'संदीप घोष चोर है', भीड़ नारे लगाती रही, CBI 12 घंटों तक घर खंगालती रही, तलाशी में कई दस्तावेज मिलने का दावा

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'संदीप घोष चोर है', भीड़ नारे लगाती रही, CBI 12 घंटों तक घर खंगालती रही, तलाशी में कई दस्तावेज मिलने का दावा
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के लिए हुई शिकायत

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12 घंटे तक सीबीआई का छापा, घर के बाहर लगे नारे

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तीन और डॉक्टरों के घरों को खंगाला सीबीआई ने

Kollkata Rape and Murder Case: संदीप घोष चोर है, घोष बाबू चोर है...ये नारे पिछले कुछ दिनों से कोलकाता में हर कहीं सुनाई पड़ रहे हैं। लेकिन इन नारों की गूंज उस वक्त और तेज हो गई जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College ) के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर छापा मारा। इतवार को CBI की टीम डॉक्टर संदीप घोष (Dr Sandeep Ghosh) के घर पहुँची और करीब 12 घंटे तक वो डॉक्टर घोष का घर खंगालती रही।

घर के बाहर भीड़ ने लगाए नारे

CBI की टीम रविवार देर शाम साढ़े आठ बजे के आसपास संदीप घोष के घर से बाहर निकली। जिस वक्त सीबीआई की टीम घर से बाहर निकल रही थी उस वक्त डॉक्टर घोष घर के मेन दरवाजे पर खड़े थे। लेकिन उनके घर के आस पास भीड़ भी इकट्ठा हो चुकी थी। वो भीड़ लगातार घोष बाबू चोर हैं, डॉक्टर घोष हाय हाय, संदीप घोष मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे। पूर्व आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल ने भीड़ का ये शोर सुनकर तुरंत ही दरवाजा बंद कर लिया और अंदर चले गए। हालात को काबू में करने के लिए कोलकाता पुलिस और सीआरपीएफ ने फौरन एक्शन लिया। 

भ्रष्टाचार के लिए हुई शिकायत

बताया जा रहा है कि सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच ने छापेमारी में 12 घंटे की तलाशी के दौरान डॉ. घोष के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। बता दें कि, कोलकाता रेप-मर्डर मामले R G Kar हॉस्पिटल में पैसों के लेन देन के मामले में गड़बड़ियों के लिए भी सीबीआई की टीम अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के घर पहुंची थी। लेकिन सीबीआई की टीम के रडार पर अकेले प्रिंसिपल का ही घर नहीं था। डॉक्टर घोष के अलावा, चार और ठिकानों पर भी CBI की एंटी-करप्शन ब्रांच ने छापेमारी की। इनमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी के डेमोस्ट्रेटर डॉ. देबाशीष सोम का घर भी शामिल था। 

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तीन और घरों को खंगाला सीबीआई ने

सीबीआई की एक टीम डॉ. संदीप घोष के आवास पर पहुंची थी तो दूसरी टीम ने आरजी कर में फोरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. देबाशीष सोम के घर का दरवाजा खटखटा दिया। तीसरी टीम आरजी कर अस्पताल के पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ के घर पर धड़धड़ाती जा पहुँची। सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशासनिक ब्लॉक में पहुंच कर छानबीन की।

अख्तर अली की शिकायत पर एक्शन

अस्पताल के पूर्व उप-अधीक्षक अख्तर अली ने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के संबंध में डॉ. देबाशीष सोम का नाम लेते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई हाई कोर्ट के कहने और उनके ही निर्देश पर की गई है। पहले ये जांच कोलकाता पुलिस की तरफ से गठित की गई SIT की टीम कर रही थी लेकिन हाईकोर्ट ने ये जांच पुलिस से छीनकर सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने शनिवार को एसआईटी से जरूरी दस्तावेज लेकर एफआईआर को फिर से दर्ज करने का काम किया।

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चार जूनियर डॉक्टर का टेस्ट 

हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर निर्देश जारी किए थे, जिन्होंने संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए करप्शन की ईडी से जांच का अनुरोध किया था। इस मामले में बाकी चार जूनियर डॉक्टरों का टेस्ट इसलिए किया गया क्योंकि वो उस रात मौके पर थे। इस केस से जुड़ा बड़ा सच और असलियत बताने में वो चारो ही सक्षम हैं। पीड़ित लेडी डॉक्टर ने वारदात से पहले रात में इनके साथ खाना खाया था। उस रात क्या हुआ उस पर वो ही रोशनी डाल सकते हैं।

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संजय रॉय की गिरफ्तारी के अलावा हाथ खाली

इसके अलावा एक वालंटियर का भी टेस्ट इसलिए कराया गया, क्योंकि उसके पास काफी कुछ बताने वाली जानकारी है। सीबीआई लगातार कोलकाता रेप कांड की गुत्थियों को सुलझाने मे लगी है, लेकिन अब तक एक आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी के अलावा किसी और तक नहीं पहुंच पाई है। सीबीआई ने क्राइम सीन के रीक्रिएशन के अलावा तमाम तरीके आजमाए हैं करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों से लगातार पूछताछ हो रही है।

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