पापा-मम्मी मुझे माफ कर देना, मैं बेकसूर हूं... सुसाइड से पहले MBA स्टूडेंट का वो आखिरी मैसेज, हॉस्टल से कूदकर दी थी जान

News: आईपी यूनिवर्सिटी के एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र गौतम द्वारा आत्महत्या की घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार का आरोप है कि इस घटना में यूनिवर्सिटी की लापरवाही जिम्मेदार है।

CrimeTak

• 02:00 PM • 19 Sep 2024

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News: आईपी यूनिवर्सिटी के एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र गौतम द्वारा आत्महत्या की घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार का आरोप है कि इस घटना में यूनिवर्सिटी की लापरवाही जिम्मेदार है। उनका कहना है कि अगर गौतम ने कुछ गलत किया था, तो परिवार को समय रहते सूचित क्यों नहीं किया गया। घटना के दिन यानी रविवार को भी यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई, जिससे परिवार को गुस्सा और दुख है। सोमवार को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद गौतम का शव परिजनों को सौंपा, जिसे एंबुलेंस के जरिए बिहार ले जाया गया। गौतम मूल रूप से वैशाली, बिहार के निवासी थे और एक महीने पहले ही दिल्ली आए थे।

परिवार का यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप

गौतम के पिता विनोद कुमार सिन्हा ने बेहद भावुक होकर बताया कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी उन्हें यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई। रविवार को दोपहर में आखिरी बार उनकी गौतम से बात हुई थी, और उस समय वह काफी परेशान लग रहा था। फोन पर उसने सिर्फ अपने पिता की तबीयत के बारे में पूछा और कुछ देर बाद फोन काट दिया। इस आखिरी बातचीत के बाद परिवार को यह अंदाजा नहीं था कि गौतम इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।

आखिरी बातचीत और गौतम का वॉट्सऐप संदेश

घटना के कुछ समय पहले, गौतम ने अपने परिवार के वॉट्सऐप ग्रुप पर एक संदेश भेजा, जिसमें उसने लिखा, "पापा-मम्मी मुझे माफ कर देना। मैं बेगुनाह हूं। मुझे गलत फंसाया गया है। वॉर्डन मुझे परेशान कर रहा है। पापा, मैं आत्महत्या कर रहा हूं।" इस संदेश को पढ़ते ही परिवार के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत गौतम को कई बार फोन किया, लेकिन उसका फोन नहीं उठा। इस दौरान, परिवार ने नोएडा में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी और उनसे मदद की गुहार लगाई। 

परिवार को समय पर जानकारी न मिलने का दुख

रात में जब गौतम के रिश्तेदार हॉस्टल पहुंचे, तब उन्हें घटना की जानकारी मिली। गौतम के पिता ने कहा कि चाहे बड़े कॉलेज हों या स्कूल, जब कोई छात्र कुछ गलत करता है या मुश्किल में होता है, तो आमतौर पर उसके परिवार को सूचना दी जाती है। लेकिन गौतम को पिछले तीन दिनों से वॉर्डन द्वारा परेशान किया जा रहा था और यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर उन्हें समय पर बताया गया होता, तो शायद वे अपने बेटे को बचा सकते थे। 

वॉर्डन द्वारा प्रताड़ना का आरोप

गौतम के साथी छात्रों ने भी बताया कि वह एक शांत और मेहनती छात्र था। उसे नशा करने की कोई आदत नहीं थी और न ही उसने किसी तरह की अनुशासनहीनता की थी। उसकी आत्महत्या के पीछे वॉर्डन द्वारा की गई प्रताड़ना का मुख्य कारण माना जा रहा है। परिवार का यह भी कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सही समय पर कदम उठाया होता और परिवार को जानकारी दी होती, तो शायद गौतम आज जिंदा होता।

गौतम की इस दुखद मौत ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही और छात्र सुरक्षा के प्रति उनकी उदासीनता को उजागर किया है। यह मामला न केवल एक छात्र की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह छात्रों की मानसिक सेहत और यूनिवर्सिटी प्रशासन के जिम्मेदार रवैये की भी जरूरत को दर्शाता है।

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