2013 में एक नाबालिक लड़की के शरीर को गलत नीयत से टच करने पर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया

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मुंबई उच्च न्यायालय ने बच्चों के प्राइवेट पार्ट्स को टच करना पॉक्सो कानून के तहत यौन शोषण ठहराया है

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जख्म ना होने पर भी बेवजह स्पर्श करना गुनाह माना जाएगा

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कोर्ट ने इस मामले को पॉक्सो कानून की धारा 7 का हवाला दिया

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कोर्ट ने ये भी फैसला दिया कि पीड़िता को किसी के सामने अपने जख्म दिखाने या साबित करने की जरूरत नहीं है

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कोर्ट का कहना है कि इस अपराध में नीयत देखना सबसे अहम माना जाएगा

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