Delhi Crime: बेटे की चाहत में 4 महीने के बच्चे का अपहरण, चार महीने बाद खुला राज़, बहन के प्रेमी ने रची साजिश
Delhi Child Kidnapping: हैरानी की बात ये है कि बच्चे की किडनैपिंग में ई-रिक्शा का इस्तेमाल किया गया था, पुलिस ने तीन महिलाओं समेत चार को गिरफ्तार किया है।
ADVERTISEMENT
Delhi Crime News: 6 फरवरी को पुलिस को खबर मिली थी कि जे जे कॉलोनी भलस्वा इलाके की रहन वाली गीता के चार महीने के बेटे को अगवा कर लिया गया है।
बच्चे का अपहरण दिल्ली के बीएसए असपताल से किया गया था। रोहिनी पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
जिले के डीसीपी ने जांच के लिए एसआई संदीप, हेड कांस्टेबल रविदत्त, अमित, योगोंदर,सोनू, नितिन और महिला कांस्टेबल सीमा की टीम बनाई। टीम की अगुवाई एसएचओ नॉर्थ रोहिणी भूपेश कुमार खुद कर रहे था।
पुलिस टीम नें सबसे पहले आसपास के जिलों व थानों को बच्चे की फोटो भेजी औक सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले। सीसीटीवी मे पुलिस को 22-25 साल का शख्स बच्चे को ले जाता नजर आया। अपहरणकर्ता ने काले रंग का मास्क लगा रखा था। नीली जैकेट व नीली ही जींस पहनी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ कि आरोपी 5 फरवरी को शाम 4 बजकर 20 मिनट पर बीएसए असपताल में दाखिल हुआ था। ये शख्स दूसरे दिन सुबह 9 बजे बच्चे को लेकर असपताल से बाहर निकला और फरार हो गया।
पुलिस टीम नेसभी रूटों के 600 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया गया। शुरुआत में अपहृत बच्चे और आरोपी के बारे में कोई सुराग नहीं लगा। लेकिन सेक्टर 11 में सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान रोहिणी आरोपी अपहृत लड़के के साथ नीले रंग के रिक्शे पर बैठा दिखा। ई-रिक्शा के रूट का पता लगाने के लिए आगे के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया। सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि ई-रिक्शा ठुकराल कंपनी का था। इसके बाद ई-रिक्शा की शिनाख्त के काफी प्रयास किए गए। ई-रिक्शा की पहचान करने के लिए रोहिणी के विभिन्न सेक्टरों में विभिन्न चौराहों पर दैनिक आधार पर पैम्फलेट बांटे गए।
ADVERTISEMENT
जांच के दौरान ठुकराल कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि उसने नीले रंग के 200 से ज्यादा ई-रिक्शा बेचे हैं। नीले रंग के इस ई-रिक्शा की पहचान DL8ERA-0849, ब्लू कलर, जो कि एचएनओ 361, पुनर्वास कॉलोनी के, सेक्टर 26, रोहिणी के नाम से रजिस्टर्ड पाया गया। ई-रिक्शा चालक की पहचान रामेश्वर के तौर पर हुई। जांच में खुलासा हुआ कि 06 फरवरी को लगभग 9.30 बजे उसने रोहिणी के सेक्टर-18 में पार्क के पास एक व्यक्ति को छोड़ा था जिसके साथ एक छोटा बच्चा था। यात्री ने एक महिला को टेलीफोन पर बुलाया था। उन दोनों के पास ई-रिक्शा चालक को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे। महिला ने एक वेंडर बबलू से पैसे देने के लिए कहा। उसने पेटीएम के जरिए विक्रेता को 100 रुपये का भुगतान किया। बदले में विक्रेता ने उसे 100 रुपये का भुगतान किया।
इसके बाद पुलिस टीम ने बबलू का पता लगाया गया और उसके मोबाइल डीटेल पेटीएम से मिले। बबलू के मोबाइल नंबर के विश्लेषण से महिला के मोबाइल नंबर भी मिल गए। जिसने पेटीएम के माध्यम से उसे पैसे ट्रांसफर किए थे। इसके बाद, 10/11 फरवरी 2023 की रात को पेटीएम से डीटेल हासिल किया गया और विक्रेता को भुगतान करने वाली महिला के मोबाइल नंबर की पहचान हो गई। ये मोबाइल नंबर रानी (बदला हुआ नाम) निवासी गली नंबर 9, संजय कॉलोनी, समय पुर बादली, दिल्ली के नाम से रजिस्टर्ड था। पुलिस टीम ने रानी (बदला हुआ नाम) के घर पर छापेमारी की लेकिन वह अपने घर पर मौजूद नहीं थी। बाद में सीडीआर के आधार पर उसकी लोकेशन उसके ऑफिस एसीएमटी कॉल सेंटर में बादली गांव की पाई गई, जहां वह टेली कॉलर के तौर पर काम कर रही थी। वहीं से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ADVERTISEMENT
आगे की पूछताछ में, रानी (बदला हुआ नाम) ने मोबाइल नंबर और आरोपी की पूरी जानकारी दी। आरोपी की पहचान बादली गांव, दिल्ली के आलोक निवासी के रूप में हुई। सीडीआर के आधार पर आरोपी आलोक को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद आरोपी सीमा (बदला हुआ नाम) निवासी संजय कॉलोनी, समय पुर बादली, दिल्ली उम्र 28 वर्ष व रीना (बदला हुआ नाम) निवासी संजय कॉलोनी, समय पुर बादली को गिरफ्तार कर अपहृत बच्चे आयुष को बरामद कर लिया गया।
ADVERTISEMENT
आरोपी रीना (बदला हुआ नाम) से पूछताछ में पता चला कि वह विधवा है और उसकी 14 साल, 12 और 10 साल की तीन बेटियां हैं। उसके कोई पुत्र नहीं है। वह एक बेटा चाहती थी। इसलिए उसने अपनी सगी बहन सीमा (बदला हुआ नाम) से संपर्क किया, जिसने बदले में रानी (बदला हुआ नाम) के साथ उक्त मामले पर चर्चा की। रानी (बदला हुआ नाम) ने आगे इस मामले पर अपने प्रेमी आलोक से चर्चा की जो 3.4 लाख रुपये में लड़के की व्यवस्था करने के लिए तैयार हो गया। आरोपी रीना (बदला हुआ नाम) ने बेबी बॉय आयुष के बदले आरोपी आलोक को 3.4 लाख रुपये दिए। आरोपी आलोक ने सभरवाल ऑटो शाहबाद दौलतपुर, बवाना, दिल्ली से एक टीवीएस अपाचे मोटरसाइकिल बुक की थी, जिसके लिए उसने 1.20 लाख रुपये नकद भुगतान किया था। अपहृत बच्चे आयुष उम्र 4 माह को बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है।
ADVERTISEMENT