क्या इंस्पेक्टर ने सचमुच कपड़े उतार दिखाया प्राइवेट पार्ट? अब Polygraphy Test खोलेगा आर्मी अफसर की मंगेतर के दावों का सच

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क्या इंस्पेक्टर ने सचमुच कपड़े उतार दिखाया प्राइवेट पार्ट? अब Polygraphy Test खोलेगा आर्मी अफसर की मंगेतर के दावों का सच
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Bhubaneshwar: आर्मी अफसर और उनकी मंगेतर के साथ बदसलूकी, मारपीट और यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस अब बड़े एक्शन की तैयारी में है। ओडीशा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उस थाना इंचार्ज का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का फैसला किया है जिस पर महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। भरतपुर थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर दीनकृष्ण मिश्रा के पॉलीग्राफी टेस्ट के लिये पुलिस ने आज कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर दी है। ओडीशा पुलिस के टॉप अफसरों के मुताबिक एसएचओ ने पॉलीग्राफी के लिये अपनी सहमति दे दी है और कोर्ट के सामने भी इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग करने को लेकर भी हामी भरी है। 

यौन शोषण का आरोपी थाना इंचार्ज पॉलीग्राफी को तैयार

दरअसल आर्मी कैप्टन और उनकी मंगेतर ने आरोप लगाया था कि भरतपुर थाने के पुलिसवालों ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की जिसके बाद कैप्टेन को लॉक अप में बंद कर दिया गया जबकि उनकी मंगेतर को हाथ पैर बांध कर एक दूसरे कमरे में बंद कर दिया गया। मगर ज्यादा संगीन आरोप पीड़ित महिला की ओर से थाना इंचार्ज पर लगाया गया था। महिला का आरोप था कि देर रात थाने पहुंचे इंस्पेक्टर ने उन्हें निर्वस्त्र कर उनका यौन शोषण किया। पॉलीग्राफ टेस्ट के जरिये पुलिस की जांच टीम अब इन्हीं आरोपों का सच जानना चाहती है।

पुलिस का दावा रात को थाने में नहीं था थाना इंचार्ज

पर जहां एक ओर ओडीशा पुलिस अपने ही थाना इंचार्ज के खिलाफ इन संगीन आरोपों की जांच कर रही है, वहीं दूसरी ओर सूबे में पुलिस के आला अफसरों ने दावा किया है कि थाना इंचार्ज उस रात पुलिस स्टेशन में थे ही नहीं। इन अधिकारियों के मुताबिक एसएचओ अगले रोज सुबह 6 बजे पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। यानी जांच पूरी होने से पहले ही पुलिस अधिकारी थाना इंचार्ज के खिलाफ लगे आरोपों के मनगढ़ंत होने की ओर इशारा कर रहे हैं। 

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पुलिस ने जारी की रात की टाइमलाइन

इस घटना को लेकर पुलिस की तरफ से उस रात को कब क्या हुआ इसे लेकर एक टाइमलाइन भी जारी की गई है। पुलिस के मुताबिक 14 सितंबर की रात आर्मी कैप्टन और उनकी मंगेतर रात 11 बज कर 55 मिनट पर बूज़ बूज़ इन बार पहुंचे थे। यहां ये दोनों रात तकरीबन 1 बज कर 35 मिनट तक रहे। इसके बाद ये अपनी कार से ड्राइव पर निकले जहां संभवत: एक दूसरी कार को ओवरटेक करने को लेकर इनका कुछ लड़कों से विवाद हुआ। इस वक्त रात के 2 बज कर 20 मिनट हो रहे थे। इस विवाद के दौरान दोनों पक्षोंं के बीच बहस शुरू हुई जिसके बाद नौबत मारपीट तक पहुंच गई। कैप्टन और उनकी मंगेतर इसके बाद किसी तरह घटनास्थल से निकल पड़े। चूंकि दोनों अपने साथ हुई घटना की शिकायत पुलिस के पास दर्ज कराना चाहते थे लिहाजा वो नजदीकी पुलिस स्टेशन भरतपुर थाने पर पहुंचे। थाने तक पहुंचते पहुंचते 2 बज कर 40 मिनट का वक्त हो चुका था। 

पीड़ित महिला ने थाने में किया हंगामा?

पुलिस के मुताबिक कैप्टन और उनकी मंगेतर जब भरतपुर थाने पहुंचे तब वहां दो महिला और दो पुरुष पुलिसकर्मी मौजूद थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक थाने में रहते हुए कैप्टन की मंगेतर ने काफी हंगामा किया और खुद को वकील बता कर पुलिसवालों पर दबाव बनाने की कोशिश की। पुलिस स्टेशन में पर्याप्त स्टाफ न होने को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए और थाना इंचार्ज को तुरंत पुलिस स्टेशन बुलाने को कहा। हालांकि थाने से मिली जानकारी के मुताबिक एसएचओ इंस्पेक्टर मिश्रा अगले दिन यानी 15 सितंबर की सुबह 6 बजे ही पुलिस स्टेशन पहुंचे। पुलिस ने इसके अलावा उस अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज भी निकलवाई है जहां कैप्टन और उनकी मंगेतर को मेडिकल जांच के लिये ले जाया गया था। 

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बढ़ा चढ़ा कर लगाए मारपीट के आरोप?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कैप्टन की मंगेतर थाने में अपने साथ जिस तरह की मारपीट का दावा कर रही हैं और मीडिया के सामने जिस तरह व्हील चेयर पर बैठ कर पेश हुईं, उस तरह की चोटें उनके अस्पताल पहुंचने पर वीडियो फुटेज में नहीं दिखाई दे रही हैं। अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज में वो अपने पैरों पर आराम से चलती हुई अस्पताल में दाखिल होती दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा अस्पताल के डॉक्टरों ने जब खून में शराब की मौजूदगी की जांच के लिये दोनों से अपना ब्लड सैंपल देने को कहा तो कैप्टन और उनकी मंगेतर ने अपने अधिकारों का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया। बहरहाल अब जांच आगे बढ़ने के बाद पुलिस को यकीन है कि उन पर लगे यौन शोषण और मारपीट के संगीन आरोपों का सच जल्द ही सामने आ जाएगा।

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