Crime : नकली गोली से असली मर्डर की कहानी! उस फिल्ममेकर ने नकली पिस्टल से कैसे किया एक्टर का खून
Crime Story in hindi : एक स्ट्रगलिंग एक्टर ओंकार कुंदन आरणे ( Omkar Kundan Aarne murder mystery) के मर्डर की पूरी कहानी.
ADVERTISEMENT
Crime Kahani : वो फिल्मों में एक्टिंग करना चाहता था. वो स्ट्रगलिंग एक्टर था. जब वो फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष कर रहा था तभी उसे एक राइटर ने कहानी सुनाई. वो कहानी थी प्यार, बेवफाई और डबल मर्डर (Double Murder) की. कहानी में उसे हीरो का रोल मिलना था. हीरो की गर्लफ्रेंड बेवफाई करती है. उसका इश्क किसी और से चल रहा होता है. अब ये बात जब हीरो को पता चलती है. तो वो साजिश रचता है. ऐसी साजिश जिसमें बेवफा प्रेमिका और उसके दूसरे प्रेमी का कत्ल करना था. कत्ल भी ऐसे कि वो मर्डर ही ना लगे. जब ये कहानी सुनी तो उसे ऐसा ही कुछ-कुछ शक अपनी पत्नी से हुआ. वो शक सच साबित हुआ.
फिर उसे राइटर की फिल्मी कहानी अपनी निजी लाइफ में पूरी तरह से सच लगती है. वो गुस्से में पत्नी की बेवफाई को बर्दाश्त नहीं कर पाता है. सोचता है कि अगर बातचीत से मसले का हल नहीं निकला तो रियल जिंदगी में विलेन बन जाएगा. लेकिन जब वो घर से निकलता है तो उसकी लाश मिलती है. जिसकी पहचान कर पाना भी मुश्किल था. लाश के पास से नकली गोलियों के खोखे मिलते हैं. जिससे ये मर्डर केस मिस्ट्री बन जाता है. सवाल कि आखिर नकली गोली से जिंदा इंसान का कत्ल कैसे हुआ. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in Hindi) में एक अजीब मर्डर स्टोरी. जिसमें पहले चलती है नकली गोली लेकिन होता है असली मर्डर.
माथेरान की खूबसूरत वादियों में मिलती है वो लाश
Murder Mystery : महाराष्ट्र का चर्चित हिल स्टेशन माथेरान (Hill Station Matheran). नेचुरल खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट. अक्सर यहां कपल घुमने आते हैं. खासकर गर्मियों की छुट्टियां हो या वीकेंड. उसी माथेरान-पनवेल रोड पर है देहरांग डैम. उसी डैम के पास 28 अप्रैल 2018 को एक लाश मिलती है. सिर पर गोलियों के कई निशान थे. जिससे चेहरा काफी खराब हो गया था. पहचान पाना मुश्किल था. उम्र से वो 25 साल के आसपास का युवक लग रहा था. लेकिन वो लाश यहां कैसे आई. किसने गोली मारी. क्यों गोली मारी. ये कुछ भी साफ नहीं था.
ADVERTISEMENT
मौके से पुलिस को गोलियों के दो खोखे मिले. लेकिन ये खोखे नकली कारतूस के थे. यानी नकली गोली चली थी. लेकिन सवाल ये था कि अगर नकली गोली चली तो असली खून कैसे हुआ. नकली गोली से एक जिंदा इंसान का कत्ल कैसे हो गया. अब ये मौत पहेली बन गई थी. इसे सुलझाने के लिए पुलिस के पास कोई सुराग नहीं मिल रहे थे. क्योंकि मरने वाले की पहचान नहीं हो पाई थी. मौके से ना कोई कागजात मिले और ना ही कोई फोन. आखिर में पहचान होती भी तो कैसे.
एक पोस्टर से मिला मर्डर मिस्ट्री में बड़ा सुराग
Crime Ki Kahani : अब पुलिस ने उस मरने वाले की पहचान के लिए आसपास के इलाके से गुमशुदा लोगों की डिटेल निकाली. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. मामला पुलिस को गंभीर लग रहा था. इसलिए उस लाश का लावारिस में अंतिम संस्कार भी नहीं किया. बल्कि उसकी लाश को सुरक्षित पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया गया. इस तरह करीब 20 दिन का वक्त भी निकल गया. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था. चूंकि जहां लाश मिली थी वो इलाका नवी मुंबई में आता है. उस समय के पुलिस कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए 4 टीमें बनाईं. पर कोई सुराग नहीं मिला. उसी बीच जांच टीम का एक पुलिसकर्मी एक दिन पुणे से मुंबई जा रहा था. उस समय आते समय उसकी नजर एक पुलिस स्टेशन के बाहर लगे एक पोस्टर पर गई.
ADVERTISEMENT
उस पोस्टर पर छपी तस्वीर और पनवेल-माथेरान रोड पर मिली लाश में उसे कुछ समानता नजर आई. ये पोस्टर पुणे के येरवड़ा इलाके में दिखा था. उस पुलिसवाले ने पोस्टर की फोटो खींची और फिर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचा. फिर से उस लाश और पोस्टर को देखा. करीब-करीब दोनों चेहरे एक जैसे थे. इसे देखकर उस पुलिसकर्मी ने पोस्टर में दिए नंबर पर फोन किया.
ADVERTISEMENT
कॉल एक शख्स ने उठाया. उसका नाम था अनिकेत आरणे. उससे पूछा गया कि लापता होने वाला शख्स कौन है. उसने बताया कि वो मेरा भाई है. उसका नाम ओंकार कुंदन आरणे है. उम्र करीब 21 साल है. वो शादीशुदा है. 27 अप्रैल से लापता है. ये सुनकर पुलिस चौंकी. उसकी वाइफ सुधा ने इस केस को लेकर चुप क्यों है. फिर जांच शुरू हुई तो पता चला कि उसने यरवदा पुलिस स्टेशन में पति ओंकार के लापता होने की सूचना दी थी.
उसने बताया था कि पत्नी के साथ दोनों नवी मुंबई जा रहे थे. लेकिन रास्ते से पत्नी लौट आई थी. इसके बाद ओंकार कहीं चला गया था. लेकिन फिर नहीं लौटा. ओंकार एक ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी में काम करता था. इसके साथ ही स्ट्रगलिंग एक्टर भी थी. सीरियल और फिल्मों में काम के लिए ट्राइ करता था. कुछ छोटे-मोटे रोल भी कर चुका था. लेकिन उसे किसी नामी सीरियल या फिल्म में मौका मिलने का इंतजार था. इसके लिए वो कई फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर से मिलता रहता था.
पुलिस को उसकी पत्नी सुधा पर शक हुआ. इस एंगल से जांच की तो पता चला कि दोनों के बीच पिछले काफी समय से लड़ाई भी चल रही थी. 27 अप्रैल 2018 को दोनों नवी मुंबई जाने के लिए घर से निकले थे. इसके बाद फोन की लोकेशन से पता चला कि वाकई ओंकार की पत्नी सुधा उससे अलग हो गई थी और पुणे लौट आई थी. लेकिन इसके आगे क्या हुआ. पत्नी ने तो यरवडा में मिसिंग शिकायत कर दी. लेकिन यहां एक बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई. असल में सुधा ने थाने में पति ओंकार की जो फोटो दी थी वो काफी पुरानी थी. कम से कम 7 से 8 साल पुरानी.
जिस वजह से ओंकार की लाश और थाने में मिसिंग कंप्लेंट वाली फोटो से मिलान भी नहीं हो रहा था. अब पुलिस इसकी वजह तलाशने लगी थी. साथ ही ओंकार के भाई अनिकेत और दूसरे लोगों से फिर से पूछताछ की गई. तब बताया गया कि वो वो अपनी पत्नी की मौसी के पति नहुष कुमार कोली से मिलने वाला था. नहुष फिल्म प्रोड्यूसर है. वो कई भोजपुरी, मराठी और कम बजट की हिंदी फिल्में भी प्रोड्यूस कर चुके हैं. मराठी फिल्म अगदबम (Agadbam) और मैटर ( Matter) भी बनाई है. नहुष ने ओंकार को भी फिल्म में काम दिलाने के लिए कहा था. हो सकता है कि वो आखिरी बार उनसे ही मिलने गया हो. अब पुलिस ने नहुष के बारे में पता लगाना शुरू किया.
नहुष की कॉल डिटेल से पता चला कि उसकी सुधा से काफी बात होती थी. इससे पुलिस को कुछ शक और गहराया. फिर कई लोगों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चल गया कि नहुष और सुधा के बीच कुछ और भी रिश्ता है. इसके लिए पुलिस ने जब सुधा से पूछताछ की तो उसने स्वीकार कर लिया कि नहुष उसके रिश्ते में मौसा लगते हैं लेकिन उससे करीबी रिश्ते हैं. लेकिन ओंकार की मौत से उसका कोई लेना देना नहीं है. उसके लापता होने पर मैं उसकी मन से तलाश नहीं करना चाहती थी इसलिए पुरानी फोटो दी थी.
इसके बाद पुलिस ने नहुष को हिरासत में लेकर पूछताछ की. शुरुआत में वो इधर उधर की कहानी सुनाता रहा. जैसे फिल्मों की कहानी होती है. लेकिन जब इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से उसके नहुष के फोन की लोकेशन और कुछ सीसीटीवी फुटेज से उसकी गाड़ी की लोकेशन से जुड़े पुख्ता सबूत मिल गए तब उसने हत्या कबूल कर ली.
नकली गोली से असली मर्डर होने के पीछे ये था असली राज
Murder Kahani : पूछताछ में आरोपी फिल्म प्रोड्यूसर नहुष ने बताया कि उसके नाजायज रिश्तों के बारे में ओंकार को पता चल गया था. इसलिए वो गुस्से में था. चूंकि ओंकार मॉडलिंग फोटो शूट करता रहता था इसलिए उसे फिल्मों में मौका देने का ऑफर किया था. लेकिन जब उसकी पत्नी के रिश्तों का पता चला तो मिलने आया. इसके बाद उसे एक फिल्म के सिलसिले में माथेरान की तरफ जाने की बात कहकर अपनी कार में बैठा लिया.
कार में ड्राइवर के अलावा नहुष के दो बॉडीगार्ड भी थे. रास्ते में बात करते हुए ओंकार नाराज होकर बार-बार कह रहा था कि उसके और सुधा के रिश्तों के बारे में मौसी को बता देगा. इस बात से नहुष डर गया. कार जब डैम के पास सुनसान झाड़ियों वाले रोड पर पहुंची तभी ड्राइवर ने कार रोक दी. ड्राइवर शौच के लिए झाड़ियों में चला गया. उसी समय ओंकार भी कार से बाहर आकर शौच करने चला गया.
नहुष को यही सही मौका लगा. वो भी बाहर निकला और ओंकार पर पीछे से ही फायरिंग कर दी. पहली गोली पीठ पर चलाई. लेकिन ओंकार के जिस्म से कोई खून नहीं निकला. फिर ओंकार पलटा तो नहुष ने सीने पर गोली चलाई. लेकिन इस बार भी गोली चली लेकिन खून नहीं निकला. अब ओंकार तेजी से नहुष की तरफ गुस्से में आगे बढ़ा. उसी दौरान नहुष ने अपने बॉडीगार्ड की गन लेकर गोली चला दी. इस बार गोली लगी और ओंकार लहूलुहान हो गया. इसके बाद सिर में फिर से 2-3 गोली मारी और उसके खोखे भी उठा लिए.
पर यहां सवाल वही था कि पहले जो गोली चली उससे ओंकार को खरोंच तक क्यों नहीं आई. असल में इसके पीछे की वजह उसने पुलिस की पूछताछ में बताई थी. उसने बताया कि फिल्मों की शूटिंग के चक्कर में अक्सर वो अपने पास असली और नकली दोनों तरह की पिस्टल रखता था. नकली पिस्टल से वो कई बार रौब भी झाड़ता था. उस दिन जल्दबाजी में नकली पिस्टल लेकर ही ओंकार पर चला दी थी. जब दो गोली चलाई और खून तक नहीं निकला तब वो समझा फिर बॉडी गार्ड की गन से गोली मारी थी. इस तरह पुलिस ने ये मर्डर मिस्ट्री सुलझा ली और नहुष के साथ उसके दो बॉडी गार्ड को भी गिरफ्तार कर लिया.
ADVERTISEMENT