तो इस वजह से तिहाड़ जेल के डीजी (जेल) संदीप गोयल को हटाया गया ?
Tihar Jail DG Sandeep Goyal Removed: दिल्ली की तिहाड़ जेल के मुखिया संदीप गोयल को डीजी तिहाड़ के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह संजय बेनीवाल को जेल का नया मुखिया बनाया गया है।
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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Tihar Jail DG Sandeep Goyal Removed : दिल्ली की तिहाड़ जेल के मुखिया संदीप गोयल को डीजी तिहाड़ के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह संजय बेनीवाल को जेल का नया मुखिया बनाया गया है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस वक्त ही ये फैसला क्यों लिया गया ? क्या इसके पीछे ठग सुकेश द्वारा लगाए गए तमाम आरोप है ? या फिर ये रूटीन ट्रांसफर है ? संदीप गोयल 1989 बैच के आईपीएस अफसर है। वो विभिन्न पदों पर रहे हैं।
इस बाबत गृह विभाग का आर्डर सामने आया है। संदीप गोयल पर आरोपी सुकेश चंद्रशेखर ने तमाम आरोप लगाए थे। उसने कहा था कि संदीप गोयल ने उससे करीब 12 करोड़ रुपए लिए थे। संदीप गोयल 1989 बैच के अफसर है। संजय बेनीवाल भी 1989 बैच के अफसर है।
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शुक्रवार सुबह इस बाबत एक आदेश जारी किया गया। उन्हें पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
सुकेश चंद्र शेखर विवाद के अलावा हाल ही में ED ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को तिहाड़ में मिल रही तमाम सुविधाओं का खुलासा दिल्ली की अदालत में किया था। ईडी ने अदालत में तिहाड़ जेल का सीसीटीवी भी दिखाया था। हालांकि इस पर अदालत का कोई अंतिम फैसला नहीं आया है।
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संदीप गोयल के DG जेल रहते हुए तिहाड़ जेल में कई कांड हुए।
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1. सुकेश चंद्र ठगी का खुलासा, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने किया था
2. सत्येंद्र जैन को सुविधा मिलने का खुलासा - ईडी ने किया। अदालत में इस बाबत CCTV भी सौंपा।
3. गैंगस्टर अंकित गुर्जर का जेल में मर्डर भी विवादों में रहा। तिहाड़ जेल के अंदर गैंगस्टर अंकित गुर्जर को जेल अधिकारियों ने पीट पीट कर मार डाला। इस मामले की जांच CBI कर रही है। आरोप है की जेल अधिकारियों ने Extortion की मांग की थी। अंकित ने नहीं दी तो उसकी हत्या हो गई थी।
4. तिहाड़ जेल में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी कर रहे थे फोन का इस्तेमाल - दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने तिहाड़ में बंद दो इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों को गिरफ्तार किया था जो फोन का इस्तेमाल कर रहे थे।
5. इसके अलावा जेल में बंद लारेंस बिश्नोई मूसेवाला हत्याकांड के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था जिसका खुलासा आज तक/इंडिया टुडे ने किया था।
6. इस मामले में संदीप गोयल पर सत्येंद्र जैन के करीबी होने के भी आरोप लगे। ये आरोप भी लगा कि उन्होंने रिश्वत के तौर पर करीब 12 करोड़ रुपए लिए। हालांकि ये आरोप ठग सुकेश ने लगाया था। उसने कोई सबूत पेश नहीं किया था।
सवाल ये भी है कि क्या सिर्फ इन वजहों से उन्हें हटा दिया गया या फिर इसके पीछे कुछ और कारण है।
जो भी इस अहम पद पर रहता है, जाहिर है उसके कार्याकाल के दौरान कुछ कांड जरूर होते हैं, लेकिन इन वजहों से उसे हटा दिया जाए तो ये बात गले से उतरती नहीं है। जानकारों का मानना है कि किसी की पोस्टिंग अच्छी बीते वो इस बात पर भी निर्भर करती है कि उसकी गृह मंत्रालय और सरकार में कितनी पैठ है। हां, ये जरूर है कि अगर कांड बड़ा हो, तो अधिकारी नप भी सकता है। या फिर अगर अधिकारी के खिलाफ डायरेक्ट सबूत सामने आ जाए तो भी कार्रवाई हो सकती है।
जब 80 अफसरों का नाम आया था सामने तब क्यों नहीं हटाया था डीजी को ?
सुकेश मामले को लेकर तिहाड़ जेल सुर्खियों में जरूर आई। सुकेश की मदद करने के आरोप में 80 से ज्यादा अफसर नपे भी, लेकिन तब भी डीजी संदीप गोयल को हटाया नहीं गया था, लेकिन सुकेश के लेटर बम के बाद तुरंत उन्हें हटा दिया गया। अब इसे क्या कहेंगे। क्या डीजी के खिलाफ कोई सबूत मिला ? या फिर प्रेशर में उन्हें हटाया गया ? प्रेशर किसका था और क्यों था ? इस पर विचार करने की जरूरत है।
क्या मिलीभगत की वजह से गई कुर्सी ?
तिहाड़ जेल को दिल्ली सरकार मैनेज करती है, लेकिन यहां सीनियर पद पर आईपीएस अफसर की तैनाती का अधिकार गृह मंत्रालय को होता है। ऐसे में क्या डीजी की दिल्ली सरकार से मिली भगत थी ? , जो आरोप उन पर लगा है और इसी वजह से उनकी छुट्टी हुई। सवाल कई है, जिनका जवाब शायद नहीं मिलेगा।
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