नहीं है। लेकिन उधर CBI का दावा है कि कुछ ही दिनों में इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने आ सकते हैं और नया पर्दाफ़ाश हो सकता है। लिहाजा उच्च न्यायालय ने CBI की इस बात पर भरोसा कर लिया, लेकिन इस हिदायत के साथ की जांच का काम और दिशा दोनों ही दुरुस्त हो। शायद इसीलिए धनबाद हाईकोर्ट ने CBI के डायरेक्टर के ख़िलाफ कोई नोटिस जारी नहीं किया है।UDGE

लकीर की फ़कीर बनी हुई है CBI

JUDGE MURDER CASE:असल में हुआ ये कि हाईकोर्ट पिछली कई सुनवाई में CBI से एक ही बात कहती आ रही है कि जज उत्तम आनंद की हत्या के सिलसिले में CBI की जांच टीम जिस तौर तरीके से काम कर रही है, उसमें अगर मुनासिब फेरबदल करती है तो मुमकिन है कि तफ्तीश जल्दी ही किसी नतीजे पर पहुँच सकती है। लेकिन CBI लकीर की फ़कीर बनी घूमती रही, और वक़्त ज़ाया करती रही।

CBI के इस रवैये को लेकर हाईकोर्ट बेहद नाराज़ हो गया। क्योंकि तफ़्तीश को आगे बढ़ाए CBI के जांच अधिकारी रिपोर्ट पर रिपोर्ट दिए जा रहे थे। जबकि उन रिपोर्ट में कोई नया खुलासा नहीं हो रहा था।

हाईकोर्ट ने उतार दिया CBI का रंग

JHARKHAND ADJ MURDER: सीबीआई के कामकाज से अदालत को ऐसा लगा कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी इस मामले को उतनी गंभीरता से नहीं ले रही जितनी इस केस को चाहिए। बल्कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जो मौखिक टिप्पणी की उसने CBI का रंग ही उड़ा दिया। अदालत ने मुंह जुबानी ही कहा है कि इस मामले में अब तक जिस तरह से CBI ने अपनी रिपोर्ट में सबूत और सुराग इकट्ठा करके दिखाए हैं उससे यही पता चलता है कि CBI इस मामले में आरोपियों को बचाना चाहती है।

पिछले साल यानी 2021 के जुलाई महीने में जज उत्तम आनंद की हत्या एक ऑटो की टक्कर से उस वक़्त हुई थी जब वो सुबह टहलकर अपने घर की तरफ जा रहे थे। बाद में CCTV को देखकर ये साफ हो गया कि वो ऑटो की टक्कर महज़ एक सड़क हादसा नहीं था बल्कि एक सोची समझी साज़िश का हिस्सा था।

यानी जज उत्तम आनंद की हत्या की गई थी। लेकिन जिस तरीक़े से हत्या को अंजाम दिया गया था उससे ये साफ हो गया था कि हत्यारे जज को अच्छी तरह जानते थे। यानी जिस ऑटो ड्राइवर ने जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी वो पहले से जानता था कि वो ADJ उत्तम आनंद ही हैं।

'अपराधी को न बचाएं थोड़ी अकल लगाएं'

CRIME NEWS IN HINDI:ये पूरी वारदात CCTV में पूरी क़ैद हो गई थी और साथ में ऑटो वाले की पूरी चालाकी भी पकड़ ली गई थी लिहाजा पुलिस को उस ऑटो ड्राइवर तक पहुँचने में ज़्यादा देर नहीं लगी। चौंकाने वाली बात ये है कि जिस वक़्त ड्राइवर ने ऑटो से ADJ उत्तम आनंद को पीछे से टक्कर मारी थी उस वक़्त सड़क पर बिलकुल भी भीड़ नहीं थी और ऑटो ड्राइवर के हाथ में मोबाइल नहीं था बल्कि रुमाल था। नार्को टेस्ट में खुद ऑटो ड्राइवर ने ये बात मानी थी कि वो जज को जानता और पहचानता था।

हाईकोर्ट ने CBI से कहा है कि अपराधियों को बचाने की कोशिश में जो पसीना बहा रहे हैं उससे अच्छा है ठंडे दिमाग से इस केस को सुलझाने की कोशिश करें और तफ़्तीश ठीक करें।

दोबारा जांच में जुटी CBI

JHARKHAND CRIME IN HINDI: हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद अब CBI ने फिर से इस मामले में नए सिरे से तफ़्तीश करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। एक बार फिर CBI के अधिकारियों ने एस एस एल एन टी कॉलेज से लेकर रणधीर वर्मा चौक तक परेड शुरू कर दी है।

इतना ही नहीं, CBI के सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो अब इस मामले में CBI ने एक बार फिर अब तक पकड़े गए दोनों आरोपियों के दोबारा नार्को टेस्ट, उनकी ब्रेन मैपिंग समेत चार वैज्ञानिक जांच करवाएगी। पता ये चला है कि CBI की टीम आरोपियों को गांधीनगर ले जाकर वहां उनका टेस्ट करवाएगी।

इस मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होनी है। ज़ाहिक है हाईकोर्ट के इस सख़्त रवैये का हथौरा और उसकी चोट CBI को बहुत तगड़ी पड़ी है।

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