Crime Story : साइलेंट किलर बीवी की कहानी, 2 महीने तक पति का मर्डर किया और सुराग भी नहीं छोड़ा

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Crime Story : साइलेंट किलर बीवी की कहानी,  2 महीने तक पति का मर्डर किया और सुराग भी नहीं छोड़ा
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Crime Story : उसे ऐसा मर्डर करना था कि वो कत्ल ही ना लगे. एक सामान्य मौत लगे. और उसने वैसा ही मर्डर कर डाला. एक शख्स के पेट में अचानक दर्द उठा. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसके शरीर की धड़कन से लेकर कई ऑर्गन अचानक फेल हो गए. फिर उसकी मौत हो गई. लेकिन ये मौत सामान्य नहीं थी. इसके पीछे थी गजब की साजिश. वो साजिश जिसे खुद उसकी पत्नी ने अंजाम दिया था. 7 महीने तक उसने साजिश रची और 2 महीने तक वो लगातार पति का मर्डर करती रही. लेकिन आखिर ऐसी साजिश क्या थी कि उसने मर्डर भी कर दिया और मरने से पहले उसे कभी अहसास भी नहीं होने दिया. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in hindi) में मुंबई के सांताक्रूज के बिजनेसमैन (Santacruz businessman Murder) की मर्डर की कहानी.

Mumbai Murder Mystery : मुंबई का सांताक्रूज इलाका. यहां के पॉश एरिया में कमलकांत शाह (KamalKant Shah) का परिवार रहता है. परिवार में पत्नी काजल शाह. इनके दो बच्चे. कमलकांत शाह की मां भी पहले रहती थीं. लेकिन इनकी इसी साल अगस्त महीने में ही पेट में दर्द उठने और फिर मल्टी ऑर्गन फेल होने से मौत हो गई थी. कमलकांत शाह एक गारमेंट कंपनी का बिजनेस चलाते थे. कुछ साल से इनकी पत्नी से विवाद चल रहा था.

दोनों में काफी लड़ाई हुई. फिर पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर पिछले साल ही अपने मायके चली गई थी. इसके बाद जून 2022 में फिर से पति के घर लौट आई थी. हालांकि, काजल के पति से रिश्ते ठीक नहीं थे. लेकिन दोनों बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए वो अपने पति कमलकांत के पास आई थी. जिससे बच्चों को माता-पिता दोनों का प्यार मिल सके.

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यहां तक तो सबकुछ ठीक चल रहा था. 24 अगस्त 2022 की बात है. कमलकांत शाह के पेट में काफी दर्द होने लगा. उल्टी भी होने लगी. इसके बाद उन्होंने अपने फैमिली डॉक्टर को घर बुलाया. उन्हें अपनी परेशानी बताकर दवा भी ली. लेकिन आराम नहीं मिला. उल्टी और दर्द बढ़ता ही गया. इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां भी इलाज से आराम नहीं मिला तब उन्हें चर्चित बॉम्बे अस्पताल में एडमिट कराया गया. गारमेंट बिजनेसमैन को यहां भी आराम नहीं मिला. डॉक्टरों ने उनके कई मेडिकल टेस्ट किए. ब्लड टेस्ट किए. उसकी रिपोर्ट देखकर डॉक्टरों को यकीन नहीं हुआ. इलाज जारी रहा लेकिन 19 सितंबर को कमलकांत शाह की मौत हो गई.

मुंबई में साइलेंट पॉइजन से हुए मर्डर की कहानी

डॉक्टरों ने जब कमलकांत शाह के ब्लड की जांच की तो उसमें मेटल यानी धातु की मात्रा सामान्य से कई सौ गुना ज्यादा थी. ये जांच रिपोर्ट 13 सितंबर को ही आई थी. जिसमें पता चला कि कमलकांत शाह के खून में आर्सेनिक (Arsenic) की मात्रा सामान्य से 400 गुना ज्यादा है और थैलियम (Thallium) की मात्रा 365 गुना ज्यादा है. यहां ये जानना जरूरी है कि आर्सेनिक की सामान्य मात्रा से ज्यादा शरीर में होना जहर जैसा होता है. असल में ये दोनों साइलेंट जहर हैं. इससे ये शक हुआ कि आखिर कमलकांत शाह के शरीर में ये दोनों मेटल की मात्रा कैसे ज्यादा हुई. इसके बाद उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

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पहले मां और बेटे की अजीब मौत, पुलिस हो गई थी हैरान

Crime Story in hindi : इस अजीब और बेहद सस्पेंस वाले मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच ने शुरू की. इस मामले में कमलकांत शाह की बहन कविता से पुलिस ने बातचीत की. कमलकांत की पत्नी काजल से भी पूछताछ की गई. इस दौरान कविता ने बताया कि जब उसके भाई अस्पताल में भर्ती थे तो भी काजल बार-बार कुछ पैसों की जानकारी मांग रही थी.

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इसके लिए उसके चेहरे पर कभी परेशानी वाला भाव नहीं देखा. ये भी बताया गया कि कमलकांत की मौत के कुछ दिनों बाद ही उनकी पत्नी काजल लाइफ इंश्योरेंस की डिटेल लेकर जानकारी जुटाने लगी थी. ऐसे में उसे शक है कि मौत के पीछे कोई दूसरी वजह तो नहीं है. इस शक के आधार पर क्राइम ब्रांच ने काजल की कॉल डिटेल से लेकर पूरी पड़ताल शुरू की.

इस दौरान ये भी पता चला कि कमलकांत शाह की मां सरला देवी की मौत भी ऐसे ही हुई थी. 13 अगस्त 2022 को कमलकांत की मां की कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में मल्टी ऑर्गन फेल होने से ही मौत हुई थी. उसके एक महीने बाद ही कमलकांत की भी उसी तरह से मौत हो गई. यानी कहीं इन दोनों मौत के पीछे कोई खास वजह तो नहीं. सवाल ये भी था कि आखिर इनके शरीर में खतरनाक केमिकल आर्सेनिक और थैलियम कैसे आया होगा.

इस पर डॉक्टरों से राय ली गई. तब डॉक्टरों ने बताया कि आर्सेनिक और थैलियम दोनों को अगर पानी या खाने में मिला दिया जाए तो ना कोई रंग में बदलाव आता और ना ही टेस्ट में. लेकिन सवाल ये था कि अगर एक ही परिवार में कमलकांत, उनकी मां, पत्नी काजल और दो बच्चे हैं. सभी लोग एक ही खाना और पानी पी रहे हैं तो दो लोगों में ही इसकी मात्रा कैसे ज्यादा पाई गई. इसके बाद काजल का मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा गया तो पहले मना करने लगी.

इसके बाद पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल की जांच की तो पता चला कि कमलकांत शाह के बचपन के दोस्त हितेश जैन से काजल की काफी बात होती है. इसके बाद पुलिस ने दोनों की पूरी डिटेल निकालकर पूछताछ की तब पता चला कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं. और दोनों ने मिलकर कमलकांत की प्रॉपर्टी और इंश्योरेंस के पैसे पाने के लिए ऐसा मर्डर किया जिससे दोनों की मौत हो जाए और शक भी नहीं हो.

प्रेमी ने इंटरनेट पर पढ़कर 7 महीने से कर रहा था मर्डर की साजिश

Murder Mystery in hindi : इस पूरी जांच में पता चला कि हितेश जैन ने ही इंटरनेट पर पढ़ा था कि ऐसा कौन सा केमिकल या सामान है जिससे खाने से इंसान की मौत हो जाए और किसी को शक भी नहीं हो. इंटरनेट पर पढ़ने के बाद हितेश को पता चला कि आर्सेनिक और थैलियम साइलेंट जहर हैं. इन दोनों का अपना कोई कलर नहीं होता है. यानी अगर पानी या खाने में मिला दिया जाए तो कोई अंतर नहीं दिखेगा. इसके साथ ही इनमें कोई स्वाद भी नहीं होता है. यानी जब किसी चीज में मिलाया जाता है तो खाने या पीने पर किसी तरह के अंतर का पता नहीं चलेगा. लेकिन ये धीरे-धीरे शरीर में जहर का काम करेंगे.

जिससे इंसान के शरीर के अंदर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और मौत हो जाती है. आर्सेनिक और थैलियम दोनों देश में बैन हैं. यानी इसे कोई आसानी से नहीं खरीद सकता है. लेकिन कुछ बिजनेस कार्यों के लिए शर्तों और लिखित में जानकारी देने के बाद इसे खरीदा जा सकता है. इस केस में भी हितेश ने ही फेक बिजनेस प्लान बनाकर एक कंपनी से आर्सेनिक और थैलियम दोनों मंगाए थे. इन दोनों को काजल पानी में मिलाकर जून में पति के घर लौटने के बाद से ही अपनी सास और कमलकांत दोनों को दे रही थी.

चूंकि आर्सेनिक और थैलियम दोनों आसानी से बिना कोई कलर छोड़े पानी में घुल जाते हैं इसलिए पीते समय कभी शक नहीं हुआ. इसी वजह से धीरे-धीरे उनके शरीर के अंग खराब होते चले गए. कमलकांत की मां बुजुर्ग थीं इसलिए उनकी मौत पहले हो गई. उनके एक महीने के भीतर ही कमलकांत की मौत हो गई. इन दोनों की मौत के बाद से पूरी प्रॉपर्टी और गारमेंट बिजनेस पर अब काजल का अधिकार हो जाना था.

इसके अलावा लाखों रुपये का कमलकांत का इंश्योरेंश भी था. इसे भी काजल हड़पना चाहती थी. हितेश और काजल की यही साजिश थी कि कमलकांत और उसकी मां की मौत के बारे में किसी को पता भी नहीं चलेगा और आसानी से प्रॉपर्टी और बीमा का पैसा मिल जाएगा. जिसके बाद दोनों अपनी जिंदगी अच्छी गुजारेंगे. लेकिन दोनों को ये पता नहीं था कि जहर चाहे धीमा हो या फिर कैसा भी उससे मौत होगी और शक भी गहराएगा. आखिरकार पुलिस ने 3 दिसंबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया और अब रिमांड पर मौत के दोनों केस से जुड़े अहम सबूत को तलाशा जा रहा है.

दोस्त की पत्नी को फंसा लिया था अपने जाल में

ये पता चला है कि कमलकांत शाह और आरोपी प्रेमी हितेश जैन दोनों बचपन के दोस्त हैं. कमलकांत की उम्र करीब 46 साल थी. वहीं काजल की उम्र 45 साल. करीब 10 साल पहले शादी के बाद ही हितेश से काजल की मुलाकात हुई थी. जब कमलकांत और काजल में अनबन होने लगी तब धीरे-धीरे हितेश से दोस्ती बढ़ती गई. पिछले कई सालों से हितेश और काजल एक दूसरे को प्यार करने लगे थे. इसलिए काफी समय से दोनों मिलकर ऐसे कत्ल करना चाहते थे कि कोई सबूत ना छोड़ पाएं. इसलिए आर्सेनिक और थैलियम के जरिए साइलेंट किलर का इस्तेमाल कर मर्डर का तरीका निकाला था.

पुलिस की जांच में पता चला कि हितेश और काजल दोनों पिछले 7 महीने से मर्डर की प्लानिंग में जुटे थे. इसी प्लानिंग के तहत काजल 15 जून को अपने पति के घर लौटी थी. घर आने के बाद से ही काजल अपने पति और सास को साइलेंट जहर देने लगी थी. लेकिन कभी उन्हें पता ही नहीं चला कि उनका मर्डर किया जा रहा है.

क्या है आर्सेनिक और थैलियम

What is Arsenic And Thallium : आर्सिनक किसी इंसान के शरीर में खाना पचाने से लेकर कई जरूरी कार्यों के लिए नेचुरल तरीके से छोड़े जाने वाले एंजाइम को खराब कर देता है. जिससे शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे में शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. वहीं, थैलियम भी पानी में घुलने वाला केमिकल है. ये भी कोई रंग नहीं छोड़ता और ना ही इसमें स्वाद होता है. इनका इस्तेमाल पूरी दुनिया में साइलेंट किलर के तौर पर किया जाता है.

कई तानाशाहों से लेकर कई नेताओं की हत्या इन्हीं केमिकल से हुई है. ये शरीर में धीरे-धीरे असर करती हैं जिससे तुरंत नहीं पता चलता है. जब शरीर के अंग खराब हो जाते हैं तब उल्टी, पेट में दर्द और सिर दर्द की शिकायत होती है. जिसके बाद शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और मौत हो जाती है. आर्सेनिक और थैलियम के इस्तेमाल से 15 से 25 दिन में ही आर्गन फेल हो जाते हैं.

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