Video: व्हीलचेयर नहीं मिली तो पेशेंट को स्कूटी पर लेकर तीसरी मंजिल पर पहुंचे वकील, देखिए फिर क्या हुआ?
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Kota Scooty Hospital Video: प्लास्टर चढ गया था तीसरी मंजिल से बेटे को लाना था। अस्पताल में व्हील चेयर नहीं मिली तो मनोज जैन सीधे स्कूटी लेकर तीसरी मंजिल पर चले गए।
Kota Scooty Hospital Video: प्लास्टर चढ गया था तीसरी मंजिल से बेटे को लाना था। अस्पताल में व्हील चेयर नहीं मिली तो मनोज जैन सीधे स्कूटी लेकर तीसरी मंजिल पर चले गए।
Kota Scooty Hospital Video: एजूकेशन नगरी कोटा के अस्पताल का हाल देख कर आप भी हैरान रह जाएंगे। अस्पताल के वार्ड में स्कूटी चल रही है। अस्पताल की लिफ्ट में स्कूटी जा रही है। मरीज स्कूटी पर तीसरी मंजिल से उतरा है। ये सब वीडियो में देखा जा सकता है। असपताल की चमकदार इमारत तो बनी पर यहां व्हील चेयर नहीं थी। एक वकील पिता बेटे को लेकर अस्पताल गया और पेशेंट को लेकर स्कूटी समेत लिफ्ट में दाखिल हो गया।
याद आया थ्री इडियट फिल्म का सीन
थ्री इडियट फिल्म का ये सीन आपको बखूबी याद होगा। राजू यानी शरमन जोशी के पापा को आमिर खान स्कूटी पर लेकर सीधे अस्पताल के वार्ड में पहुंच गए थे। इमरजेंसी थी इसलिए इंतजार का वक्त नहीं था। अब जरा राजस्थान के कोटा के एमबी अस्पताल का ये नजारा वीडियो में देखिए। कोटा के वकील मनोज जैन ने शायद थ्री इडियट से ही आइडिया लिया। उनको बेटे के पैर में फ्रेक्चर था।
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सीधे स्कूटी अस्पताल तीसरी मंजिल पर
प्लास्टर चढ गया था तीसरी मंजिल से बेटे को लाना था। अस्पताल में व्हील चेयर नहीं मिली तो मनोज जैन सीधे स्कूटी लेकर तीसरी मंजिल पर चले गए और बेटे को स्कूटी पर बैठाकर लिफ्ट से ऑर्थो वार्ड से नीचे ले आए।तब तक अस्पताल को अपनी बदइंतजामी और एक अदद व्हील चेयर तक नहीं होने की खामी का अहसास हो गया था। आनन फानन में अफसर दौडे और वार्ड में स्कूटी लेकर गए वकील को रोक लिया। वकील और अस्पताल प्रशासन में तीखी बहस हुई।
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वकील और अस्पताल प्रशासन में तीखी बहस
वकील मनोज जैन की दलील है कि स्टाफ की इजाजत लेकर ही वो स्कूटी को लेकर ऊपर ऑर्थो वार्ड तक गए थे। अस्पताल प्रशासन भी मान रहा है कि व्हील चेयर नही है। खरीद का प्रस्ताव गया था लेकिन खारिज हो गया था। अब दान में व्हील चेयर का इंतजाम करेंगे। अब बताइये! ये तो इंतजाम है। अस्पताल मे व्हील चेयर है नहीं।
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