‘बॉडी मसाजर’ को सेक्स टॉय नहीं है, बॉडी मसाजर के इंपोर्ट पर नहीं लगेगी रोक, बम्बई हाईकोर्ट का फैसला

Mumbai: बम्बई उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘बॉडी मसाजर’ को एक वयस्क सेक्स खिलौना नहीं कहा जा सकता, इसलिए इसे आयात के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता।

अदालत का फैसला

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21 Mar 2024 (अपडेटेड: Jul 23 2024 5:15 PM)

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Maharashtra Court: बम्बई उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘बॉडी मसाजर’ को एक वयस्क सेक्स खिलौने के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है और इसलिए इसे आयात के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति किशोर संत की खंडपीठ ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा ‘बॉडी मसाजर’ की खेप को जब्त करने के आदेश को बुधवार को रद्द कर दिया। ‘बॉडी मसाजर’ मशीन का इस्तेमाल शरीर के हिस्सों पर मसाज के लिए किया जाता है।

‘बॉडी मसाजर’ को सेक्स टॉय नहीं 

सीमा शुल्क आयुक्त ने यह दावा करते हुए सामान जब्त कर लिया था कि ‘बॉडी मसाजर’ मशीन का इस्तेमाल वयस्क सेक्स खिलौनों के रूप में किया जा सकता है और ऐसी वस्तुओं को आयात के लिए प्रतिबंधित किया गया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह राय कि एक ‘बॉडी मसाजर’ का वयस्क सेक्स खिलौने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, स्पष्ट रूप से सीमा शुल्क आयुक्त की कल्पना थी। 

बॉडी मसाजर के इंपोर्ट पर नहीं लगेगी रोक

अदालत ने सीमा शुल्क आयुक्त द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पारित मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी। सीमा शुल्क आयुक्त ने अप्रैल 2022 में ‘बॉडी मसाजर’ वाली खेप को यह कहते हुए मंजूरी देने से इनकार कर दिया था कि ये वयस्क सेक्स खिलौने है और इसलिए जनवरी 1964 में जारी सीमा शुल्क अधिसूचना के अनुसार इनके आयात पर रोक है। 

बॉडी मसाजर की खेप जब्त करने का आदेश रद्द

अदालत ने कहा कि ‘बॉडी मसाजर’ मशीन का व्यापार घरेलू बाजारों में किया जाता है और इन्हें निषिद्ध वस्तु नहीं माना जाता है। आयुक्त के आदेश के खिलाफ ‘बॉडी मसाजर’ खेप के मालिकों ने न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था। न्यायाधिकरण ने आयुक्त के आदेश को रद्द करते हुए कहा था कि आयुक्त द्वारा ‘बॉडी मसाजर’ को वयस्क सेक्स खिलौने के रूप में वर्गीकृत करने का विचार पूरी तरह से अधिकारी की कल्पना थी। पीठ ने सीमा शुल्क आयुक्त द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा।

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