चीनी नागरिकों वाला साइबर गैंग चीनी ऐप से ऐसे लगाता था लोगों को चूना, पुलिस ने पकड़ा लोन वाला गैंग

Cyber Crime: दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने कॉल सेंटर (Call Center) की आड़ में एक साइबर गिरोह (Cyber Gang) का भंडाफोड़ किया है जिसमें दो चीनी नागरिक (Chinese) भी ठगों की टोली में शामिल थे।

CrimeTak

21 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:23 PM)

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Cyber Crime: राजधानी दिल्ली में पुलिस ने एक साइबर गिरोह (Cyber Gang) का भंडा फोड़ किया है। दिल्ली के द्वारका इलाके में दबिश देकर सेक्टर 7 से चार साइबर ठगों (Cyber Thug) को दबोचा गया। बताया जा रहा है कि ये लोग काल सेंटर (Call Center) के जरिए लोगो की निशाना बनाते थे।

पुलिस के छापे में फर्जी कॉल सेंटर से 153 हार्ड डिस्क, तीन लैपटॉप, 141 कुंजी पैड मोबाइल फोन, 10 एंड्राइड मोबाइल, और 04 डीवीआर मिले हैं।

पुलिस की मानें तो इस साइबर अपराध का मस्टरमाइंड अनिल कुमार है, जो कि अपने तीन साथियों के साथ ठगी की वारदात अंजाम देता था। पता चला है कि उसके तीन साथियों में से दो चीनी नागरिक हैं।

पुलिस का खुलासा है कि यह ठग चाइनीज लोन ऐप फर्मों की मदद से साइबर अपराध को अंजाम देते थे। यह मामला तब सामने आया जब नयी बस्ती नरेला का रहने वाले हिमांशु गोयल ने साइबर ठगी की शिकायत साइबर थाना बाहरी उत्तरी जिला में दर्ज करवाई।

Cyber Crime: खुलासा हुआ है कि हिमांशु गोयल को फेसबुक पर एक विज्ञापन के जरिए 50 हजार के लोन का लालच दिया गया। हिमांशु ने ऑन स्ट्रीम नाम से एक लोन ऐप को डाउनलोड किया। ऐप डाउनलोड करते ही ये शातिर उसके फोन की गैलेरी तक पहुंचने के लिए प्रमिशन मांगने लगे। और जैसे ही हिमांशु ने इसे एक्सेप्ट किया तो हिमांशु को 6870 रुपये का लोन मिल गया।

लेकिन इसके बाद ठगो ने हिमांशु के contacts और तस्वीरों के जरिए उसे परेशान करना शुरू कर दिया। हालत ये हो गई कि हमांशु को जान बचाने के लिए एक लाख रुपय का भुगतान करना पड़ा।

Cyber Crime: फिलहाल पुलिस ने चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि इस गिरोह का सरगना अनिल कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रहा था और उसी दौरान वसंत विहार के एक कॉल सेंटर में उसने काम करना शुरू कर दिया था।

जिसके बाद उसने इंस्टिट्यूट फ्लाई हाई कंसल्टेंसी चलाकर अंग्रेजी बोलने का कोर्स भी शुरू किया। इसी दौरान वो दो चीनी नागरिक अल्बर्ट और ट्रे के संपर्क में आया। इसके बाद उसने करीब 150 लोगों को साथ मिलाकर जबरन वसूली का यह रैकेट शुरू किया था।

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