Video: यूपी के मंत्री ने धोये शिवलिंग के अरघे में हाथ, विवाद होने पर माफी मांगी
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Video UP Minister: उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के अरघे में हाथ धोने का वीडियो वायरल होने के बाद इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर मंत्री को पद से हटाने की मांग की है।
Video UP Minister: उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के अरघे में हाथ धोने का वीडियो वायरल होने के बाद इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर मंत्री को पद से हटाने की मांग की है।
Video UP Minister: उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के अरघे में हाथ धोने का वीडियो वायरल होने के बाद इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर मंत्री को पद से हटाने की मांग की है। घटना को लेकर विवाद के बाद माफी मांगते हुए मंत्री ने कहा कि वह सपने में भी सनातनी आस्था के अनादर की बात नहीं सोच सकते और अगर उनके इस आचारण से किसी को पीड़ा हुई है तो वह उसके लिये क्षमाप्रार्थी हैं। वहीं, मंदिर के पुजारी का कहना है कि राज्य मंत्री के हाथ में प्रसाद की सामग्री लगी थी, लिहाजा अरघे में हाथ धुलवाया गया। और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
मंत्री सतीश शर्मा का शिवलिंग के अरघे में हाथ धोने का वीडियो वायरल
बाराबंकी जिले के रामनगर स्थित पौराणिक लोधेश्वर महादेव मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा शिवलिंग की स्थापना के लिए बने घेरे में हाथ धोते दिखाई दे रहे हैं। उनके साथ प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद हैं। वीडियो 27 अगस्त का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सतीश शर्मा और जिले के प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद रामनगर तहसील के हेतमापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने पहुंचे थे। इसी दौरान दोनों ने पौराणिक मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इस घटना पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया और उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
शिवलिंग की स्थापना के लिए बने घेरे में हाथ धोते दिखाई दिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा, ''शिवलिंग के अरघे में हाथ धोना अधर्मी कार्य है। यह वही आदमी कर सकता है जिसे सनातन धर्म की परवाह ना हो। भगवान शिव का यह अपमान भाजपा के मंत्री ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चाहिये कि वह इस धर्म विरोधी कार्य के लिये उन्हें बर्खास्त करें।'' सपा के वरिष्ठ नेता सुनील सिंह ने कहा, ''यही काम अगर किसी और जाति के नेता ने किया होता तो अब तक भाजपाइयों ने उसका निष्कासन करा दिया होता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अधर्मी मंत्री का निष्कासन कब करेंगे। यही भाजपा का असली चरित्र है कि पहले धर्म के नाम पर वोट मांगेंगे और बाद में अधर्म के काम करेंगे।'' इस बीच, मामला तूल पकड़ने पर राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि अगर उनके कार्य से किसी को पीड़ा हुई है तो वह क्षमा चाहते हैं।
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विवाद होने पर मंत्री ने मांगी माफी
उन्होंने एक बयान में कहा, ''आज से नौ दिन पहले मैं बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर में पूजा—अर्चना के लिये गया था। वहां पर पूजाचार्य ने जल, दूध, दही, शहद और अबीर—गुलाल इत्यादि से अभिषेक कराया। मेरे हाथ में चंदन और शहद लगा हुआ था जिस पर आचार्य जी ने शिव जी के चरणों के नीचे मेरा हस्त प्रक्षालन कराया। उसके बाद भोग चढ़ाया गया। मैं खुद सनातनी हूं। भगवान शिव मेरे आराध्य हैं। मैं स्वप्न में भी सनातनी आस्था के अनादर की बात सोच नहीं सकता हूं। मेरे इस कार्य से अगर किसी को पीड़ा हुई है तो मैं उसके लिये क्षमाप्रार्थी हूं।'' शर्मा ने विपक्ष पर इस मुद्दे को बेवजह तूल देने का आरोप भी लगाया। इस बीच, लोधेश्वर महादेव मंदिर के पुरोहित आदित्य तिवारी ने कहा कि मंत्री के हाथ में पूजा का चंदन लगा हुआ था और उन्होंने अरघे में हाथ धोकर कुछ गलत नहीं किया है।
मंत्री के हाथ में पूजा का चंदन लगा था
तिवारी ने 'पीटीआई—भाषा' से कहा, ''मंत्री सतीश शर्मा के हाथ में पूजा करने के बाद चंदन आदि लगा हुआ था। उन्होंने अपने हाथ धुलने को कहा, तो शिवलिंग के बगल में धुलवा दिया गया। ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि वह प्रसाद के रूप था। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।'' प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य मंत्री शर्मा का बचाव करते हुए कहा, ''सपा और कांग्रेस बेशर्मी की सीमा पार कर रहे हैं। इतनी बड़ी बात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे (उदायनिधि स्टालिन) ने बोली है, उस पर तो इन पार्टियों ने मौन साध रखा है। सतीश शर्मा परम शिवभक्त हैं। उनको इस प्रकार से प्रचारित करने का कोई औचित्य ही नहीं है।''
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(PTI)
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