Delhi kanjhawala Girl Death: कई किलोमीटर लड़की को घसीटा, कई थानों से होकर गुजरी लड़की की लाश, लेकिन दिल्ली पुलिस को नहीं दिखी 'किलर कार'

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किसकी गलती आउटर जिला पुलिस की या फिर रोहिणी जिला पुलिस की?

Delhi Crime News: दिल्ली के कंझावला इलाके में लड़की की हुई दर्दनाक मौत के मामले में पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों का ब्लड सैंपल लिया गया है जिस से पुष्टि हो सके की शराब पी थी या नहीं। आउटर दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड बनाने की रिक्वेस्ट की गई है। पुलिस का कहना है कि लड़की को 4 से 5 किलोमीटर तक घसीटा गया। दिल्ली पुलिस दोबारा क्राइम सीन का मुआयना करेगी।

क्या ये मर्डर केस नहीं?

उधर, दिल्ली के एलजी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल से आरोपियों को सख्त से सख्त देने की मांग की है। ये एक्सिडेंट सुल्तानपुरी में हुआ था, जो कि रोहिणी जिले में है, जब कि लड़की का शव कंझावला इलाके में मिला। कंझावला रोहिणी जिले में आता है। यानी आउटर और रोहिणी जिले के कई थानों से लड़की की लाश गुजरी, लेकिन दोनों की जिलों की पुलिस सोती रही। इस दौरान कई सीसीटीवी और कई थानों की जद से होकर किलर कार गुजरी, लेकिन दिल्ली पुलिस को समय रहते ये सब नहीं दिखा।

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आपको बता दें कि सुल्तान पुरी से कंझावला के बीच की दूरी तकरीबन 10 किलोमीटर है। ऐसे में आरोपी कई थानों से होकर गुजरा। लड़की की लाश कार के निचले हिस्से यानी पिछले पहिये में अटकी हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस को ये सब नहीं दिखा। दिखा एक चश्मदीद को। लिहाजा उसने पुलिस को रविवार तड़के 3 बज 24 मिनट पर सूचित किया। ऐसे में अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि आरोपियों ने उस वक्त तक कितनी किलोमीटर तक लड़की को घसीट दिया होगा। 4 बज कर 11 मिनट पर कंझावला पुलिस को लड़की का शव मिलने की सूचना मिली। यानी करीब 1 घंटे के बाद।

आउटर जिले पुलिस का दावा है कि उनकी पेट्रोलिंग पार्टी ने ही सबसे पहले स्कूटी देखी थी लेकिन मौके पर victim नहीं मिली थी। लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए है।

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कई सवाल

1. कई किलोमीटर तक लड़की को घसीटा गया, लेकिन पुलिस को किलर कार क्यों नहीं दिखी?

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2. इस घटना की जवाबदेही किसकी है आउटर जिले पुलिस की या फिर रोहिणी डिस्ट्रिक पुलिस की?

3.आउटर जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह का कहना है कि सबसे पहले स्कूटी को लोकेट किया गया फिर आरोपियों तक पुलिस पहुंच गई? लेकिन क्या ये सच नहीं है कि पुलिस को ये किलर कार तब नजर नहीं आई, जब ये लड़की को घसीट रही थी?

4. क्या हर जगह पुलिस का मौजूद होना संभव है? लेकिन इस मामले में आरोपी ने कई किलोमीटर तक लड़की को घसीटा, ऐसे में अब इस पर पुलिस का क्या तर्क है?

5.क्या फिर रात में पुलिस पेट्रोलिंग सिस्टम पर सवाल नहीं खड़े होते?

6. ये बात ठीक है कि पुलिस ने क्राइम के बाद उसे सोलव कर लिया, लेकिन अगर समय रहते पुलिस को किलर कार नजर आती तो क्या लड़की बच सकती थी?

7. कुल कितने घंटों तक आरोपी लड़की को घसीटते रहे?

कानून के जानकारों का कहना है कि पुलिस ने गैर इरातन हत्या की धारा तो लगा दी, ऐसे में देखना ये होगा कि ये केस कोर्ट में कितनी स्टैंड करता है, क्योंकि आरोपी ये दलील देगा कि ये तो महज सड़क हादसे का केस है न कि गैर इरातन हत्या। हालांकि पुलिस को ये सिद्ध करना होगा कि आरोपी ने जानबूझकर लड़की को घसीटता। दूसरा, आने वाले दिनों में ये मामला मर्डर के तहत भी दर्ज हो सकता है, क्योंकि आरोपियों को पता था कि लड़की कार के निचले हिस्से में फंस चुकी है और फिर भी वो लड़की को घसीट रहे थे।

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