थर्राई आवाज़ में डॉन मुख़्तार ने सिर झुकाकर कहा 'हुज़ूर मैं बेकसूर हूं मुझे साज़िशन फंसाया जा रहा है', 36 साल बाद मिली ये सज़ा
UP Crime: सजा सुनते ही डॉन मुख्तार अंसारी कोर्ट के सामने बेचैन हो उठा. उसने कोर्ट से गुहार लगाई. ‘हुजूर मैं निर्दोष हूं।
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Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) को आज आर्म्स एक्ट (Arms Act) के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को मुख्तार अंसारी को 36 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया था. इसी मामले में बुधवार को जिला कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद सजा की सजा सुनाई. मुख्तार की पेशी बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से जरिए की गई थी।
मैं बेकसूर हूं जज साहब
जेल के सूत्रों के मुताबिक, सजा सुनते ही मुख्तार अंसारी कोर्ट के सामने बेचैन हो उठा. उसने कोर्ट से गुहार लगाई. ‘हुजूर मैं बेकसूर हूं, मुझे साजिशन फंसाया जा रहा है. इसके बाद मुख्तार अपने हाथों से मुंह पकड़कर नीचे की ओर झुक गया. सजा सुनाए जाने के बाद डॉन मुख्तार को जेल प्रशासन ने मुख्तार को उसकी तन्हाई बैरक में भेज दिया है.
मुझे साजिशन फंसाया गया
बता दें कि जून 1987 में गाजीपुर में दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस जारी हुआ था. यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था. पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में तत्कालीन आयुध क्लर्क (असलहा बाबू) गौरी शंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी को दोषी बनाया था.
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सिर झुकाकर बैठा डॉन मुख्तार
इनमें आयुध क्लर्क गौरीशंकर श्रीवास्तव की साल 2021 में हो मौत हो चुकी है. इस मामले में वाराणसी जिले की MP MLA Court ने सुनवाई के बाद माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) को आईपीसी की धारा में धारा 428, 467, 468, 120 बी और 30 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है. वहीं धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषमुक्त कर दिया था.
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