पेगासस एक स्पाइवेयर यानी ये एक जासूसी सॉफ्टवेयर है. इसे इजरायली कंपनी NSO Group ने विकसीत किया है.

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स्पाइवेयर यानी जासूसी सॉफ्टवेयर बिना जानकारी के ही आपके फोन की डिटेल चुरा लेता है. जैसे-मैसेज, कॉन्टैक्ट नंबर, कॉल हिस्ट्री, ईमेल, कॉल और वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर लेता है.

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Pegasus को क्रिमिनल और आतंकियों की जासूसी के लिए बनाया गया लेकिन कुछ खास लोगों को टारगेट कर जासूसी कराने से हुआ विवाद.

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पेगासस वाली कंपनी का मुनाफा हर साल करोड़ों में बढ़ा. फोर्ब्स के मुताबिक, जुलाई 2021 में मार्केट वैल्यू करीब 7500 करोड़ रुपये हो गई.

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Pegasus वाली NSO ग्रुप कंपनी की स्थापना इजराइल की आर्थिक राजधानी तेल अवीव में साल 2010 में हुई थी.

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NSO GROUP को 3 लोगों नीवकर्मी, शैलेव हुलियो और ओमरी लवी ने मिलकर बनाई. इन्हीं तीनों के शुरुआती अक्षर N,S, O के नाम पर कंपनी नाम पड़ा NSO ग्रुप.

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Pegasus का जासूसी सॉफ्टवेयर कैमरे से चुपके से वीडियो भी बना लेता है. GPS से हमारी लोकेशन भी शेयर करता है. यानी 24 घंटे नजर रखता है.

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अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा, भारत सरकार ने 2017 में इजराइल से मिसाइल डील के दौरान पेगासस स्पाइवेयर भी खरीदा था. अब इसी रिपोर्ट के बाद फिर से भारत में चर्चा में आया.

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