Bihar Crime News: सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के मिर्जापुर गांव में एक विवाहित युवती (Married Women) का विवाह (Marriage) उसके पुराने प्रेमी (Lover) के साथ पति (Husband) की मौजूदगी में करवाने का एक मामला सामने आया है। मामला कुछ यूं है कि सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के मिर्जापुर गांव निवासी पिकअप चालक विश्वजीत ने 30 अक्टूबर को पटना जिले के बख्तियारपुर के चम्पापुर निवासी आरती कुमारी के साथ प्रेम विवाह हुआ था।
Bihar Crime: दो लड़कों से हुआ प्यार, पहले की दूसरे प्रेमी से शादी, दो महीने बाद पहले प्रेमी संग बसा लिया घर!
Bihar News: यह चौकाने वाली ट्राइएंगल लव स्टोरी सारण की है, अक्टूबर महीने में प्रेम विवाह करने वाली युवती का अपने पुराने प्रेमी से पुनर्विवाह हुआ है, पहले पति के दरवाजे पर हुई शादी।
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23 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)
विश्वजीत अपनी गाड़ी लेकर काम के सिलसिले में वहाँ आया जाया करता था। उसी दौरान उसकी और आरती की निगाहें चार हो गई और दोनों ने पारिवारिक सहमति से 30 अक्टूबर को प्रेम विवाह कर लिया। लेकिन आरती का प्रेम संबंध विश्वजीत के उसके जीवन मे आने से पहले मोकामा के बरहपुर निवासी अभिराज से 3 साल से चल रहा था।
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इस कहानी में कई ट्विस्ट भी है। जब आरती और विश्वजीत विवाह करने का निश्चय करते हुए दोनों मिर्जापुर चले आए तो विश्वजीत के परिजनों और ग्रामीणों ने इसका विरोध किया कि बिना विवाह किए दोनों एक दूसरे के साथ कैसे रह सकते है। तब विश्वजीत के परिजनों द्वारा आरती के परिजनों को बुलवाया गया। आरती के परिजनों के साथ साथ अभिराज भी आ गया।
यहाँ पहुंचने के बाद अभिराज ने बताया कि वह आरती से प्रेम करता है। उसका प्रेम वर्षो पुराना है और वह आरती से विवाह करना चाहता है। इस बात की जानकारी जब विश्वजीत के परिजनों और ग्रामीणों को हुई तब उस समय काफी बवाल और हंगामा हुआ।
ग्रामीणो ने पंचायत बुलाकर दोनों से सवाल जवाब किया। उस पंचायत के दौरान आरती ने अभिराज को पहचानने तक से इंकार करते हुए विश्वजीत के साथ जीवन भर रहने की बात कही। उ सके बाद ग्रामीणों ने आरती के परिजनों की मौजूदगी में विश्वजीत से विवाह करवा दिया।
इस कहानी में एक और ट्वीस्ट आ गया जब आरती 20 नवम्बर की रात अभिराज को फोन करके अपने ससुराल के गाँव मिर्जापुर बुलाया और खुद ससुराल से काफी कुछ सामान लेकर गांव की सड़क पर उसका इंतजार करने लगी। एक युवती को रात 11 बजे कुछ ग्रामीणो ने देखा तो उनको आश्चर्य हुआ। ग्रामीणों ने उससे पूछताछ की तो वह उल्टा सीधा बोलने लगी।तभी कुछ ग्रामीणों ने उसे पहचान लिया। उसके बाद ग्रामीणो ने अभिराज और उसके साथ आये अन्य 2 युवकों को भी पकड़ा।
आरती और अभिराज सहित उसके सहयोगियों को लेकर विश्वजीत के घर आई। अभिराज और उसके 2 मित्रो को बंधक बनाकर आरती की माँ को चम्पापुर से बुलवाया गया। फिर इस प्रकरण को लेकर गांव में पंचायत बैठी। इस पंचायत में विश्वजीत की सहमति से आरती और अभिराज का विवाह ग्रामीणो ने करवाकर उसके साथ भेज दिया।
इस विवाह के दौरान आरती की माँ भी मौजूद थी। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस घर में आरती दुल्हन बनकर आई थी, उसी घर के सामने उसका विवाह उसके पति की मौजूदगी में अभिराज से हुआ। आरती जब अपने ससुराल से निकली थी तो बैग में बहुत सारा कीमती सामान, जिसमे गहने, रुपये आदि रखा हुआ था। लेकिन विश्वजीत के घर वालो ने इसको कोई मुद्दा नही बनाते हुए विवाह को करवा दिया। बाकायदा इस विवाह के दौरान भरी पंचायत के सामने एग्रीमेंट पेपर भी बनवाया गया ,जिसपर आरती, अभिराज ने ग्रामीणों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किया।
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