कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव की लाइफ स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

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कभी 50 रुपये लेकर में स्टेज शो करने वाले राजू श्रीवास्तव उर्फ गजोधर भैया एक ज़माने में ऑटो भी चलाते थे.

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यूपी के कानपुर में जन्में राजू श्रीवास्तव को मिमिक्री करने का अंदाजा अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार से हुआ था.

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एक इंटरव्यू में राजू ने बताया था कि घर से फिल्म देखने की अनुमति नहीं थी. पर दोस्तों के कहने पर दीवार देखने चले गए.

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फिल्म देखते हुए अमिताभ बच्चन का किरदार इतना पसंद आया कि वो उनकी ही एक्टिंग व मिमिक्री करने लगे थे.

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कॉलेज में भी अमिताभ की आवाज निकाली तो दूसरे छात्रों ने तारीफ की. यहीं से राजू को लगा कि उन्हें मुंबई जाना है.

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राजू श्रीवास्तव 1988 में मुंबई पहुंचे पर कई साल तक स्ट्रगल करते रहे. क्योंकि उस समय स्टैंडअप कॉमेडियन नहीं थे.

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राजू बताते हैं कि उन्हें शुरुआत में जॉनी लीवर ने बहुत मदद की. उनकी वजह से उन्हें फिल्मों में काम मिला.

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एक शो में देखकर इन्हें एक कैसेट कंपनी ने कॉमेडी का कैसेट जारी किया. उसी के बाद इनकी शोहरत बढ़ी.

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राजू श्रीवास्तव को 1988 में तेज़ाब फिल्म में एक छोटा रोल मिला था. इसके बाद धीरे-धीरे और रोल मिले.

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द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज ही वो शो था जिसमें राजू श्रीवास्तव का दुनिया ने गजोधर भैया के रूप में देखा और आजतक वो कॉमेडी किंग बने हैं.

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