WHAT IS POSTMORTEM ? पोस्टमार्टम क्या होता है ?

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26 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 27 2024 4:18 PM)

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पोस्टमार्टम क्या होता है ?

पोस्टमार्टम। पोस्ट का अर्थ होता है आफ्टर और मार्टम का अर्थ होता है डेथ। यानी Postmortem व्यक्ति के मरने के बाद किया जाता है। आपको बता दें कि यह भी एक तरह की शल्य क्रिया यानी की सर्जरी ही होती है। पोस्टमार्टम को शवपरीक्षा (Autopsy या post-mortem examination) के नाम से भी जाना जाता है।

पोस्टमार्टम क्यों जरूरी है ?

दरअसल पोस्टमार्टम किसी भी व्यक्ति की मौत क्यों हुई है, ये पता लगाने के लिए किया जाता है। इससे मौत के पीछे की वजह स्पष्ट हो जाती है ? ऐसा तब किया जाता है, जब किसी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई हो या फिर यूं कहे कि अप्राकृतिक तरीके से मौत हुई हो। एक बार मौत की सही वजह का पता चलने पर केस को एक दिशा मिलती है जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई होती है। ये एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।

पोस्टमार्टम किस तरह से होता है ?

डाक्टरों के मुताबिक, पोस्टमार्टम में शरीर को छाती के पास से काटा जाता है और शरीर के अंगों का हिस्सा लिया जाता है, जिसे विसरा भी कहते है। पोस्टमार्टम करने के दौरान शव के विसरल पार्ट यानि किडनी, लीवर, दिल, पेट के अंगों का सैंपल लिया जाता है, इसे ही विसरा कहते हैं। इसका बाद में DETAILED INVESTIGATION होता है।

पोस्टमार्टम रात में क्यों नहीं किया जाता?

इसके पीछे वजह ये है कि रात में ट्यूबलाइट या एलईडी की कृत्रिम रोशनी में चोट का रंग लाल के बजाए बैंगनी दिखाई देता है और फॉरेंसिक साइंस में बैंगनी रंग की चोट का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

पोस्टमार्टम कौन करता है ?

POSTMORTEM करने वाले डाक्टर को पैथोलॉजिस्ट कहते हैं। हिंदी में उसको विकृति विज्ञानी भी पुकारा जाता है। वैसे तो वह एक सामान्य डॉक्टर ही होता है, लेकिन वह इन कार्य में दक्ष होता है। उसकी मदद के लिए सहायक भी होते हैं। पोस्टमार्टम के दौरान शव की चीरफाड़ का काम इन्हीं के जिम्मे होता है। ज्यादातर ये देखा गया है कि डाक्टर चीर फाड़ नहीं करता ये काम LOWER RANK के कर्मचारी द्वारा किया जाता है। डाक्टर इस अंगों का परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करता है।

पोस्टमार्टम के लिए उपयुक्त अवधि क्या है ?

किसी भी व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम उसके मरने के बाद अधिकतम छह से दस घंटे के भीतर हो जाना चाहिए। दरअसल, इस अवधि के बाद मृत शरीर में कुछ बदलाव आते हैं, जैसे बाडी का अकड़ जाना या उसका फूल जाना। इसके बाद डेड बॉडी खराब होना शुरू हो जाती है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट कितने दिन में आती है ?

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में आमतौर पर 1 महीने से लेकर 2 महीने का समय लगता है। हालांकि पोस्टमार्टम की INITIAL REPORT 24 घंटे के अंदर आ जाती है। इसमें मौत की वजह के बारे में शुरुआती विश्लेषण लिखा होता है पर साथ में डाक्टर ये भी रिपोर्ट में लिखता है कि शरीर के दूसरे अंगों के हिस्सों के विश्लेषण के बाद ही DETAILED REPORT आएगी और तभी मौत ही असल वजह का पता चल पाएगा। इस लिहाज से पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में 1 महीने का वक्त लगता है।

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