यौन शोषण के बाद पुलिसवालों ने धोया पुलिस स्टेशन, आर्मी अफसर की मंगेतर ने पुलिस पर लगाए संगीन आरोप

फौजी की मंगेतर ने कहा है कि घटना की रात जो कुछ हुआ उसके सबूत मिटाने के लिये भरतपुर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक बड़ी साजिश रची है। पुलिस अधिकारियों ने जानबूझकर फोरेंसिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और इसी को लेकर महिला ने क्राइम ब्रांच, कटक को एक औपचारिक शिकायत सौंपी है।

CrimeTak

26 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 26 2024 5:31 PM)

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Bhubaneswar: भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में आर्मी अफसर की मंगेतर के साथ हुए कथित यौन शोषण के मामले में पीड़िता ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। फौजी की मंगेतर ने कहा है कि घटना की रात जो कुछ हुआ उसके सबूत मिटाने के लिये भरतपुर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक बड़ी साजिश रची है। पुलिस अधिकारियों ने जानबूझकर फोरेंसिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और इसी को लेकर महिला ने क्राइम ब्रांच, कटक को एक औपचारिक शिकायत सौंपी है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे आर्मी में कैप्टन उसके मंगेतर के साथ स्पॉट वेरिफिकेशन के लिए 24 सितंबर, 2024 को भरतपुर पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था। इस जांच में फोरेंसिक टीम भी शामिल थी, क्योंकि पूरी घटना भरतपुर पुलिस स्टेशन के परिसर में ही हुई थी।

पूजा के बहाने नष्ट किये गये सबूत

महिला ने आगे बताया कि थाने पहुँचने पर उसे पता चला कि पुलिस अधिकारियों ने पुलिस स्टेशन परिसर के भीतर पूजा के बहाने एक अनुष्ठान और हवन किया था। जिसके बाद पूरे परिसर की सफाई की गई। पीड़िता के मुताबिक ये अनुष्ठान एक पुजारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की देखरेख में किया गया था। पीड़िता का यह भी दावा है कि यह सब उसकी शिकायत पर हो रही जांच से जुड़े अहम सबूतों को जानबूझकर खत्म करने के लिए किया गया। पीड़ित महिला ने ये भी दावा किया कि पूरे पुलिस स्टेशन को दो बार अच्छी तरह से धोया गया, जिसके चलते अहम फोरेंसिक सबूत पूरी तरह से खत्म हो गए। फोरेंसिक जांच टीम को इन्हीं सबूतों को इकट्ठा करना था।

थाने में बदसलूकी का मामला कोर्ट में

इंडिया टुडे से बात करते हुए पीड़ित महिला ने पुष्टि की कि पूजा और अनुष्ठान के नाम पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई और पुलिस स्टेशन को गहराई से साफ किया गया। यह आरोप ऐसे समय पर आया है जब ओडीशा में आर्मी अफसर और उनकी मंगेतर के साथ हुई बदसलूकी का मामला सुर्खियों में है और पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में। ऐसे में पीड़िता का दावा भरतपुर पुलिस स्टेशन में हुई घटना की जांच की विश्वसनीयता पर एक बार फिर शक पैदा करता है। चूंकि मामला फिलहाल एसीजेएम, भुवनेश्वर की अदालत में विचाराधीन है, लिहाजा ये देखना अभी बाकी है कि इन गंभीर आरोपों के बाद पुलिस विभाग और अदालत की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है।

अहम फोरेंसिक सबूतों को बचाने की गुहार

पीड़ित महिला की ओर से क्राइम ब्रांच को दी गई शिकायत में उम्मीद जताई गई है कि पुलिस की ओर से की जा रही जांच निष्पक्ष होगी और उनके साथ इंसाफ किया जाएगा। शिकायत में ये भी कहा गया है कि इस केस को नतीजे तक पहुंचाने के लिये अहम फोरेंसिक सबूतों को संजो कर रखा जाए और किसी भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।

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