आफताब ने सबकुछ तो बता दिया, तब भी श्रद्धा मर्डर केस सुलझ क्यों नहीं रहा, कहीं ये वजह तो नहीं!

Shams Ki Zubani: श्रद्धा मर्डर केस में यूं तो आफताब ने कत्ल का सारा किस्सा खुद ही अपनी जुबानी पुलिस के सामने कबूल कर लिया, लेकिन हत्या का ये केस की गुत्थी सुलझने के बजाए और भी ज़्यादा उलझती जा रही है।

CrimeTak

30 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:31 PM)

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Shams Ki Zubani: एक तरफ दिल्ली पुलिस श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब को लेकर मारी मारी घूम रही है...कि कहीं से उसे हत्या के वो पक्के सबूत मिल सकें जिससे उसकी अंधेरे में भटकती तफ्तीश को रास्ता मिल सके। उधर पुलिस महकमे में एक सुगबुगाहट आवारा होने लगी है..और उसी सुगबुगाहट ने पुलिस की परेशानी को बेहिसाब बढ़ा दिया है।

एक नई थ्योरी क्या सामने आई तो पुलिस को नया करंट सा लग गया...और वो तेजी से इधर उधर हाथ पांव मारने लगी। वजह भी है क्योंकि पुलिस में इस बात की चर्चा हो रही है कि अगर वाकई कोई तीसरा है तो कहीं उसे भीड़ का हिस्सा बनने का मौका न मिल जाए...या फिर उसे भीड़ से निकालकर क़ानून के सामने लाकर अपनी इज्जत बचाने के लिए पुलिस को और ज़्यादा पसीना बहाना पड़ सकता है।

इस बात में कोई शक नहीं कि तीन दिनों तक आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ मगर अचानक बीच में तबीयत भी खराब हुई और इसमें रुकावट आई...और बाद में जैसे तैसे उसे मंगलवार को पूरा किया जा सका। फिर सोमवार को आफताब के ऊपर हमला भी हुआ।

Aftab Shraddha Murder: और बीते 17 दिनों से आफताब लगातार पुलिस को वो सारी बातें बता रहा है जिसका ताल्लुक क़त्ल से लेकर सबूतों को छुपाने तक हो सकता है। लेकिन इन सारी बातों के बावजूद पुलिस का दिमाग चकरघिन्नी बना हुआ है...

और वजह भी साफ है, क्योंकि पुलिस के सामने बेशक ये बात साफ है कि आफताब ने अब तक कत्ल की बात से लेकर सबूत मिटाने तक की जितनी भी बातें थीं, वो सारी की सारी बिना किसी जद्दोजहद के आसानी से बता दीं, और इसी बात ने पुलिस को परेशान कर रखा है कि जो शख्स सबूत को मिटाने के लिए इतने उपाय कर सकता है, जिसने छह महीनों तक कत्ल की संगीन वारदात अपने सीने में छुपाए रखी, किसी को भनक तक नहीं लगने दी...

यानी वो लड़का बिना किसी हील हुज्जत के सारी बातें इतनी आसानी से कैसे बता रहा है...। कहीं ऐसा तो नहीं कि ये भी उसकी किसी चाल का हिस्सा है, जिससे वो कानून के सिपाही को गुमराह कर सके। और सज़ा के दांव से खुद को बचा सके।

या फिर हालांकि पुलिस को ये भी लगता है कि हो सकता है कि आफताब ने श्रद्धा मर्डर केस में सारी बातें पुलिस के सामने इसलिए भी खोल कर रख दी कि उसे पुलिस की थर्ड डिग्री से बच सके। क्योंकि जो शख्स टीवी सीरियल के जरिए कत्ल के सबूत छुपाने के आइडिया निकाल सकता है...वो उन्हीं सीरियल के जरिए ये भी अच्छी तरह जानता है कि किसी भी अपराधी के लिए पुलिस के चंगुल से बच निकलना क़रीब करीब नामुमकिन है।

Shraddha Murder Case: पॉलीग्राफ टेस्ट में आफताब ने ये बात पूरी तरह से कबूल तो कर ही ली कि उसने ही श्रद्धा का मर्डर किया...उसने ही श्रद्धा की लाश के टुकड़े भी किए और उन्हें ठिकाने भी लगाए...उसने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान ये भी बताया कि उसने कत्ल की वारदात को अंजाम देने के बाद डेटिंग ऐप से नई गर्लफ्रेंड भी तलाश की और उसे अपने फ्लैट में उस वक़्त बुलाया जब श्रद्धा की लाश के टुकड़े उसके फ्रिज में पड़े हुए थे।

आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट में इस बात को भी माना है कि कत्ल की वजह क्या थी...और क्यों आखिर उसने श्रद्धा का खात्मा किया। वो इस बात को भी नहीं छुपा रहा है कि कत्ल के बाद उसने उन हथियारों को कहां कहां फेंका जिनका इस्तेमाल उसने कत्ल के अलावा लाश के टुकड़े करने में किया था।

और बीते 17 दिनों की तफ्तीश के दौरान पुलिस ने कई ऐसी चीजों के मिलने का दावा भी किया है जिनका ताल्लुक कत्ल के इसी केस से है और जो मुमकिनतौर पर इस संगीन मामले में आगे चलकर सबूत भी बन सकते हैं।

Aaftab Polygraph Test: लेकिन पुलिस की जांच करने वाले अधिकारियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो अभी तक ये केस सुलझने के रास्ते से काफी दूर नज़र आ रहा है क्योंकि अभी भी इस केस की कड़ियां बुरी तरह से बिखरी हुई हैं। और उसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि अभी तक पुलिस को कोई सीधा सबूत ऐसा नहीं मिला जिसे ले जाकर वो क़ानून की देवी के सामने रख सके और उसके जरिए ये केस फैसले की मंजिल तक पहुँच सके।

पुलिस महकमें को अब भी कहीं न कहीं यकीन है कि आफताब पूरा सच नहीं बोल रहा है। और उसका यही आधा सच पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। असल में पुलिस की सारी तफ्तीश का दारोमदार साइंटिफिक जांच की रिपोर्ट पर जाकर टिका हुआ है।

क्योंकि अगर सीएफएसएल और एफएसएल की जांच रिपोर्ट पुलिस की उम्मीद के मुताबिक नहीं आया...तब क्या होगा....बस यही बात सोच सोचकर पुलिस का पसीना निकल पड़ता है। क्योंकि उस सूरत में तब तक और देर हो चुकी होगी।

खुले में पड़े सबूत और भी बुरी तरह से खराब और बर्बाद हो चुके होंगे...और इसके अलावा आरोपी को अपने बच निकलने के और भी ज़्यादा रास्ते नज़र आ सकते हैं। जाहिर है इन बातों ने श्रद्धा मर्डर केस की जांच में लगी पुलिस की नींद हराम कर रखी है।

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