what is halal meat and jhatka meat : देश में एक बार फिर झटका और हलाल मीट पर विवाद छिड़ा हुआ है, बहुत से लोग इस मुद्दे पर अपना पक्ष विपक्ष रख रहे हैं लेकिन शायद उन्हें इस मुद्दे की गहराई का अंदाज़ा उतना नहीं है, जितना वो ऊपरी तौर पर समझ रहे हैं।
आखिर क्या होता है हलाल मीट और झटका मीट? मुसलमानों में क्यों नहीं खा सकते हैं झटका मीट? different between halal and jhatka meat what is halal meat and jhatka meat.
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04 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)
लिहाज़ा इसे समझने के लिए आपको पहले समझना होगा कि आखिर झटका और हलाल है क्या? ये प्रचलन में कैसे आया और अब क्यों ये विवाद की वजह बना हुआ है।
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क्या होता है हलाल मीट?
What is halal meat : सबसे पहले आते हैं हलाल मीट, धर्म से इसका क्या लेना देना है उससे पहले ये जानिए कि हलाल मीट होता क्या? नॉनवेज डिश बनाने के लिए गोश्त की ज़रूरत पड़ती है, और गोश्त आता है किसी जानवर के ज़रिए। इसके लिए पहले उसे पहले ज़िबह करना पड़ता है, मुस्लिम समाज में अरबी ज़ुबान में हलाल का मतलब उस प्रक्रिया से होता है जिसमें जानवर को गर्दन पर छुरी फेरकर ज़िबह किया जाता है।
इस्लाम कानूनों में मुसलमानों पर उसी जानवर का गोश्त जायज़ है जिसे हलाल तरीके से ज़िबह किया गया हो। ऐसी मान्यता है कि जब किसी जानवर को हलाल तरीके ज़िबह किया जाता है तो उसके शरीर से सारा खून बाहर निकल आता है, जिसके साथ साथ खून की गंदगी भी बाहर आ जाती है और ऐसा करने से गोश्त खाने लायक हो जाता है और उसे खाने से किसी तरह की बीमारी नहीं होती है।
क्या होता है झटका मीट?
What is jhatka meat : हलाल मीट के उलट झटका मीट का कॉन्सेप्ट ये है कि इस प्रक्रिया में जानवर को ज़िबह नहीं किया जाता है बल्कि एक ही झटके में चाकू या दूसरे औज़ारों से उसका सिर ढक से अलग कर दिया जाता है।
इस तरह से मारे गए जानवर के गोश्त को सिख समुदाए के लोग अच्छा मानते हैं और वो उसी प्रक्रिया से मारे गए जानवर का गोश्त खाने को वरीयता देते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया में जानवर बिना दर्द के एक झटके में मर जाता है। इस प्रक्रिया जानवर का ज़्यादातर खून शरीर के अंदर रह जाता है जिसे पकाते वक्त साफ किया जाता है।
वैज्ञानिक तौर पर कौन सा मांस अच्छा है?
halal meat Aur jhatka meat me kaun achaa :जानकारों का मानना है कि हलाल प्रक्रिया में जानवरों को धीरे-धीरे मारने से उनके शरीर में मौजूद पूरा खून निकल जाता है, इसमें झटका की तुलना में ज़्यादा पोषण होता है। हलाल प्रक्रिया से ज़िबह किए गए जानवरों का खून पूरी तरह से निकल जाने से उनके शरीर में मौजूद बीमारी खत्म हो जाती है और गोश्त खाने लायक होता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मांस को नरम और रसदार बनाए रखने के लिए उसे मारने के बाद पीएच स्तर करीब 5.5 होना चाहिए। जबकि झटका प्रक्रिया से मारे गए जानवर के मांस में PH 7 के बराबर होता है।
भारत है दुनिया का सबसे बड़ा मीट उत्पादक?
halal meat and jhatka meat : मांस के निर्यात के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जहां से चिकन से लेकर बफैलो मीट तक विदेशों में निर्यात होता है। देश से होने वाले कुल मीट निर्यात में सबसे बड़ा करीब 65 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश का है, ये बफैलो मीट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। देश की कुल मीट प्रोसेसिंग एक्सपोर्ट यूनिट में से करीब आधी यूपी में ही हैं।
देश के सबसे बड़े मीट निर्यातक
देश में अक्सर हलाल-झटका विवाद रह रहकर सर उठाता है, इसके अलावा बूचड़खाने बंद किए जाने की मांग भी अक्सर उठती है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बूचड़खाने का संबंध किसी एक ख़ास समुदाय के लोगो से ही होता है। लेकिन हक़ीक़त ये है कि भारत के दस बड़े बीफ़ एक्सपोर्ट्स का ताल्लुक हिन्दू समुदाय से है। इनमे से अल कबीर देश का सबसे बड़ा बूचड़खाना है।
देश के सबसे बड़े बूचड़खाने
1- अल कबीर, मेडक, तेलंगाना (मालिक- सतीश सब्बरवाल )
2- अरेबियन एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लमिटेड, मुंबई (मालिक-सुनील कपूर)
3- एमकेआर फ़्रोज़न फ़ूड एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली (मालिक - मदन एबट)
4- एबट कोल्ड स्टोरेजेज़ प्राइवेट लिमिटेड, मोहाली, पंजाब (निदेशक - सनी एबट)
5- अल नूर एक्सपोर्ट्स, मुजफ़्फ़रनगर, यूपी (मालिक - सुनील सूद) हैं।
6- एओवी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, उन्नाव, यूपी (निदेशक - ओपी अरोड़ा)
7- स्टैंडर्ड फ़्रोज़न फ़ूड्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, उन्नाव, यूपी (प्रबंध निदेशक-कमल वर्मा)
8- पोन्ने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट्स, नमक्काल, तमिलनाडु (निदेशक - एस सास्ति कुमार)
9- अश्विनी एग्रो एक्सपोर्ट्स, गांधीनगर, तमिलनाडु (निदेशक - राजेंद्रन)
10- महाराष्ट्र फ़ूड्स प्रोसेसिंग एंड कोल्ड स्टोरेज, सतारा, महाराष्ट्र (मालिक - सन्नी खट्टर)
ज़्यादातर मुस्लिम देश हैं मीट के ग्राहक
देश की इन बड़ी गोश्त को निर्यात करने वाली कंपनियों के ज़्यादातर ग्राहक मुस्लिम देश हैं, जहां हलाल मीट का प्रयोग होता है। देश से सालाना 42,50,000 मीट्रिक टन मांस का निर्यात होता है, सिर्फ बीफ की बात करें तो यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के मुताबिक हमारा देश हर साल 18,50,000 मीट्रिक टन बीफ का निर्यात करता है। आंकड़ों के मुताबिक अकेले 2017 में सिर्फ बीफ का कुल कारोबार 3 अरब डॉलर से ज़्यादा का था, इसमें बाकी मांस के निर्यात का आंकड़ा शामिल नहीं है।
अब आते हैं विवाद पर
halal meat and jhatka meat controversy : कर्नाटक से एक के बाद एक नए विवाद जन्म ले रहे हैं, पहले हिजाब विवाद और अब हलाल और झटका को लेकर विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। हलाल मीट के विरोध ने शिवमोग्गा जिले के भद्रावती में हिंसक रूप ले लिया जिसके बाद इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
वहीं अब कर्नाटक में हिंदुत्व समूहों ने 2 अप्रैल से उगाडी त्योहार से पहले हलाल मांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाल गोश्त को आर्थिक जिहाद करार दिया है, उन्होंने यहां तक कहा कि कि जब मुसलमान हिंदुओं से गैर-हलाल मांस खरीदने से इनकार करते हैं, तो आप हिंदुओं को उनसे खरीदने के लिए क्यों जोर देते हैं?
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