"ब्रा ऊपर की और पैंट नीचे, फिर जूते से छाती पर ठोकरें मारीं" वाला बयान कितना सच्चा, कितना झूठा ? अब चलेगा पता, झूठ पकड़ने वाली मशीन से होगा पुलिसवाले का सामना

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"ब्रा ऊपर की और पैंट नीचे, फिर जूते से छाती पर ठोकरें मारीं" वाला बयान कितना सच्चा, कितना झूठा ? अब चलेगा पता, झूठ पकड़ने वाली मशीन से होगा पुलिसवाले का सामना
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महिला के बयान की होगी जांच

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कौन सच्चा, कौन झूठा?

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SHO का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट!

अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Odisha Police: उड़ीसा पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट भरतपुर थाने के एसएचओ का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की तैयारी में जुट गई है। भरतपुर थाने के एसएचओ SHO दिनकृष्ण मिश्रा का Polygraphy test करवाने के लिए आज कोर्ट ने उड़ीसा क्राइम ब्रांच की टीम अर्जी दाखिल करेगी। इससे पता चलेगा कि एसएचओ साहब क्या सच बोल रहे हैं या झूठ?

उड़ीसा पुलिस के टॉप अधिकारियों के मुताबिक, एसएचओ ने टेस्ट के लिए अपनी सहमति भी दी है और कोर्ट में भी टेस्ट के लिए सहमति देंगे।

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उड़ीसा पुलिस के अधिकारियों का दावा है की SHO पूरी रात पुलिस स्टेशन में नहीं थे। वो सुबह 6 बजे पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। ये वारदात भुवनेश्वर के भरतपुर थाने में हुई थी। इस मामले के सामने आने के बाद ओडिशा पुलिस ने पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस महिला ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया था।

क्या बयान दिया था महिला ने?

भारतीय सेना में नियुक्त एक मेजर की मंगेतर ने कहा था - उन लोगों ने मेरी जैकेट से ही मेरे हाथ बांध दिए। एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से मेरे पैरों को बांधकर, मुझे एक कमरे के अंदर बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक पुलिसवाला आया और मेरी ब्रा हटाकर मेरे ब्रेस्ट पर लगातार लात मारता रहा। 

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महिला के मुताबिक, 15 सितंबर की रात लगभग 1 बजे का वक्त था। वो अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर जा रही थीं। कार में उनके साथ उनके मंगेतर भी थे। पीड़िता के मंगेतर भारतीय सेना में मेजर हैं। इसी बीच कुछ लड़कों ने उनकी कार रोकी और हाथापाई करने लगे। महिला और उनके मंगेतर किसी तरह बचकर निकले और सीधे भरतपुर पुलिस थाने पहुंचे। 

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यहां उन्होंने अपनी शिकायत देते हुए तुरंत कार्रवाई की बात कही। महिला का कहना है कि थाने में एक महिला कांस्टेबल नाइटी पहने हुए रिसेप्शन पर बैठी थी। जब महिला पुलिसकर्मी से मदद मांगी गई तो उसने उलटे उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। 

जब पीड़िता महिला ने उसे यह बताने की कोशिश की कि वो एक वकील हैं और एफआईआर दर्ज करना उनकी ड्यूटी है तो महिला पुलिस कर्मी बुरी तरह भड़क गई। दूसरी तरफ मेजर भी जोर-जोर से बोल रहा था। इस दौरान गुस्से में आकर दूसरे पुलिसकर्मियों ने मेजर को हवालात में बंद कर दिया। पीड़ित महिला ने जब कहा कि वो एक आर्मी ऑफिसर को इस तरह सलाखों के पीछे बंद नहीं कर सकते तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने उनके बाल पकड़े और मारपीट शुरू कर दी।

आरोप है कि इन लोगों ने पीड़िता के हाथ उनकी जैकेट से और पैर एक महिला कांस्टेबल के दुपट्टे से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया। पीड़िता के मुताबिक, कुछ देर बाद उस कमरे में एक पुलिसवाला आया और उनकी ब्रा उतारने के बाद लगातार उनके ब्रेस्ट पर लात मारने लगा। सुबह करीब 6 बजे थाने के इंचार्ज इंस्पेक्टर वहां आए और महिला की पैंट नीचे की। इसके बाद उन्होंने अपनी पैंट उतारी और अपना निजी अंग दिखाते हुए महिला से भद्दे तरीके से बात की। इन तमाम आरोपों की जांच जारी है। 

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