क्या टल गया तीसरा विश्व युद्ध? रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताई सैन्य टुकड़ियों की वापसी की ये बड़ी वजह,

ADVERTISEMENT

क्या टल गया तीसरा विश्व युद्ध? रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताई सैन्य टुकड़ियों की वापसी की ये बड़ी वजह,
social share
google news

बॉर्डर पर रूसी सेना की कदमताल

Russia Ukraine Conflict: पूरी दुनिया की निगाहें इस व़क़्त रूस और यूक्रेन के बॉर्डर पर लगी हुई हैं। यहां तक कि आसमानी निगाहों से भी इस बॉर्डर पर रूसी सेना की हरेक हरकत पर नज़रें रखी जा रही हैं। ज़रा सी हलचल होती है और पूरी दुनिया में हड़कंप मचने लगता है।

रूस की ज़िद और यूक्रेन के साथ आकर खड़े हुए पश्चिमी देशों की बदौलत पूर्वी यूरोप का एक हिस्सा एक तरह से बारूद के ढेर पर पहुँच गया है, जहां एक मामूली सी चिंगारी यूरोप के साथ साथ पूरी दुनिया को जंग की आग में झोंक सकती है।

ADVERTISEMENT

लेकिन इसी बीच रूस के खेमे से एक ऐसी खबर सामने आई जिसने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट कर दिया है। खबर ये है कि रूस की सेना की कुछ टुकड़ियों को BORDER से लौटते या फिर लौटने की तैयारी करते देखा जा रहा है।

उलटी दिशा में जाती दिखी रूसी सेना की टुकड़ियां

ADVERTISEMENT

Russia Ukraine Conflict: ट्रकों और बसों के साथ साथ ट्रेनों के काफिले भी रूसी सेना के साजो सामान से लदे हुए हैं लेकिन उनके मुंह बॉर्डर से उल्टी दिशा में दिखाई दिए, जिससे इस आशंका को बल मिल गया कि हो न हो रूस अपने कुछ सैनिकों को बैरक में भेजने जा रहा है।

ADVERTISEMENT

रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से भी इस बात की पुष्टि कर दी गई है कि यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात रूसी सेना की कुछ टुकड़ियों को वापस बैरक में जाने के आदेश मिले हैं। और वो जल्द ही बॉर्डर को छोड़कर अपने अपने बैरकों में वापस लौट जाएंगे।

रूस के कदम से सकते में दुनिया

Russia Ukraine Conflict: ज़ाहिर है जंग के हालात के नज़दीक पहुँच चुकी दोनों तरफ की सेनाओं के बीच अचानक सैन्य टुकड़ियों का बॉर्डर से दूर जाना भी किसी के गले नहीं उतर पा रहा। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि BORDER पर युद्धाभ्यास के बाद कुछ टुकड़ियों को वापस लौटाए जाने का फैसला किया गया है।

रूसी रक्षामंत्रालय के इस बयान को मौजूदा हालात में सबसे बड़ा बयान माना जा रहा है। और इसको लेकर तरह तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि दक्षिणी और पश्चिमी इकाइयों ने BORDER पर अपना अभ्यास पूरा कर लिया है, इसलिए उनको यहां रुकने की कोई ज़रूरत ही नहीं है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सैन्य टुकड़ियां रेल और सड़क के रास्ते से अपने अपने सामान के साथ लौट रहे हैं।

मुलाक़ात से पहले बना माहौल

Russia Ukraine Conflict: हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय के इस बयान और रूसी सेना की ताज़ा हरकत के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार की शाम को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस युक्रेन के साथ अपने झगड़े को कम करने के लिए जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज से मुलाक़ात करने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जर्मनी और रूस की बातचीत से पहले बना ये माहौल उस मुलाकात को काफी प्रभावशाली बना सकता है।

हालांकि पश्चिमी देशों के साथ साथ अमेरिका को इस बात पर शक है क्योंकि रूस की तरफ से ये साफ नहीं किया गया है कि आखिर यूक्रेन के BORDER से कितनी सैन्य टुकड़ियों को वापस किया जा रहा है। और जो टुकड़ियां अपने अपने बैरक लौट रही हैं उससे BORDER पर तैनात रूसी सेना की ताक़त पर असल में क्या फर्क पड़ने वाला है।

यूरोपीय देशों की बढ़ी चिंता

Russia Ukraine Conflict: नाटो के सहयोगी देशों का मानना है कि रूस के इस कदम से यूक्रेन के साथ चला आ रहा ये तनाव कम करने के लिए हालात तैयार करने में मदद मिलेगी। उधर जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने खुलकर ये बात कही है कि BORDER पर तनाव कम करने का सारा ज़िम्मा रूस का है। लिहाजा अगर रूस अपने सैनिकों को बैरक में वापस करता है तो इस कदम को सही माना जाना चाहिए।

रूस के लगातार तीखे रुख के पीछे कुछ लोग अमेरिका की भड़काने वाली नीति को भी ज़िम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका लगातार रूस पर पाबंदी लगाने की धमकी दे रहा है। अमेरिका का कहना है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे आर्थिक पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा।

अमेरिका का रुख और पुतिन की ज़िद

Russia Ukraine Conflict: रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच इस तनाव को कम करने के विषय पर टेलीफोन पर लंबी बातचीत भी हुई। क़रीब 62 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई लेकिन इस बातचीत के बाद भी पुतिन के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया।

यूक्रेन की सीमा से लगी रूस और बेलारूस की सीमा पर रूस के 30 हज़ार से ज़्यादा सैनिकों ने युद्धाभ्यास किया। ये युद्धाभ्यास 10 फरवरी को शुरू हुआ था जिसमें रूसी सैनिकों ने अपने नए और आधुनिक हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल किया था। रूस की सेना ने रूसी टैंक और नए लड़ाकू जहाज़ों को इस युद्धाभ्यास में शामिल किया था।

इसी बीच एजेंसियों की खबरों पर यकीन किया जाए तो यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने बताया कि उन्हें बेलारूस केक रक्षा मंत्री की तरफ से ये भरोसा दिया गया है कि बेलारूस की तरफ से यूक्रेन को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...

    ऐप खोलें ➜