UP Crime News: … जब यूपी विधान सभा में लगी अदालत, दी गई पुलिसकर्मियों को जेल की सजा, देखिए Video
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UP Assembly Court: आरोपी करार दिए गए पुलिसकर्मियों को विधानसभा में बनी सेल के लॉकअप में ही रात 12 बजे तक कैद रहना होगा।
UP Assembly Court: आरोपी करार दिए गए पुलिसकर्मियों को विधानसभा में बनी सेल के लॉकअप में ही रात 12 बजे तक कैद रहना होगा।
UP Assembly Court Video: शुक्रवार को यूपी विधान सभा में एक कोर्ट लगाई गई। जी हां विधानसभा में अदालत जैसी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। दरअसल ये मामला करीब 19 साल पहले यानि साल 2004 का है। आपको बता दें की साल 2004 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार हुआ करती थी। इसी दौरान बिजली कटौती को लेकर बीजेपी कानपुर शहर में धरना प्रदर्शन कर रही थी। आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया था। इस लाठीचार्ज में बीजेपी के नेता सलिल बिश्नोई का पैर टूट गया था और कई नेताओं को चोटें आई थीं। ये धरना प्रदर्शन सतीश महाना जो कि अब विधान सभा अध्यक्ष हैं उनकी अगुवाई में हो रहा था।
यही वो केस है जिसमें विधान सभा के अंदर विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का केस चल रहा था। ये मामला विधान सभा की कमेटी में रखा गया था। जिसमें 6 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। इन दोषियों में तत्कालीन डिप्टी एसपी अब्दुल समद, थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, एसआई थाना कोतवाली त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह यादव, सिपाही विनोद मिश्र और सिपाही मेहरबान सिंह शामिल हैं। ये सभी कानपुर में तैनात थे। जिप्टी एसपी अब्दुल समद इस घटना के बाद प्रशासनिक सेवा में चले गए थे। अब्दुल समद हाल ही में आईएएस पद से रिटायर हुए हैं।
दरअसल यूपी विधानसभा ये सुनवाई 2004 से 2005 तक चली थी। 17 साल पहले आरोपियों को दोषी भी करार दे दिया गया था। 2005 से सजा का एलान होना बाकी थी। शुक्रवार को सदन की अदालत में अध्यक्ष सतीश महाना ने सजा सुनाए जाने के पहले विपक्ष के नेताओं की राय पूछी। आरोपियों को भी सफाई में बोलने का मौका दिया गया। तत्कालीन सूओ अब्दुल समद ने सदन से माफी भी मांगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश से सदन में पूछा गया तो उन्होने कहा कि ये परंपरा गलत है। सजा का ऐलान होने के बाद सदन के मार्शल सभी पुलिसकर्मियों को सदन से लॉकअप में लेकर चले गए। अब रात 12 बजे तक इन पुलिसकर्मियों के सदन के लॉकअप में रहना होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि इससे पहले यूपी विधानसभा में साल 1964 में अदालत लगाई गई थी।
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यूपी विधानसभा में चल रही अदालत पर पीड़ित विधायक रहे सलिल विश्नोई ने कहा यह कार्रवाई जरूरी है, दोष तो पहले ही सिद्ध हो चुका है। अखिलेश यादव के पलटवार पर कहा कि उनकी सरकार में यह सब काम हुआ है तो वो सवाल करेंगे ही लेकिन भले ही 1 घंटे की सही दोषी पुलिसकर्मियों को सजा मिलनी चाहिए। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दोषियों के लिए 1 दिन की जगह कुछ घंटों का कारावास की अपील की जिसपर सदन के विधायकों के असहमति जताई। बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने कहा की अध्यक्ष के कहने के बाद अब बदलाव नहीं हो सकता। विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए 1 दिन का कारावास की सजा सुनाई है।
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