प्रेमी के साथ मिलकर एनआरआई पत्नी ने की थी पति की हत्या, पत्नी को मिली फांसी की सजा, प्रेमी को उम्रकैद

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प्रेमी के साथ मिलकर एनआरआई पत्नी ने की थी पति की हत्या, पत्नी को मिली फांसी की सजा, प्रेमी को उम्रक...
अदालत का फैसला
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शाहजांहपुर से विनय पांडे की रिपोर्ट

UP NRI Murder Case: शाहजहांपुर के सुखजीत सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने  जा का ऐलान किया और मरने वाले की एनआरआई पत्नी रमनदीप कौर को फांसी की सजा सुनाई। जबकि अदालत ने महिला के प्रेमी गुरुप्रीत सिंह उर्फ मिट्ठू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने मामले की विवेचना में लापरवाही बरतने वाले जांच अधिकारी पर कार्रवाई करने को कहा है। 

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, आपको बता दे कि यह पूरा मामला 1 सितंबर 2016 की उस काली रात का है जिसमें  शाहजांहपुर के निवासी सुखजीत सिंह का सोते समय गला काट कर हत्या कर दी गई थी। इसी के साथ ही 2 पालतू कुत्तों को भी जहर देकर मार दिया गया था। साथ ही बता दे कि बिरयानी में नशीली दवा मिलाकर रमनदीप ने परिवार के सभी सदस्यों को देकर बेहोश कर दिया। पर उसके बड़े बेटे ने खाना नहीं खाया था जिसकी वजह से उसने सारी वारदात देखी। इस मामले में अब कोर्ट ने महिला को फांसी की सजा और महिला के प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, मतृक की पत्नी मनदीप कौर और उसके प्रेमी गुरप्रीत का ब्रिटेन में ही अफेयर चल रहा था। जिसके बाद पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची।

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कौन था सुखजीत सिंह

परिवार के साथ लदंन में रहता था सुखजीत. साथ ही बता दे कि गुरप्रीत सिंह सुखजीत का अच्छा दोस्त था और लदंन जाने से पहले ही दोनो की बीच दोस्ती हुई थी। पर लंदन जाने के बाद भी दोनो की दोस्ती ऐसे ही बरकरार रही. लदंन जाने के बाद सुखजीत की शादी रमनदीप कौर से हुई।  जिसके बाद से गुरप्रीत और रमनदीप के बीच बातचीत शुरू हुई।

प्रेमी को मिली कारावास की सजा

दरअसल, कोर्ट में लंबे ट्रायल के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को पत्नी को फांसी की सजा और प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद सुखजीत की मां वंश ने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा था।दोनों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। आज मुझे इंसाफ मिला है। मैं न्यायालय और पुलिस की शुक्रगुजार हूं। वहीं मृतक की बहन का कहना है कि उन्हें अपना भाई तो नहीं मिल सकता लेकिन इस बात की खुशी है कि दोषियों को सजा मिली है मेरे भाई को इंसाफ मिला है। साथ ही आपको बता दे कि सुखजीत अपनी मां का इकलौता बेटा था।

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Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधि शर्मा ने लिखी है।

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