लोकसभा चुनाव में सुरक्षा का 4M फॉर्मूला, चुनाव में खून-खराबे और हिंसा पर सख्त चुनाव आयोग, बाहुबलियों पर रहेगी खास नज़र

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लोकसभा चुनाव में सुरक्षा का 4M फॉर्मूला, चुनाव में खून-खराबे और हिंसा पर सख्त चुनाव आयोग, बाहुबलियो...
फाइल फोटो
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Delhi Elections 2024: देश में लोकसभा चुनाव का बुगुल बज चुका हैछ चुनाव की तारीखों को ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि पोलिंग बूथ पर सुरक्षा सख्त रहेगी। स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए 4M फार्मूला बनाया गया है। 4 M का मतलब Muscle, Money, Misinformation और MCC Violations है। चुनाव आयुक्त ने साफ कहा कि इन चारो एम को रोकना ही इन चुनौतियों से निपटने का उपाय है। चुनाव आयुक्त ने साफ कहा कि हिंसा किसी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मतदान निगरानी के लिए हाईटेक कंट्रोल रुम बनाए जाएंगे।  

लोकसभा चुनाव में सुरक्षा का 4M फॉर्मूला

गौरतलब है कि इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके। कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी।

बाहुबलियों पर रहेगी खास नज़र

उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं। कुमार ने बताया कि देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि आयोग हिंसामुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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मसल पावर रोकने के लिए आयोग ने किए ये बड़े इंतजाम

लोकसभा चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारी देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं। दो नये निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ''हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े। 

खून-खराबा बर्दाश्त नहीं

कुमार ने कहा, ''सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’ कुमार ने कहा कि आयोग ने 17 लोकसभा, 16 राष्ट्रपति चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सात चरणों में मतदान हुआ था। उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे। कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीटें जीती थीं।

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(PTI)

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