AFGHANISTAN: TALIBAN के आगे नहीं झूकंगी ये बेटियां, सपनों की उड़ान भरने को है तैयार
afghanistan women footbal team
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अफगानिस्तान की ये बेटियां आजादी की नई कहानी लिख रही हैं.खुली हवा में सांस लेती ये अफगानी बेटियां थोड़ी सी जमीं थोड़ा सा आसमान अपने नाम कर रही हैं.अफगानिस्तान में तालिबान का राज होने के लगभग एक महीने बाद फुटबाल की जूनियर टीम की इन खिलाड़ियों को नई जिंदगी मिली है.सुरक्षित पुर्तगाल पहुंच चुकी अफगानी बेटियां अब फिर से खेलना शुरु कर चुकी हैं.फुटबॉल के गुर सीख रही हैं और पेशेवर खिलाड़ी बनने का अपना सपना पूरा करना चाहती हैं.
इन खिलाड़ियों में से एक है 15 साल की सारा.जो जानती है कि एक लड़की के लिए अफगानिस्तान में रहना कितना मुश्किल भरा है.यहां आकर उसके सपनों में भी पंख लग गए हैं.सारा अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अब चैन से लिस्बन में घूम रही है और अपने सब ख्वाबों को हकीकत में बदलना चाहती है
अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम की कप्तान फरखुंदा मुहताज को वहां के हालात का अंदाजा था। वो देश की जूनियर फुटबॉल खिलाड़ियों के संपर्क में थी और मौका मिलते ही उन्होंने सभी खिलाड़ियों को अफगानिस्तान से रेस्क्यू करवाकर पुर्तगाल पहुंचा दिया.फरखुंदा जब इनसे मिलने पहुंची तो परदेस में अपनी कप्तान को देख सबके चेहरे चमक गए.
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अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां हालात बहुत तेजी से बिगड़े हैं. लड़कियों और महिलाओं की आज़ादी खत्म हो चुकी है.. किसी भी आउटडोर गेम में उनके हिस्सा लेने पर पूरी तरह पाबंदी है. ऐसे में पुर्तगाल ने इन सभी खिलाड़ियों को पनाह देने का फैसला किया. जिसके अच्छे नतीजे अब दुनिया के सामने हैं.पुर्तगाल पहुंचने के बाद इनके अंदर नई उम्मीद जगी है। वो खेल के जरिए एक नई आज़ाद दुनिया का आगाज करना चाहती हैं.
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