31 साल से इस शहर की पुलिस का इंतज़ार
टेक्सास की 31 साल पुरानी एक मर्डर मिस्ट्री, केस सुलझाने के लिए पुलिस को साइंस की तरक़्क़ी का इंतज़ार
एक शहर की पुलिस को 31 साल से है क़ातिल की तलाश, दही की दुकान में हुए क़त्ल का 31 साल पुराना रहस्य, Austin yogurt shop murder, murder MYSTERY LATEST WORLD CRIME, MURDER MYSTERY, READ MORE CRIME NEWS
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12 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)
WORLD CRIME NEWS: टेक्सास के ऑस्टिन शहर में एक दही की दुकान में हुए चार क़त्ल की गुत्थी तीन दशकों बाद भी अमेरिका जैसी एडवांस पुलिस के लिए एक पहेली ही बनी हुई है। टेक्सास आज भी उन सवालों के जवाब की तलाश में भटक रहा है, जिन सवालों ने 31 साल पहले सामने आकर पूरे अमेरिका को दहलाकर रख दिया था।
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चार क़त्ल का ये वो अनसुलझा क़िस्सा है जिसमें साइंस के और ज़्यादा तरक्की करने का इंतज़ार किया जा रहा है। क्योंकि जब तक साइंस आज के मुकाबले और ज़्यादा तरक्की नहीं कर लेता तब तक अमेरिका में टेक्सास स्टेट के ऑस्टिन शहर में तीन दशक पहले हुए चार क़त्ल की रहस्यमयी पहेली को सुलझाया नहीं जा सकता।
चार बहनों के क़त्ल का ये क़िस्सा जितना रहस्यमयी है उससे कहीं ज़्यादा ख़ौफ़नाक और हैरतअंगेज।
यहां पैदा हुई थी चार क़त्ल की रहस्यमयी पहेली
WORLD CRIME NEWS:1991 में ऑस्टिन दही की दुकान की हत्या की अनसुलझी कहानी आजतक उसी मोड़ पर ठहरी हुई है जहां आज से पूरे 31 साल पहले थमकर रह गई थी। 6 दिसंबर 1991 यही वो तारीख थी जब अमेरिका के ऑस्टिन शहर में चार किशोर लड़कियों की बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई थी।
टेक्सास पुलिस को आधी रात के बाद उस दही की दुकान में आग लगने की इत्तेला मिली थी जो शायद पूरे ऑस्टिन में मशहूर थी। उस दुकान का नाम था, आई कांट बिलीव इट्स योगर्ट (I CAN’T BELIEVE IT’S YOGURT! )। पुलिस को यहां चार किशोर लड़कियों की बेलिबास लाश मिली थीं जिनके हाथ पांव तो उनके खुद के ही कपड़ों से बंधे हुए थे जबकि उनके सिर पर गोली मारी गई थी।
ये हत्या किसने की, क्यों की, इन सवालों के जवाब पिछले 30 सालों से टेक्सास पुलिस की नींद हराम किए हुए हैं। हालांकि पुलिस ने मौके से मिले तमाम सुराग और सबूतों को अब तक की साइंस के जितने भी तौर तरीकें हो सकते हैं उससे ये पता लगाने की कोशिश की है कि कहीं से भी क़ातिल का अक्स उन्हें दिख जाए, मगर आज तक पुलिस को इस क़त्ल के रहस्य से छुटकारा नहीं मिल पाया है।
31 साल से क़ातिल की तलाश में एक शहर की पुलिस
WORLD CRIME NEWS: उस 6 दिसंबर की रात दही की दुकान में जिन चार लड़कियों की लाशें मिली थीं उनकी पहचान तो पुलिस ने उसी दिन कर ली थी। 17 साल की एलिजा थॉमस, 17 साल की ही जेनिफर हार्बिसन, 13 साल की एमी और 15 साल की सास हार्बिसन।
इन लड़कियों के हाथ पैर इनके ही कपड़ों से बंधे हुए थे, सिर में गोली मारी गई थी और दुकान में आग लगी हुई थी। इन चार में से दो लड़कियों के साथ बलात्कार भी किया गया था।
पुलिस को इतना भी पता चला कि उस रात दो लोग दुकान में घुसे और दो अलग अलग पिस्तौल से गोलियां चलाई गईं थीं। शुरुआत में पुलिस को लगा कि इस केस को सुलझाने में उन्हें ज़्यादा मुश्किल नहीं आएगी, लेकिन हर गुज़रते दिन के साथ ये क़त्ल का क़िस्सा और उलझता चला गया।
आलम ये हो गया कि टेक्सास पुलिस को केस की गुत्थियों को सुलझाने और क़ातिल का पता लगाने के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी FBI तक की मदद लेनी पड़ी।
क़त्ल की गुत्थी ने FBI का भी पसीना निकाल दिया
WORLD MURDER MYSTERY: दुनिया के बेहद उलझे केसों को चुटकियों में सुलझाने वाली FBI के भी इस केस की गुत्थी के उलझे हुए सिरे तक पहुँचने की कोशिश में पसीने छूट गए मगर आखिर में जाकर उसे भी हथियार डाल ही देने पड़े।
दही की दुकान में चार क़त्ल की वारदात के सामने आने के फौरन बाद पुलिस ने जब तफ्तीश का सिलसिला शुरू किया तो उसने सबसे पहले अलग अलग टास्क फोर्स बनाईँ। ताकि मौका-ए-वारदात से सबूतों को इकट्ठा करने के अलावा संदिग्ध लोगों की गिरफ़्तारी तय की जा सके।
ऐसे में पुलिस ने सबसे पहले चार लोगों को पकड़ा, जिनकी पहचान थी, रॉबर्ट स्प्रिंग्सटीन, माइकल स्कॉट, मॉरिस पियर्स और फॉरेस्ट वेलबर्न। जिस वक़्त ये वारदात हुई थी उस समय ये चारो ही टीनएजर्स, यानी किशोर ही थे।
इन चारों से अलग अलग पूछताछ की गई। मॉरिस पियर्स एक मॉल से पकड़ा गया था जिसके पास उस वक़्त .22 कैलिबर की एक गन मिली थी। पुलिस की तफ्तीश में ये भी पता चल गया कि उसी गन से मर्डर भी हुआ था।
पुलिस को केस अब शीशे की तरह साफ नजर आने लगा। मगर संदिग्धों को पकड़ने की जल्दबाज़ी में ऑस्टिन काउंटी पुलिस से एक ग़लती हो गई। मौका-ए-वारदात से वो इतने सबूत और सुराग इकट्ठा नहीं कर पाई थी जिसके आधार पर वो संदिग्धों से पूछताछ मुकम्मल कर पाती।
क़ानून के बारीक़ पेच में ऐसे उलझा मामला
WORLD CRIME NEWS: लिहाजा पुलिस को इन संदिग्धों को उस वक़्त छोड़ना पड़ गया। कुछ अरसा बाद पुलिस ने फिर चारों को पकड़ा, इस बार उसने अच्छे ख़ासे सबूत इकट्ठा कर लिए थे। इसलिए पुलिस की नई जांच टीम ने इन चारों को जब पकड़ा तो रॉबर्ट स्प्रिंग्सटीन और माइकल स्कॉट ने पुलिस के सामने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया। लिहाजा पुलिस ने मॉरिस पियर्स और फॉरेस्ट वेलबर्न को बरी कर दिया।
अदालत में रॉबर्ट स्प्रिंग्सटीन और माइकल स्कॉट पर मुकदमा चला और दोनों के सज़ा भी हो गई। लेकिन क़ानून के एक बारीक पेच से ये मामला उलझ गया, क्योंकि दोनों के बयानों को पुलिस ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया था लिहाजा अदालत ने कांस्टीट्यूशनल ग्राउंड पर बरी कर दिया।
हालांकि टेक्सास डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने रॉबर्ट स्प्रिंग्सटीन और माइकल स्कॉट पर फिर से मुकदमा चलाने की जिद तो ठाने रहे लेकिन उनके पास कोई नया सबूत नहीं था। तब संदिग्धों को घेरने के लिए पुलिस ने साइंस का सहारा लेने का इरादा किया और नए डीएनए के इस्तेमाल की सोची। और Y-STR टेस्टिंग पर ज़ोर दिया।
DNA की तलाश में भटकती रही पुलिस
WORLD MURDER MYSTERY: इस टेस्टिंग में पुलिस को एक कामयाबी भी मिल गई, क्योंकि पीड़ित लड़कियों के स्वैब में से एक मेल का प्रोफाइल से मिल गया। मगर पुलिस की दिक्कत ये थी कि ये प्रोफाइन उन चार संदिग्धों में से किसी एक का भी नहीं था। अब पुलिस के सामने ये नई गुत्थी आकर खड़ी हो गई कि आखिर वो DNA किसका है। ये रहस्यमयी इंसान कौन है जो वारदात में शामिल था।
अब पुलिस ने नए सिरे से कवायद शुरू की और 100 ऐसे लोगों का DNA टेस्ट करवाया गया जो किसी न किसी सूरत में क्राइम सीन पर थे। लेकिन पुलिस के हाथ खाली के खाली ही बने रहे। उधर दस साल जेल में रहने के बाद साल 2009 में रॉबर्ट स्प्रिंग्सटीन और माइकल स्कॉट को बरी कर दिया गया और दोनों जेल से बाहर आ गए।
पुलिस के हाथों से चारों संदिग्ध निकल चुके थे, और उनके हाथ में रह गई थी एक रहस्यमयी DNA रिपोर्ट, जिसका चेहरा और शिनाख्त पुलिस के पास नहीं थी।
FBI ने इसलिए कह दिया था पुलिस को ना
WORLD CRIME NEWS: उस DAN को लिए लिए पुलिस क़रीब आठ सालों तक भटकती रही, लेकिन उसकी तलाश पूरी नहीं हुई। आखिरकार 2017 में ऑस्टिन पुलिस के एक अफसर ने पुराने अनसुलझे क़िस्सों को सुलझाने की गरज से पब्लिक ऑन लाइन DNA डाटा बेस पर रिसर्च करनी शुरू की। असल में ये डाटा बेस आबादी के अध्ययन के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
पुलिस को इस रिसर्च में इतनी कामयाबी जरूर मिली कि जिस DNA की पहचान के ख़ातिर इतनी बड़ी कवायद की गई थी उसकी पहचान मिल गई थी और एक शख्स के साथ वो DNA मैच कर गया। असल में ये डाटा बेस FBI ने जमा किया था लेकिन इत्तेफाक से उस सैंपल पर किसी का नाम नहीं लिखा हुआ था।
ऑस्टिन पुलिस ने उस DNA के मिलान के बारे में FBI से मदद लेनी चाही लेकिन FBI ने प्राइवेसी लॉ का हवाला देकर उस नाम को उजागर करने और पुलिस की मदद करने से इनकार कर दिया।
एडवांस तरीक़े से फिर शुरू हुई जांच
WORLD MURDER MYSTERY: तब ऑस्टिन पुलिस ने ऑस्टिन के ही एक सीनेटर माइकल मैकॉल से संपर्क किया और मदद मांगी। ऑस्टिन पुलिस की मदद कराने की गरज से मैकॉल ने इतना जरूर किया कि FBI को ऑस्टिन पुलिस की आगे भी मदद करते रहने के लिए राजी कर लिया और 2020 से FBI इस मामले में ऑस्टिन पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।
बात फिर घूम फिर कर उसी क्राइम सीन तक जा पहुंची जहां से ऑस्टिन पुलिस ने सुराग तो उठाए थे, लेकिन सैंपल ज़्यादा डिटेल में नहीं लिए गए थे। उस समय तक उनके पास सिर्फ 16 निशान या मार्क्स थे जिनके आधार पर पुलिस तफ़्तीश कर रही थी।
लिहाजा 2020 में एडवांस टेस्टिंग के जरिए पुलिस को 9 और निशान मिल गए। ऐसे में अब पुलिस के पास 25 निशान हैं, लेकिन फिलहाल कोई भी काम का नहीं, क्योंकि हाथ अब भी खाली हैं।
31 साल से क़ातिल की तलाश में पुलिस
WORLD CRIME NEWS: अब पुलिस के सामने एक ही सवाल है, क्या उस दही की दुकान में अब भी कुछ बचा हुआ है, क्या Y-STR टेस्टिंग लायक कुछ है, क्या कोई ऐसा DNA सैंपल अब भी वहां ज़िंदा बचा है, क्योंकि 31 साल गुज़र चुके हैं। और वहां बहुत कुछ बदल चुका है।
लिहाजा अब पुलिस सिर्फ साइंस के कुछ और तरक्की कर लेने का ही इंतज़ार कर रही है ताकि DNA रिसर्च के ज़रिए इस 31 साल पुरानी गुत्थी को सुलझाया जा सके, वर्ना टेक्सास पुलिस को कभी नींद नहीं आएगी।
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