‘मेरे पास आओ…वासना खत्म कर दूंगा’, ‘चरण सेवा’ के बहाने हवस बुझाई, रेप केस में फंसा ये बाबा

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‘मेरे पास आओ…वासना खत्म कर दूंगा’, ‘चरण सेवा’ के बहाने हवस बुझाई, रेप केस में फंसा ये बाबा
दाती महाराज
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Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप तय कर दिए हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज ने आरोपों पर आदेश पारित किया और तीनों भाइयों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। हालांकि, अदालत ने दाती के एक अन्य भाई, अनिल, को आरोपों से मुक्त कर दिया है।

अदालत में आरोप तय

शुक्रवार को आरोप तय किए जाने के बाद आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वे इन आरोपों से बरी होंगे। अदालत ने अभियोजन पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। पीड़िता के वकील प्रदीप तिवारी ने जानकारी दी कि अदालत ने दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी और उनके भाइयों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (साझा मंसूबा रखने) के तहत आरोप तय किए हैं।

आश्रम में शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था

मामला 2018 का है, जब दाती महाराज की एक शिष्या ने दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में बाबा और उनके तीन भाइयों के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पीड़िता ने बाबा और उनके भाइयों पर आश्रम में शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने 7 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद 11 जून को बाबा के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध और अन्य अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

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पुलिस जांच और पूछताछ

पुलिस ने 22 जून को दाती महाराज से पूछताछ की थी, जिसमें उन पर दिल्ली और राजस्थान स्थित उनके आश्रमों में शिष्या के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था। पूछताछ के दौरान बाबा ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन पीड़िता के आरोपों के आधार पर जांच जारी रही। पुलिस ने बाबा के आश्रमों की भी जांच की थी, लेकिन मामले में दाती के भाई अनिल को बाद में बरी कर दिया गया।

मामला आगे बढ़ने पर

इस मामले में अदालत ने अब अभियोजन पक्ष से साक्ष्य पेश करने को कहा है, जिससे पता चलेगा कि क्या बाबा और उनके भाइयों के खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं। मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी, जहां अभियोजन पक्ष अपने गवाह और सबूत प्रस्तुत करेगा। बाबा दाती महाराज और उनके समर्थकों ने इन आरोपों को साजिश करार दिया है, जबकि पीड़िता न्याय की मांग कर रही है।

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अदालत का निर्णय महत्वपूर्ण

इस मामले में अदालत का निर्णय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह मामला कई वर्षों से चल रहा है और इसमें एक बड़े धार्मिक व्यक्तित्व पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़िता की ओर से पेश किए गए सबूत और गवाहों की भूमिका आने वाले दिनों में अदालत की सुनवाई में अहम होगी।

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