Shams Ki Zubani : सिद्धू मूसेवाला के शूटरों का प्लान - B, घर में घुसकर मारने का था प्लान

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Shams Ki Zubani : सिद्धू मूसेवाला के शूटरों का प्लान - B, घर में घुसकर मारने का था प्लान
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Sidhu Moosewala : पंजाब में सिद्धू मूसेवाला मर्डर को अंजाम देने के लिए शूटर्स ने दो प्लान तैयार किए थे. प्लान-A फेल होने पर प्लान-B तैयार था. प्लान-B में हैंड ग्रैनेड से हत्या को अंजाम देना था. हत्या वाले दिन यानी 29 मई से पहले 15 दिनों से लगातार मूसेवाला की रेकी की जा रही थी.

इससे पहले, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के बदमाशों ने सिद्धू मूसेवाला की उनकी बुलेटप्रूफ गाड़ी में ही हमला करने की साजिश रची थी. असल में जब ये पता चला कि सिद्धू मूसेवाला अक्सर उसी गाड़ी में चला करते हैं. इसलिए साजिश के तहत अब ये पता लगाना था कि आखिर उस बुलेटप्रूफ गाड़ी में ऐसी क्या खामी है जिसका फायदा उठाया जा सके.

असल में बुलेटप्रूफ गाड़ी को जिस एजेंसी से मॉडिफाइड कराया गया था उसका भी गैंगस्टर ने पता लगा लिया था. पर एजेंसी ने कोई जानकारी नहीं दी थी. गैंगस्टर्स को ये पता चल गया था कि एके-47 से हमला कर भी सिद्धू मूसेवाला की बुलेटप्रूफ गाड़ी को भेदा नहीं जा सकता है. इसलिए अब मूसेवाला की हत्या के लिए AN-94 हथियार भी रूस से पाकिस्तान के रास्ते पंजाब में मंगाया गया था. फिर गैंग ने दूसरा प्लान तैयार करना शुरू किया था.

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अब दूसरे प्लान के तहत ये गैंग या तो घर में घुसकर भी या बिना बुलेट की गाड़ी में आने पर ही हमला करने की फिराक में था. इसीलिए रेकी की जाने लगी. इस दौरान 29 मई से पहले 15 दिनों तक कुल 8 बार रेकी हुई थी. 9वीं बार रेकी 29 मई को हुई. उसी दिन इत्तेफाक ये रहा कि सिद्धू मूसेवाला बिना गनर और बिना बुलेटप्रूफ गाड़ी से आ गए और काम आसान हो गया. इसी वजह से 29 मई की शाम 5:15 बजे ही सेल्फी लेने वाले फैंस में मुखबिर केकड़ा (Kekda) ने ये बताया था कि मूसेवाला तो बिना गनर और बिना बुलेटप्रूफ गाड़ी के बाहर निकला है. साथ में सिर्फ दो दोस्त ही हैं. अब ये सूचना मिलने के 15 मिनट बाद ही यानी 29 मई की शाम करीब 5:30 बजे सिद्धू मूसेवाला पर अटैक हो गया.

इन शूटर की साजिश ये भी थी कि अगर रेकी से कोई खास फायदा नहीं हुआ तो सभी पुलिस की खाकी वर्दी पहनकर घर में घुसकर ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर देंगे. लेकिन 29 मई को उन्हें मनमाफिक मौका मिल गया. इसलिए केकड़ा से सिद्धू की जानकारी मिलते हीशूटर्स का काम आसान हो गया और उन्होंने तुरंत घेराबंदी कर मर्डर को अंजाम दे दिया.

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इस मर्डर को कुल 6 शॉर्प शूटर्स ने अंजाम दिया. दिल्ली पुलिस ने 20 जून को इस घटना को अंजाम देने वाले मुख्य शॉर्प शूटर प्रियव्रत फौजी (Priyavrata Fauji) और दो अन्य शूटर को गिरफ्तार कर खुलासा किया.

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पकड़े गए आरोपी व शॉर्प शूटर प्रियव्रत फौजी और कशिश हैं. इन्हें दिल्ली पुलिस ने तीसरे साथी केशव के साथ अरेस्ट किया. तीनों गुजरात के मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) के पास एक कमरे से गिरफ्तार किया. तीनों इसी मकान में छुपे हुए थे. दिल्ली पुलिस का दावा है कि प्रियव्रत फौजी ही शूटर्स को लीड कर रहा था. इसने ही ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. वहीं, केशव उर्फ कुलदीप भी हरियाणा का रहने वाला है. इसके खिलाफ झज्जर में मर्डर केस दर्ज है.

सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में कुल 6 शॉर्प शूटर थे. सभी शूटर कोरोला और बोलेरो में थे. इनके पास पुलिस की वर्दी भी थी. ताकि पब्लिक और पुलिस को चकमा दे सके. लेकिन वारदात के वक्त वर्दी में नहीं थे. क्योंकि वर्दी पर नेमप्लेट नहीं थी.

ताबड़तोड़ 30 राउंड से ज्यादा की फायरिंग होने के बाद शॉर्प शूटर ने बाकायदा इंटरनेट कॉलिंग के जरिए कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ से बात की थी. ये बताया था कि काम हो गया. यानी सिद्धू मूसेवाल अब मर चुका है.

Sidhu moosewala murder inside Story : दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के स्पेशल पुलिस कमिश्नर के एचजीएस धालीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गोल्डी बरार लगातार शूटर्स के टच में था.

मूसेवाला मर्डर को अंजाम देने में बदमाशों ने 2 मॉड्यूल तैयार किए थे. गोल्डी जहां कनाडा में था वहीं पंजाब में शूटर्स को लीड प्रियव्रत फौजी कर रहा था.

शूटर्स की गाड़ी बोलेरो को कशिश चला रहा था और इनके साथ अन्य अंकित सेरसा और दीपक मुंडी थे. कोरोला को जगरूप नामक बदमाश चला रहा था. शुरुआत में शार्प शूटर मनप्रीत मन्नू ने AK47 से फायरिंग शुरू की थी. ये गोली सिद्धू मूसेवाला को लगी थी. इसके बाद थार गाड़ी वहीं रुक गई थी.

इसके बाद कोरोला और बोलेरो से निकले कुल 6 शूटर्स ने ताबड़तोड़ सिद्धू मूसेवाला पर फायरिंग की थी. इत्मीनान हो गया कि मूसेवाला की मौत हो चुकी है तब ये बदमाश फरार हुए थे. अभी पकड़े गए शूटर्स के पास से 8 हाई एक्सप्लोसिव ग्रेनेड, अंडर बैरेल ग्रेनेड लांचर मिला है. इसके अलावा असॉल्ट राइफल, 3 पिस्टल, 36 कारतूस भी मिले हैं.

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने पंजाब पुलिस (Punjab Police) की कस्टडी में बड़ी जानकारी दी है. गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के कुछ ठिकानों के बारे में भी बताया है.

ये भी सामने आया है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moosewala Murder) करने की साजिश पंजाब विधानसभा (Punjab Election) चुनाव के दौरान ही करने की थी. इसके लिए रेकी भी कराई थी.

बकायदा इसके लिए गैंग के गुर्गों ने रेकी की थी. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए शाहरूख ने इस बात का शुरुआती समय में ही खुलासा किया था. उसने बताया था कि उसने काफी समय तक पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की रेकी की थी. उसे मारने की तैयारी भी की थी लेकिन सफल नहीं हुआ था.

इसके बाद लगातार गोल्डी बराड़ ही रेकी कराने से लेकर शूटर से संपर्क में था. इसके अलावा लॉरेंस गैंग के सचिन बिश्नोई और अनमोल भी इस हत्याकांड को अंजाम देने की फिराक में जुटे थे.

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