UP Crime: बैंक में एक करोड़ और लाश के तीन टुकड़े, पीएचडी स्टूडेंट के कत्ल की खौफनाक साजिश!
Ghaziabad Murder: कातिलों ने ना सिर्फ रिसर्च स्कॉलर की हत्या कर दी बल्कि शव के तीन टुकड़े किए, एक हिस्सा मुजफ्फरनगर नहर में, दूसरा मसूरी नहर में और लाश का तीसरी हिस्सा पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका।
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Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद में पीएचडी के छात्र (Research Scholar) की हत्या (Murder) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र के राधे श्याम कॉलोनी में रहने वाले अंकित खोकर की हत्या के मामले में पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है।
खुलासा हुआ है कि करोड़ों की रकम हड़पने के लिए अंकित की हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद कातिलों ने अंकित की लाश के 3 टुकड़े करके ठिकाने लगा दिया। दरअसल बागपत का रहने वाला अंकित खोकर मोदीनगर की राधे श्याम कालोनी में रहता था। अंकित लखनऊ से पीएचडी भी कर रहा था और यहां अकेला रहा करता था। अंकित के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक बीती 6 अक्टूबर के बाद से अंकित का कोई सुराग नहीं लग रहा था। अंकित के माता पिता तो हैं नहीं लिहाजा अंकित के दोस्त उसके फोन पर कॉल कर रहे थे लेकिन अंकित जवाब नही दे रहा था इसी दौरान दोस्त के पास अंकित का एक मैसेज आया लेकिन वो मैसेज ऐसा था जैसा अंकित अमूमन नहीं लिखा करता था।
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यहीं से अंकित के दोस्तों को शक हुआ और दोस्तों नें 12 दिसंबर को मोदीनगर पुलिस स्टेशन में अंकित की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। जांच के दौरान पुलिस ने अंकित के मोबाइल की लोकेशन व बैंक खातों की जांच की तो पता चला कि गायब होने से पहले अंकित के बैंक अकाउंट से करीब पचास लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अंकित ने अपनी एक पैतृक जमीन बेची थी। जिससे उसको एक करोड़ रुपए के करीब मिले थे। अंकित जिस के मकान में रहता था उसके मालिक का नाम उमेश शर्मा है। इसी मकान में अंकित अकेला रहता था। उमेश की पत्नी को अंकित अपनी बहन मानता था। आरोप है कि उमेश ने कई किस्तों में उससे 60 लाख रुपए ले लिया था। आरोप है कि उमेश अंकित की रकम वापस नहीं करना चाहता था लिहाजा उसने अंकित की हत्या की प्लानिंग की।
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प्लान के मुताबिक अंकित की हत्या अक्टूबर माह में ही कर दी गई थी। साजिश के तहत उमेश ने ना सिर्फ अंकित की हत्या कर दी बल्कि बाजार से आरी व पॉलीथीन लेकर आया। अंकित के शव के तीन टुकड़े करके पॉलीथीन में पैक कर दिया। एक हिस्सा उसने मुजफ्फरनगर के खतौली में नहर में फेंक दिया दूसरे को मसूरी नहर में और लाश के तीसरे हिस्से को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंक दिया।
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हत्या के बाद उमेश ने अंकित के खातों में से 20 लाख रुपए निकाल लिए। जिसके बाद उमेश ने अपने मित्र प्रवेश को अंकित का एटीएम दिया और बाकी पैसे उत्तराखंड से निकालने के लिए कहा था। साथ ही हिदायत दी कि जब वह पैसे निकालने जाए तो मोबाइल लेकर ना जाए। पुलिस ने उमेश और प्रवेश को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ की जा रही है।
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