कातिल ने जिससे कत्ल को छुपाया, उसी ने दे दिया सुराग; मुंबई सूटकेस मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी

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कातिल ने जिससे कत्ल को छुपाया, उसी ने दे दिया सुराग; मुंबई सूटकेस मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी
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Mumbai Suitcase Murder Mystery : हर क़ातिल परफ़ेक्ट मर्डर करना चाहता है. पर कई बार कुछ क़त्ल खुद ही सुराग दे जाते हैं. कुछ ऐसा हुआ था मुंबई का सूटकेस मर्डर कांड. क़ातिल ने सुराग को छुपाने के लिए खतरनाक साजिशें रचीं. कातिल ने जिसे साजिश का हिस्सा समझा था असल में उसी में एक छोटा सा सुराग छुपा था. और उसी सुराग ने कातिल का पता दे दिया.

इस क़त्ल ने पुलिस को जितना उलझाया. उस क़त्ल के खुलासे के बाद इसने उससे कहीं ज्यादा पुलिस को चौंकाया. ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या एक मासूम इतनी बेरहम हो सकती है. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in Hindi) मायानगर मुंबई की बेहद ही सस्पेंस थ्रिलर मर्डर मिस्ट्री.

Crime Stories in Hindi : मुंबई का खूबसूरत माहिम बीच (Mahim Beach) . सैर-सपाटे के लिए अच्छी जगह. उस दिन तारीख थी 2 दिसंबर साल 2019. लोग सुबह-सुबह टहल रहे थे. तभी समुद्र किनारे एक सूटकेस बहता हुआ आया. इसे देख लोगों को तटरक्षक पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने उस सूटकेस को जैसे ही खोला. सभी की आंखें खुली की खुली रह गईं. उसमें एक हाथ और एक पैर. बाकी शरीर का कोई हिस्सा नहीं.

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अब हाथ और पैर के एक-एक टुकड़े को देखकर ये तो पता चल गया कि ये किसी मर्द यानी पुरुष के हैं. पर किसके. ये पता नहीं चल पाया. क्योंकि उसमें धड़ का हिस्सा तो था नहीं. पर देखने से ये पता चला कि सूटकेस में दाएं पैर और बाएं हाथ के एक-एक टुकड़े हैं. इसके साथ ही इनसे टपकने वाले खून को सोखने के लिए कुछ कपड़े भी सूटकेस में भरे गए थे.

अब ये देखकर मुंबई पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मछुआरों को बुलाया. इस उम्मीद में कि शायद इस सिर और धड़ कटी हुई लाश के दूसरे हिस्से आसपास कहीं मिल जाएं. मछुआरों ने भी काफी मेहनत की. लेकिन कुछ नहीं मिला. आखिरकार पुलिस ने सूटकेस समेत सबकुछ अपने कब्जे में ले लिया. और फिर कटे हुए मानव अंग को अस्पताल में भेज दिया. अब पुलिस ने आसपास के एरिया के सीसीटीवी फुटेज की जांच की. पर कोई सुराग नहीं मिला. और ना संदिग्ध जिसके आधार पर आगे की जांच बढ़ाई जाए.

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अब पुलिस ने लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए मुंबई के सभी थानों में सूचना भिजवा दी. बहुत से लापता लोगों की जानकारी मिली. लेकिन किसी का ताल्लुक उस सूटकेस में मिले कटे हुए हाथ और पैर से नहीं मिला. अब कोई सुराग नहीं मिलने पर मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई.

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Murder Mystery ki Kahani : मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने फिर से घटनास्थल का दौरा किया. और फिर उस सूटकेस से सुराग की तलाश में जुट गई. जिसमें कटे हुए हाथ और पैर मिले थे. पुलिस ने सूटकेस में मिले कपड़ों की पड़ताल की. जिसमें एक शर्ट. एक लाल रंग का स्वेटर और एक पैंट थी. अब पुलिस के पास ले-देकर सुराग तलाशने के लिए ये कपड़े और सूटकेस ही था. बाकी कटे हुए एक हाथ और एक पैर. जिनसे कोई सुराग नहीं मिल रहा था.

अब कपड़ों की बारीकी से चेक करने पर पुलिस को शर्ट पर एक टैग मिला. जिस पर लिखा था एल्मो मेन्स वियर (Almo Men’s Wear). चूंकि ये शर्ट किसी टेलर के पास सिलवाई गई थी. इसलिए उस टेलर का पता लगाया गया. आखिरकार पुलिस को वो दुकान मिल गई. ये दुकान थी मुंबई के कुर्ला पश्चिम में बेलगामी रोड पर.

इस दुकान पर पहुंचकर पुलिस ने टेलर को वो शर्ट दिखाई. फिर उसके बिल के बारे में जानकारी मांगी. अब पुलिस की किस्मत अच्छी थी कि कई घंटों की छानबीन के बाद उस शर्ट के बिल की कॉपी मिल गई. असल में टेलर बिन स्टिच किए हुए कपड़ों का छोटा टुकड़ा काटकर उसे अपने बिल में भी लगा लेता था. इसी वजह से उस बिल को निकालने में मदद मिली. अब उस बिल से पता चला कि ये शर्ट किसी बेनेट रिबेलो ( Bennett Rebello) ने सिलवाई थी.

पर उस पर ना फोन नंबर लिखा था और ना ही घर का पूरा एड्रेस था. इस तरह एक अहम सुराग तो मिला लेकिन ये बेनेट रिबेलो कौन था. ये पुलिस को पता नहीं चल पाया. इसलिए पुलिस ने फिर खाली हाथ हो गई. लेकिन जांच रुकी नहीं.

Crime ki Khanai : अब पुलिस ने इंटरनेट और सोशल मीडिया का सहारा लिया. पुलिस ने फेसबुक पर इस नाम को सर्च करना शुरू किया. इस नाम के काफी फेसबुक यूजर मिले. करीब एक दर्जन से ज्यादा. अब एक-एक कर सभी के पोस्ट और उनके फोटो को खंगाला जाने लगा. इसी बीच, पुलिस को बेनेट रिबेलो नाम के एक फेसबुक प्रोफाइल पर नजर टिकी.

उस शख्स की कद काठी और कई फोटो में हाफ शर्ट या टी-शर्ट पहने होने से हाथ साफ-साफ दिख रहा था. जिससे अंदाजा लगाया गया ये व्यक्ति हो सकता है. उस व्यक्ति के पोस्ट करीब 50 से ज्यादा पोस्ट को देखने के बाद आखिरकार पुलिस को बड़ा सुराग मिला. वो सुराग फेसबुक पोस्ट से मिला. असल में एक फोटो में ये शख्स ठीक उसी तरह का लाल स्वेटर पहना हुआ था जो सूटकेस में मिला था.

इस शख्स का नाम तो बेनेट रिबेलो ही था और ये पेशे से म्यूजिशियन था. अब पुलिस को फेसबुक पर एक और बड़ा सुराग मिला. जिसमें उसने अपना एक आईडी-कार्ड डाला हुआ था. उस आईडी-कार्ड पर लिखा एक पार्टी के कार्यकर्ता होने का दावा करते हुए उसने अपना पता और मोबाइल नंबर भी लिखा था.

फोन करने पर जब वो मोबाइल नंबर बंद मिला तो पुलिस का इसी प्रोफाइल और सूटकेस मर्डर के बीच करीबी रिश्ता होने का शक ज्यादा हो गया. अब पुलिस उस कार्ड पर लिखे एड्रेस सांताक्रूज ईस्ट के कलिना विलेज पहुंची. वहां घर पर ताला लगा था. अब जैसे-जैसे पुलिस को इसमें अड़चनें मिल रहीं थीं वैसे वैसे पुलिस कातिल के करीब पहुंच रही थी.

घर पर ताला लगा था इसलिए पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ. पुलिस ने फेसबुक फोटो दिखाकर पूछा. तो पता चला कि बेनेट रिबेलो इसी घर में रहते हैं. पर कई दिनों से दिखाई नहीं दिए. उनकी गोद ली हुई बेटी भी कुछ दिनों से नहीं दिख रही है. पर ये पता चल गया कि बेटी का नाम आराध्या पाटिल उर्फ रिया बेनेट रिबेलो है. उसकी उम्र करीब 18 से 19 साल है.

इस लड़की को काफी समय पहले बेनेट रिबेलो ने सड़क किनारे मजबूर रहते हुए देख एक महिला के जरिए गोद लिया था. इसके लिए बाकायदा उन्होंने कानूनी तौर पर कागजात भी बनवाए थे.

Mumbai Murder Mystery Story : अब पुलिस उस लड़की की तलाश में जुट जाती है. लेकिन सुराग नहीं मिलने पर पुलिस ने कानूनी तौर पर बेनेट रिबेलो के घर का ताला तोड़कर तलाशी शुरू करती है. उस दौरान काफी खोजबीन करने पर रिया का फोन नंबर मिलता है. और साथ ही उसकी एक नोटबुक मिलती है. अब इस नोटबुक को पढ़ते ही पुलिस को जो अब तक शक और संदेह बना हुआ था वो सबकुछ यकीन में बदल जाता है.

असल में उस कागज के टुकड़ों पर लिखा था...

Dad, I am sorry, really really sorry, god sorry Dad, sorry for you, I am a bad girl... कैसे जिसने घर पर रहने दिया उसी को मैंने मार दिया. जिसने परवरिश की है उसी को मैंने मार दिया. sorry for that, sorry, sorry, sorry”...

अब ये पढ़कर पुलिस समझ गई कि कातिल कोई और नहीं बल्कि गोद ली हुई बेटी है. लेकिन कहते हैं ना कि जब तक कातिल आंखों के सामने ना आ जाए और खुद ही जुबां से ये कबूल ना कर लें या फिर पुख्ता सबूत ना मिल जाए तब तक शक वाकई में उसी मुट्ठी में बंद रेत की तरह ही होता है. जब तक मुट्ठी बंद तब तक रेत सेफ है और मुट्ठी की पकड़ ढीली पड़ते ही रेत बिखर जाता है.

वैसे ही ये शक अभी तक शक ही था. लेकिन सवाल भी था. जो बेटी खुद लिख रही है पापा आपने मुझे घर पर रहने की जगह दी और परवरिश की. यानी गोद ली हुई बेटी का जो पिता सहारा बना उसी बाबुल का बेटी मर्डर कैसे कर सकती है. ये सवाल भी पुलिस को उलझाए हुई थी. इसी बीच, पुलिस को रिया के मोबाइल फोन की लोकेशन से उसकी जानकारी मिल गई.

ये लोकेशन थी मुंबई के घाटकोपर इलाके की. पुलिस तुरंत वहां पहुंची. उस लोकेशन पर ही रिया मिल गई. पहले तो पुलिस को देखकर वो भी घबराई. फिर पुलिस ने उसके पापा बेनेट रिबेलो के बारे में पूछा. रिया ने जवाब दिया कि वो कुछ दिनों के लिए देश से बाहर विदेश चले गए हैं. इसलिए वो अपने दोस्त के साथ आ गई थी. फिर पुलिस ने उसे समझाते हुए उस नोटबुक को दिखाया जिसमें उसने पिता को मारने की इमोशनल लाइनें लिखी थी.

इसे देखते ही रिया टूट गई. इमोशनल होकर रोने लगी. और रोते हुए मर्डर की पूरी कहानी बता दी. फिर उसने बताया कि उसका एक दोस्त है. जो उम्र में मुझसे छोटा है. वो लड़का 16 साल का है. उससे 4 महीने पहले ही मुलाकात हुई थी. रिया जब सिद्धिविनायक मंदिर घूमने गई थी तभी मंदिर में ही उससे मुलाकात हुई थी. फिर दोनों ने एक दूसरे का फोन नंबर ले लिया था. इसके बाद दोनों रोजाना बात करने लगे.

बात करते हुए दोनों अच्छे दोस्त बने फिर प्यार करने लगे. इसी दौरान रिया ने अपने दोस्त से वो बात बताई जिसे वो काफी समय से छुपा रखी थी. उसने बताया कि जिसके रिबेलो के पास वो रहती है वो उसके सगे पिता नहीं है. बल्कि उन्होंने गोद लिया है. रिबेलो बहुते अच्छे म्यूजिशियन थे. वो म्यूजिक टीचर भी थे. जो ट्रेनिंग देते थे. रिबेलो की दो शादियां हुई थी. लेकिन दोनों से वो अलग रहने लगे थे. फिर मुझे गोद लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन कराया था जिसमें उन्होंने मेरी पढ़ाई से लेकर खाने-पीने और सबकुछ की जिम्मेदारी ली थी.

लेकिन धीरे-धीरे समय गुजरता गया और फिर वो मेरा यौन शोषण करने लगे. वो मुझे अक्सर सेक्सुअली असॉल्ट करते हैं. ये बाते सुनने के बाद रिया का दोस्त काफी गुस्से में आ गया. उसी ने फिर बेनेट रिबेलो को रास्ते से हटाने की साजिश बनाई.

रिया ने पुलिस को बताया कि दोस्त और मैंने मिलकर 23 नवंबर 2019 को ही बेनेट को मारने की प्लानिंग बनाई थी. लेकिन किसी वजह से उसे अंजाम नहीं दे सके. इसके बाद 26 नवंबर 2019 की शाम को मेरा दोस्त पहले ही घर आ गया था.

बेनेट जब घर आए उससे पहले ही दोस्त ने मेरे दिलोदिमाग में उसकी हरकतों को लेकर इतना गुस्सा भर दिया था कि सामने देखते ही मैंने थप्पड़ जड़ दिया. गुस्से में चीखी. चिल्लाई और सवाल पूछा कि आखिर उसने मेरी जिंदगी के साथ ऐसा क्यों किया. एक पिता की तरह क्यों नहीं पेश आया. रिया को ऐसे गुस्से में देखकर बेनेट समझ गया कि ऐसा वो अपने दोस्त की बातों में आकर ही कह रही है.

Bennett Rebello murder Mystery : इसलिए बेनेट ने हाथ में घर में रखे गिटार को उठाया और उस लड़के को मारने के लिए आगे बढ़ा. तभी पीछे से रिया ने डंडे से तेजी से बेनेट के सिर पर हमला कर दिया. इसके बाद कई बार हमला और फिर दोनों ने पीट-पीटकर बेहोश कर दिया और फिर बेनेट को किचन में ले गए. वहां पर पता चला कि बेनेट की अभी भी सांसें चल रही हैं. इसके बाद मच्छर मारने वाले स्प्रे ले आए और पूरा का पूरा स्प्रे ही बेनेटे के मुंह पर डाल दिया. इसके बाद चाकू से मारकर मौते के घाट उतार दिया.

हत्या के बाद लाश को बाथरूम में ले गए और वहां पर पूरी रात खून बहने दिया. ताकी खून शरीर से निकल जाए. इसके बाद अगले दिन यानी 27 नवंबर 2019 को मार्केट से तेज धार वाले 4 चाकू खरीद लाए. इसी चाकू से बेनेट की लाश को काटने लगे. लेकिन शरीर नहीं कट पा रहा था. इसके बाद चारों चाकू को गैस पर गर्म करते और फिर शरीर को कई घंटों की मशक्कत के बाद कई टुकड़ों में काट डाला.

हथौड़े से शरीर की हड्डियों को भी तोड़ा. इसके बाद मार्केट से एक सूटकेस और बड़े-बड़े पॉलिथीन बैग खरीद लाए. इसके बाद उस बेनेट के एक हाथ और एक पैर के साथ उसके प्राइवेट पार्ट को एक सूटकेस में डाल दिया. लेकिन इसमें से अभी भी थोड़ा खून निकल रहा था. इसलिए बेनेट की शर्ट, पैंट के साथ एक लाल स्वेटर को भी सूटकेस में डाल दिया ताकी खून उसी में सूख जाए और कटे हुए हाथ-पैर भी ना दिखें.

बाकी शरीर के धड़ व दूसरे कटे हुए हिस्से को डबल पॉलिथीन बैग में बंद कर दिया. इसके बाद रात होने पर उसे पास में बहने वाली मिठी नदी (Mithi River) में ले जाकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था. पुलिस की जांच के अनुसार, दो सूटकेस और एक पॉलीबैग में दो अलग-अलग समय पर जाकर शव के टुकड़ों को मिठी नदी में फेंका था.

इस नदी से ही सूटकेस बहते हुए अरब सागर में पहुंच गया और फिर ये माहिम दरगाह के पास माहिम बीच (Mahim Beach) के किनारे आ गया था. जहां से 2 दिसंबर 2019 की सुबह पुलिस को सूटकेस मिला था. अब पूरी कहानी सुनकर पुलिस भी हैरान हो गई थी. इस केस में पुलिस ने आरोपी लड़के को बाल सुधार गृह भेजा था. क्योंकि वो 16 साल का था. जबकि रिया को जेल भेजा गया. क्योंकि उसकी उम्र 19 साल थी. अब इस केस में पुलिस ने यही कहा कि अगर दोनों हत्या के बाद बेनेट रिबेलो की शर्ट और लाल स्वेटर उस सूटकेस में नहीं डाले होते तो शायद इस क़त्ल का राज हमेशा के लिए दफन हो गया होता.

इंटरनेट पर देखा था कैसे लाश को ठिकाने लगाएं : पुलिस की जांच में ये भी सामने आया कि लड़की के दोस्त को पता चल गया था कि बेनेट की मौत के बाद उनकी सारी प्रॉपर्टी रिया के नाम पर हो जाएगी. इसलिए भी हत्या कर शव को ऐसे ठिकाने लगाना चाहते थे कभी भी इसका खुलासा ना हो सके.

इसलिए हत्या से पहले ही इंटरनेट पर ये सर्च किया था कि आखिर कैसे शव को डिस्पोज किया जाए जिससे कोई सुराग ना मिले. कई जगह इंटरनेट पर पढ़ने के बाद ही शव के अलग-अलग कई टुकड़े कर सूटकेस और पॉलिथीन बैग में नदी में दफनाया था.

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