WHO IS IAS OFFICER POOJA SINGHAL : कौन है IAS अधिकारी पूजा सिंघल ?
WHO IS IAS OFFICER POOJA SINGHAL : कौन है IAS अधिकारी पूजा सिंघल ?
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IAS OFFICER POOJA SINGHAL : झारखंड की ब्यूरोक्रेट IAS अफसर पूजा सिंघल बेहद प्रभावशाली और शक्तिशाली महिला है। अब उन पर ईडी का शिकंजा कसा है। इससे पहले वो कई अहम पदों पर रही हैं। 2000 बैच की झारखंड कैडर की IAS अफसर पूजा के घर और अन्य जगहों पर ईडी ने छापे मारी की है। इसमें करोड़ों रुपए कैश, प्रापर्टीस और अन्य चीजों का पता चला है।
कैसे ईडी उनके घर और दूसरे ठिकानों तक पहुंची और क्यों उनका नाम सुर्खियों में आया। बताते है आपको।
पूजा सिंघल वर्तमान में खनन और उद्योग विभाग की सचिव रहने के साथ-साथ झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन भी है। एक ही अधिकारी के तीन पदों पर नियुक्ति को भूमि सुधार मंच नाम की संस्थान ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है।
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देखिए अबुआ राज की कहानी...
— Jitendra Verma | जितेंद्र वर्मा🇮🇳 (@Lawyer_jitendra) May 6, 2022
ED के जुबानी...
मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM के चहेती IAS अधिकारी एवं वर्तमान खान सचिव #pooja_singhal के करीबी घर से निकला नोटों का जखीरा!#माइनिंग_घोटाला#पूजा_सिंघल #हेमंतसोरेन #EDRaid@dir_ed @narendramodi @AmitShah @HMOIndia @yourBabulal pic.twitter.com/z0rjYRFKX8
दूसरी शादी की है पूजा ने
पूजा सिंघल ने पहले IAS अधिकारी राहुल पुरवार से शादी की थी, लेकिन दोनों में तलाक हो गया था। पूजा सिंघल ने अभिषेक से शादी की। अभिषेक रांची में पल्स अस्पताल का संचालन करते हैं।
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विवादों से है पुराना नाता
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ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर किया था। ईडी ने कहा था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी।
विवाद नंबर 1 चतरा केस : पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी, जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था।
विवाद नंबर 2 पलामू केस : इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है।
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