ट्विन टॉवर को गिराने के लिए लगाया गया इतना बारूद, 14 सेकंड में मलबा बन जाएंगी 62 मंजिलें

ADVERTISEMENT

ट्विन टॉवर को गिराने के लिए लगाया गया इतना बारूद, 14 सेकंड में मलबा बन जाएंगी 62 मंजिलें
social share
google news

Twin Tower: नोएडा (Noida) में सुपरटेक (Supertech) की ट्विन टॉवर अब बस चंद घंटों की मेहमान है। 28 अगस्त की दोपहर क़रीब 2.30 बजे एक सिलसिलेवार और ज़बरदस्त धमाके (Blast) के साथ आसमान को छूती वो दोनों बिल्डिंग (Buildings) एक मलबे के ढेर में तब्दील हो जाएगी।

नोएडा की ट्विन टॉवर का काउंट डाउन अब शुरू हो चुका है। भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी दोनों बड़ी बिल्डिंग को गिराने की लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है।
ट्विन टॉवर बिल्डिंग को गिराने का काम एडिफिस कंपनी अंजाम देगी। खुद कंपनी के काबिल इंजीनियर इसे एक बड़ी चुनौती मान रहे हैं। हालांकि इस कंपनी ने कुछ साल पहले केरल में इस तरह के डिमोलिशन का काम कामयाबी से पूरा किया था। इसीलिए कंपनी मानती है कि ट्विन टॉवर को ढहाने का काम अभूतपूर्व होने वाला है।

Twin Tower: असल में इन दोनों Towers की ऊंचाईं बहुत ज्यादा है। इनमें एक Tower साढ़े 32 मंज़िल की है और इसकी ऊंचाई लगभग 103 मीटर है। जबकि दूसरा Tower साढ़े 30 मंज़िल का है और इसकी ऊंचाई 97 मीटर है। यानी ये दोनों Tower कुतुब मीनार से भी कहीं ज्यादा ऊंचे हैं।

ADVERTISEMENT

दोनों टॉवर के बीच की दूरी केवल 9.88 मीटर है जबकि नियम ये है कि दो ऊंची इमारतों के बीच की दूरी क़रीब 16 मीटर से ज़्यादा होना चाहिए।
बिल्डिंग को गिराने के लिए दोनों Towers के कॉलम में कुल 9 हज़ार 640 छेद किए गए हैं, जिनमें 3 हज़ार 500 किलोग्राम बारूद लगाया गया है।
28 अगस्त को दोपहर ठीक ढाई बजे इनमें विस्फोट किया जाएगा
एडिफिस कंपनी के इंजीनियरों के दावे के मुताबिक 5 सेकेंड में पहली बिल्डिंग धवस्त हो जाएगी जबकि नौ सेकेंड के भीतर ही दूसरी सीरीज के धमाके किये जाएंगे।
सिर्फ़ 9 से 14 सेकेंड में दोनों Towers ध्वस्त हो जाएंगी।
बिल्डिंग को बनाने में गणित और भौतिक विज्ञान के सूक्ष्म तत्वों की जितनी मदद ली गई उससे ज्यादा इसे धवस्त करने में लेनी पड़ रही है।

इस विस्फोट को अंजाम देने से पहले हर बारीक चीज पर गौर किया जा रहा है ताकि गलती से भी गलती होने की गुंजाइश ना रहे.
विस्फोटकों से धवस्त होते बिल्डिंग गुरूत्वाकर्षण के उन्हीं नियमों के तहत मलवा बन जाएगी। इसके लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों का सहारा लिया गया है। ये सारा कैलकुलेशन एक ब्रिटिश कंपनी ने किया है।

ADVERTISEMENT

Twin Tower: धमाके के झटकों से नजदीक के रिहायशी इलाकों को बचाने के लिए गीली मिट्टी और जिओ टेक्सटाइल्स कपड़ों का इस्तेमाल किया गया है। धमाके इतने ताकतवर होगें कि 5 सेकेंड में बिल्डिंग धवस्त हो जाएगी। हरे रंग का मोटा कार्पेट बिल्डिंग पर लगाया गया है ताकि मलवे से उठती धूल से दूसरी बिल्डिंग को बचाया जा सके. ट्विंन टॉवर को चारो ओर से बड़े कंटेनर्स से घेरा गया है ताकि मलवा दूर तक फैल न सके।

ADVERTISEMENT

एडिफिस कंपनी का दावा है कि ट्विन टॉवर के धवस्त होने से ज्यादा प्रभावी वाइव्रेशन नहीं उठेगा. असल चिंता वाइव्रेशन वेक की ही रही है। नोएडा का सारा सरकारी अमला अभी से हाई अलर्ट पर है। नोएडा के डिप्टी डिप्टी कमिश्नर खुद अपनी निगरानी में उस दिन के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को देखने का जिम्मा अपने हाथ में ले चुके हैं।

28 अगस्त को रूट डाइवर्ट किये जाएंगे, किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए अलग से टीमें बनाई गईं हैं. अगल बलग के इलाकों में ट्रैफिक तो छोडिए, इंतजाम इस तरह कि किए गये हैं मानों परिंदा भी पर ना मार सके.
ट्विन टॉवर के करीब की सोसाइटियों में करीब 7 हजार लोग रहते हैं जिन्हें 28 अगस्त को सुबह 7 बजे सोसाइटी छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। इन सोसाइटीज़ की बिजली पानी सुबह ही बंद कर दी जाएगी और सभी को गैस बंद कर जाने की सलाह दी गई है। इन परिवारों में कई लोग अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं तो कइयों को पास ही दूसरी सोसाइटी के कन्युनिटी हॉल में बने अस्थायी शेल्टर में भेजा जाएगा।
ये ठीक है सबकुछ ठीक से गुजर जाने का दावा है. लेकिन पास की सोसाइटी के लोगों के लिए खुद को ये समझाना कि सबकुछ दावे के मुताबिक होगा आसान नहीं है।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜