Supreme Court ने नूपुर शर्मा को दी बड़ी राहत गिरफ़्तारी पर रोक बरकरार, सभी केस दिल्ली ट्रांसफर
Supreme Court News: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने BJP की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी (Arresting) पर रोक को यथावत रखा।
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Supreme Court News: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बुधवार को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी। पैगंबर मोहम्मद पर दिए विवादित बयान को लेकर नूपुर शर्मा विवादों में घिर गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को राहत देते हुए जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की स्पेशल बेंच ने नूपुर शर्मा के खिलाफ तमाम केस दिल्ली ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया है।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब दिल्ली पुलिस नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज तमाम एफआईआर के मामले में जांच करेगी।
इस बीच नूपुर शर्मा ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को एफआईआर रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की अनुमति भी दे दी है।
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इससे पहले 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी थी। सर्वोच्च अदालत ने इस सिलसिले में 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
Supreme Court News: हालांकि 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए जमकर फटकार भी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि पैगंबर पर उनकी टिप्पणी के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में जो हिंसा हुई उसके लिए अकेले नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार हैं।
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अपनी टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर ने टेलीविजन पर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाली टिप्पणी की थी। उनकी उसी टिप्पणी से लोगों की भावनाएं भड़की और उसके बाद देश का माहौल खराब हुआ। नूपुर शर्मा को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कोर्ट ने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर टेलीविजन पर जाकर माफी भी मांगनी चाहिए।
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Supreme Court News: अपनी तल्ख टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा था कि नूपुर शर्मा ने अपने बयान को लेकर जो माफी मांगी भी थी वो शर्तों के साथ थी। ये सब उनकी ज़िद और घमंड को दिखाता है।
याद रहे कि 27 मई को नूपुर शर्मा ने एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद पूरे देश में बवाल शुरू हो गया था। यहां तक कि कुछ इस्लामिक देशों ने भी नूपुर शर्मा के बयान पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान से किनारा करते हुए नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाल दिया था।
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