RG Kar Case: क्या छीन लिए जाएंगे कोलकाता पुलिस कमिश्नर के मेडल? BJP ने खोला IPS विनीत गोयल के खिलाफ मोर्चा

Kolkata Case: कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष ने इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। ध्यान देने वाली बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कोलकाता पुलिस की जांच पर सवाल उठा चुका है।

CrimeTak

06 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 7 2024 11:44 AM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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बीजेपी ने की कमिश्नर के मेडल छीनने की सिफारिश

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रेप केस में कमिश्नर की भूमिका पर उठाए सवाल

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शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी

Kolkata Case: कोलकाता कांड को लेकर शुरुआत से ही कोलकाता पुलिस कटघरे में है। यही वजह है उस पर चारों तरह से हमला बोला जा रहा है। अब पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिख कर अनुरोध किया है कि वो कोलकाता के  मौजूदा पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को दिए गए राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक को वापस लें। 

पुलिस कमिश्नर पर लगे संगीन आरोप

शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि "आप जानते हैं कि माननीय राष्ट्रपति ने मेधावी सेवा, वीरता और अपने कर्तव्य के प्रति उत्कृष्ट समर्पण को ध्यान में रखते हुए भारतीय संघ के विभिन्न पुलिस बलों के सदस्यों को राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक दिए हैं। अगर पद मिले किसी शख्स के खिलाफ कोई आरोप हैं, जो पुलिस विभाग को बदनाम कर सकता है तो यह चिंता का विषय है। ऐसे ही एक शख्स हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला है उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ऐसे सभी अपमानजनक कृत्यों की पूरी ईमानदारी से जांच की जानी चाहिए और दोषी धारकों को दिए जाने वाले पुरस्कार वापस लिए जाने चाहिएं।" उन्होंने आगे कहा, 'मैं अत्यंत दुःख के साथ आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल सरकार आरजी कर हत्या मामले में विनीत गोयल के निंदनीय, अपमानजनक और शर्मनाक आचरण के संबंध में आपके उपरोक्त निर्देश के अनुसार उचित कार्रवाई करने में विफल रही है।" गोयल को साल 2013 में पीपीएमजी और 2023 में पीएमजी से सम्मानित किया गया था।

इससे पहले खबर ये भी आई थी कि पीड़िता के पिता ने ये भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की और मामले को दबाने की कोशिश की। ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि- "कोलकाता पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कराकर मामले को दबाने की कोशिश की थी। हमें बेटी का शव तक देखने नहीं दिया गया और तो और घंटों पुलिस स्टेशन में इंतजार कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद ही हमें शव सौंपा गया। इसी बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें रिश्वत देने की कोशिश की लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया।" हालांकि अब परिवार इन आरोपों का खंडन कर रहा है।

संदीप घोष के खिलाफ ईडी की जांच शुरू

उधर, अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। संदीप घोष के घर पर ईडी ने छापा मारा है। ईडी ने वित्तीय अनियमितता के मामले में पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया है। संदीप घोष फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में हैं। संदीप घोष के एक रिश्तेदार के घर हुगली में भी ईडी ने छापा मारा है। ईडी ने तीन जगहों पर एक साथ रेड की है। 

संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए गंभीर अनियमितताएं की। करीब 15 दिन की पूछताछ के बाद सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। संदीप घोष की गिरफ्तारी रेप और मर्डर केस में नहीं बल्कि करप्शन के मामले में हुई थी। संदीप घोष के साथ उनके सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल के वेंडर को भी गिरफ्तार किया गया था। जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ तो संदीप घोष वहां के प्रिंसिपल थे। उन पर वारदात को छिपाने और पूरे मामले पर लीपापोती का आरोप लगा था। 14 अगस्त को जांच संभालने के बाद से सीबीआई ने लगातार उनसे पूछताछ की थी। जांच के दौरान संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के पुराने आरोप सामने आए हैं।  

संदीप घोष के आदेश पर घटनास्थल पर तोड़ फोड़ हुई

इस बीच CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि संदीप घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। इस जल्दबाजी को लेकर सवाल उठे थे। अब वो चिट्ठी सामने आ गई है जिसके जरिए घोष ने सेमिनार हाल के पास रेनोवेशन का आदेश दिया था। CBI की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले ही दिन संदीप घोष ने सेमिनार हॉल के आसपास के कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट यानी पीडब्ज्यूडी को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। इस बीच पीड़िता के माता-पिता ने भी एक चिट्ठी में कहा है कि घटनास्थल पर सबूत मिटाने की हर मुमकिन कोशिश की गई।

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