संसद कांड: दिल्ली पुलिस का कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, आरोपियों की मंशा नहीं बताई जा सकती!

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दिल्ली से अरविंद ओझा की रिपोर्ट

Parliament Security: संसद में घुसपैठ के मामले में मास्टर माइंड ललित झा को पटियाला हाउस कोर्ट ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। ललित झा को संसद में घुसपैठ और हमले का आरोपी और किंगपिन कहा जा रहा है। पुलिस ने पंद्रह दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी क्योंकि उसे कई जगह लेकर जाना है। बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि ललित झा मास्टर माइंड है इसलिए इसकी कस्टडी चाहिए कि पता करना है कि इस साजिश के पीछे कितने लोग थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि सबूतों के लिए कई राज्य जाना है। साजिश में इस्तेमाल हुए मोबाइल भी रिकवर करने हैं। दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट में कहा कि ललित झा को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया। उसके बाद विस्तृत पूछताछ की गई।

मास्टर माइंड ललित झा को पुलिस रिमांड

दिल्ली पुलिस ने बताया कि ललित ने पूरी संलिप्तता का खुलासा करते हुए बताया कि कैसे वो पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि आरोपी ललित ने इस साजिश का जो मकसद बताया है उसे वो इस कोर्ट में पढ़ना नहीं चाहते हैं। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हम उनकी संलिप्तता के दावे और स्वीकारोक्ति की असलियत देखना चाहते हैं। सभी आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में कैसे आए इसका भी पता लगाना है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस पूरे मामले में इन लोगों का समर्थन करने वाले लोग कौन हैं? उन्हें फंडिंग कैसे मिली? साजिश को अंजाम कैसे पहुंचाया? इन तमाम चीजो का पता लगाना है। 

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'क्रिएटिव कलर स्मोक'

नई संसद के भीतर आरोपियों ने जिस स्प्रे कलर कैनिस्टर का इस्तेमाल किया उस पर 'क्रिएटिव कलर स्मोक' लिखा था…ये स्मोक कैनिस्टर ऑनलाइन साइट पर आसानी से मिल जाता है और एक कलर स्मोक कैनिस्टर की कीमत करीब 75 रुपये है। हालांकि 13 दिसंबर को जब इसे आरोपियों ने चलाया तो लोकसभा में पीले रंग का धुआं फैल गया था। उससे किसी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ अलबत्ता वहां मौजूद सांसदों में इसकी दुर्गंध की वजह से बेचैनी जरूर फैल गई थी।

पुलिस महकमें में बढ़ी बेचैनी

कलर स्मोक कैनिस्टर के इस सच के सामने आने के बाद अब पुलिस महकमा पूरी तरह से इस बात की तसल्ली करने में जुट गया है कि इस्तेमाल कैनिस्टर के बाद वहां उठे रंगीन धुएं से किसी को कोई खतरा नहीं हुआ है। मगर ऐसा एक भी पुलिसवाला सामने नहीं आया जो इस बात से इनकार कर सके कि ये कलर स्मोक कैनिस्टर खतरनाक नहीं थे। यानी उस दिन उस वक्त वहां कुछ भी हो सकता था। 

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