'चच्चा' बनकर कनाडा जा रहा था 'बच्चा', नकली और कच्ची Acting ने दिया गच्चा, Airport पर धरा गया

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Delhi Airport: वैसे तो विदेश जाने की तमन्ना बहुत से लोगों की रहती है। लेकिन ये बीमारी पंजाब (Punjab) में जरूरत से ज्यादा सिर चढ़ चुकी है। तभी तो हर कोई किसी न किसी बहाने से विदेश (Foreign) और खासतौर पर कनाडा (Canada) जाने के लिए किसी भी हद से गुजरने को तैयार हो जाता है। किशोर कुमार का एक गाना शायद सभी ने सुना होगा, 'जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न'। बस कुछ कुछ इसी गाने जैसा ही नजारा दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर नजर आया। क्योंकि यहां एक बूढ़े नज़र आ रहे चच्चा को जब CISF ने रोका और उनकी खाना तलाशी ली तो असल में सफेद दाढ़ी और बुजुर्ग के चोले में छुपा एक 24 साल का बच्चा सामने आ गया। 

बुजुर्ग सिख को जब पकड़ा

असल दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 में उस वक्त अफरा तफरी सी मच गई जब सुरक्षा में तैनात CISF के अफसर एक बुजुर्ग सिख को पकड़कर ले जा रहे थे। हर कोई अपने अपने हिसाब से कयास लगाने लगा। लेकिन जब इस धर पकड़ का खुलासा हुआ तो सुनने वालों की हंसी छूट गई। असल में एयरपोर्ट टर्मिनल 3 पर इमिग्रेशन पर बुजुर्ग से दिख रहे सिख ने अपना पासपोर्ट दिखाते हुए खुद को 67 साल का रशविंदर सिंह सहोता बताया। पासपोर्ट पर भी यही नाम था, लेकिन अफसरों ने देखा कि बुजुर्ग सिख जो बता रहे हैं वो उनके हाव भाव, दाढ़ी और उनकी त्वचा और आवाज से मेल नहीं खा पा रहा। तब ये बात और ऊपर के अधिकारियों को बताई गई। तय हुआ कि बुजुर्ग को बैठा लिया जाए और उनसे थोड़ी पूछताछ कर ली जाए।

Canada जाने की थी तैयारी

बुजुर्ग से दिख रहे रशविंदर सिंह सहोता के पासपोर्ट वाले सिख ने अधिकारी को बताया कि उसे मंगलवार को दिल्ली से उड़ान भरने वाले एयर कनाडा के विमान में सवार होना था। अधिकारी ने बताया 

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उस व्यक्ति की शक्ल, आवाज और त्वचा की बनावट पासपोर्ट में दिए गए विवरण से अलग और काफी कम उम्र वाले युवक की थी। नजदीक से देखने पर पता चला कि उसने अपने बाल और दाढ़ी सफेद रंगवा ली थी और बुजुर्ग दिखने के लिए चश्मा भी पहना हुआ था।

Delhi Airport Canada
बच्चा जो चच्चा बनकर जा रहे थे कनाडा, पहुँच गए कारागार

खुद ही अपनी पोल खोल दी

यानी जब करीब से उसे देखा गया तो सारी पोल पट्टी खुल गई, लेकिन अफसर ये बात खुद उसके मुंह से सुनना चाहते थे लिहाजा उन्होंने तसल्ली से बैठाकर पूछताछ की। उन्हें बाकायदा चाय नाश्ता भी करवाया गया। लेकिन बुजुर्ग रशविंदर कई बार सवालों के जवाब देने में इस कदर अटके कि इमिग्रेशन के अधिकारियों को सख्ती से पूछना पड़ा।

'जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न'

थोड़ी ही देर में सब कुछ शीशे की तरह साफ हो गया और रशविंदर सिंह सहोता के पासपोर्ट वाला खुद को गुरुसेवक सिंह बताने लगा। जिसकी उम्र महज 24 साल थी। बात में पड़ताल में उसकी दूसरी पहचान सही पाई गई। चूंकि मामला जाली पासपोर्ट और दूसरे का भेष धरने का था, इसलिए गुरुसेवक सिंह को उसके सामान के साथ कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया। 

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