मोरबी के राजा वाघजी रावजी ने केबल ब्रिज (झूलता हुआ पुल) बनवाया था, जिसका उद्घाटन 1879 में किया गया था।
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ब्रिटिश इंजीनियरों के द्वारा बनाए गए इस पुल के निर्माण में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।
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765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा ये पुल एतिहासिक होने के कारण गुजरात टूरिज्म की लिस्ट में भी शामिल किया गया था।
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मोरबी की शान कहलाए जाने वाला केबल ब्रिज 143 साल पुराना था, जो रविवार, 30 अक्टूबर 2022 को हादसे का शिकार हुआ।
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पुल का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान किया गया था। मोरबी ब्रिज के जरिए ही राजा राजमहल से राज दरबार तक जाते थे।
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ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है।
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सवाल है कि मरम्मत के 5 दिन बाद पुल हादसे का शिकार कैसे हुआ और कौन इसके लिए जिम्मेदार है ?
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