Kanjhawala death case: अंजलि के मामा बोले - ये सीधा सीधा हत्या का मामला

ADVERTISEMENT

Kanjhawala death case: अंजलि के मामा बोले - ये सीधा सीधा हत्या का मामला
social share
google news

Kanjhawala death case: दिल्ली के कंझावला केस में अंजलि के मामा ने कई खुलासे किए हैं। Crime Tak के Associate Editor चिराग गोठी से खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि ये मामला सीधा-सीधा हत्या से जुड़ा है, क्योंकि इसमें आरोपियों को ये पता था कि कार के नीचे अंजलि अटकी हुई है, बावजूद इसके उन्होंने जानबूझकर गाड़ी नहीं रोकी।

Kanjhawala death case: उन्होंने निधि पर भी तमाम सवाल खड़े किए। अंजलि के मामा ने कहा, 'निधि ने जो बयां पुलिस को दिया है, उसमें विरोधाभास है। कभी वो कहती है कि कार में पांच लोग थे। कभी कहती है कि कार का एक शीशा काला था। वो मौके से क्यों भाग गई थी ? उसने पुलिस को क्यों सूचना नहीं दी?'

Kanjhawala death case: अंजलि के मामा ने कहा, 'सारी दिल्ली पुलिस गलत नहीं है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने हम से रविवार तक का वक्त मांगा है। उम्मीद है कि पुलिस इसमें हत्या का मुकदमा दर्ज करेगी।'

ADVERTISEMENT

पुलिस की जांच पर सवाल खडे़ करते कहा कि अगर पुलिस की गाड़ी पहले किलर कार को देख लेती तो स्थिति अलग होती। उन्होंने कहा, पुलिस ने रविवार तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो फिर इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए।

पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है। कुल 7 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

ADVERTISEMENT

Delhi Kanjhawala death case: उधर, दिल्ली के कंझावला केस में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, जिस समय कार अंजलि को दिल्ली की सड़कों पर घसीट रही थी, तब उसमें 5 नहीं चार आरोपी थे। पुलिस ने जिस 5वें आरोपी दीपक खन्ना को गिरफ्तार किया है, वह उस वक्त बलेनो कार में नहीं बल्कि कही और था। बताया जा रहा है कि ये कार अमित चला रहा था, जब कि दीपक ने पुलिस को झूठ बोलकर खुद को कार का ड्राइवर बताया था।

ADVERTISEMENT

पुलिस इस मामले में अब तक 7 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अमित और अंकुश भाई हैं, जबकि दीपक चचेरा भाई है। सूत्रों के मुताबिक, एक्सीडेंट के वक्त दीपक कार में ही नहीं था। वह किसी दूसरी जगह पर था। कार अमित चला रहा था।

ऐसे चेंज हुआ ड्राइवर?

अमित ने एक्सीडेंट के बाद अपने भाई अंकुश को सारी बात बताई। अमित के पास लाइसेंस नहीं था। ऐसे में दोनों ने दीपक को राजी किया कि वह पुलिस से कहे कि वही कार चला रहा था। दीपक ग्रामीण सेवा में ड्राइवर था।

दीपक को एक आरोपी ने फोन कर बुलाया था। दीपक अपने चाचा का ऑटो रिक्शा लेकर पहुंचा था। यहां से वह आरोपियों को अपने घर ले गया। इसी बीच पुलिस को एक सीसीटीवी हाथ लगा है, इसमें दिख रहा है कि अमित ने एक्सीडेंट के बाद कार आशुतोष को दी और वह भी ऑटो रिक्शा से चला गया।

जांच में ये बात सामने आई है कि कार आशुतोष की थी।आशुतोष से अमित ने कार मांगी थी जिसके बाद अमित गाड़ी चला रहा था।अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। ये बात आशुतोष जानता था। हादसे के वक्त अमित कार चला रहा था। हादसा होने के बाद अमित ने आशुतोष और अपने भाई अंकुश को जानकारी दी थी कि हादसा हो गया है। आशुतोष और अमित के भाई अंकुश ने प्लानिंग की और दीपक खन्ना को ड्राइवर के तौर पेश किया क्योंकि दीपक खन्ना के पास ड्राइविंग लाइसेंस था। इस तरह पुलिस को गुमराह किया गया और हादसे का सच छुपाया गया।

सर्दी और कोहरे की डबल मार, तापमान दो डिग्री सेल्सियस, कई जगहों पर एक्सिडेंट, ऑरेंज अलर्ट जारी

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜