Sidhu Moose Wala Murder : क्यों है पुलिस के हाथ अब तक खाली ?
Sidhu Moose Wala Murder : लॉरेंस lawrence bishnoi और गोल्डी बराड़ goldy brar के गैंग ने मूसेवाला के क़त्ल की साज़िश ऐसे रची, जिसने पुलिस को उलझा दिया। कम से कम अब तक की तफ़्तीश तो यही कहती है।
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Sidhu Moose Wala Murder : पुलिस क़त्ल से पहले मूसेवाला की मुखबिरी करनेवाले क्रिमिनल केकड़ा और शूटर्स के मददगार मनप्रीत सिंह समेत 8 लोगों को गिरफ़्तार भी कर चुकी है और तो और केस के मास्टरमाइंड गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई से पूछताछ करने के साथ-साथ उन 8 शूटर्स की पहचान भी कर ली गई है, जिन्होंने 29 मई को मूसेवाला पर गोलियां बरसाईं थी, लेकिन इतने रोज़ बाद भी इन शूटर्स को गिरफ़्तार करने के नाम पर पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं।
लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ के गैंग ने मूसेवाला के क़त्ल की साज़िश कुछ ऐसे रची, जिसने पुलिस को काफ़ी हद तक उलझा दिया। कम से कम अब तक की तफ़्तीश तो यही कहती है।
लॉरेंस और बराड़ ने अलग-अलग शहरों से नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों से शूटर्स का ऐसा ग्रुप तैयार किया, जिन्होंने पहले साथ में किसी वारदात को अंजाम नहीं दिया था और ना ही एक दूसरे को ठीक से जानते ही थे।
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पुलिस ये तो पता लगा ही चुकी है कि इस शूटआउट के लिए हथियारों का बंदोबस्त राजस्थान के जोधपुर से किया गया था। हथियारों के इंतज़ाम के लिए लॉरेंस के साथियों ने जोधपुर के नामी बदमाश रणजीत, राका और विजय से संपर्क किया था।
पुलिस ये भी जान गई है कि सिद्धू मूसेवाला की रेकी और शूटआउट के लिए गाड़ी की ज़रूरत थी। उसी में से एक गाड़ी बोलेरो भी राजस्थान के सीकर से लाई गई थी जिसकी तस्वीर सबसे पहले सीसीटीवी पर झलकी थी। नसीब खान नाम का बदमाश उस बोलेरो गाड़ी को लेकर राजस्थान से हरियाणा के फतेहाबाद में चरणजीत को दी थी और चरणजीत ने ही वो गाड़ी फिर पंजाब में क़ातिलों की टोली के हवाले की थी। इसके अलावा शूटरों के पास एक कोरोला टोयटा गाड़ी थी, इसके बारे में भी पुलिस को पता चला है कि उसे भी अलग अलग हाथों से पंजाब तक पहुँचाया गया था।
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