देवरिया कांड: छोटे भाई को देना था बर्थडे गिफ्ट, घर पहुँचा तो सामने पड़ी थी खून से लथपथ लाश
Deoria Land Dispute: छोटे भाई का बर्थडे मनाने घर पहुंचा, जश्न की जगह मिली पूरे परिवार की लाश।
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Deoria Murder Case: सुबह का वक्त, ठंडक का अहसास दिलाने वाली हवा में अचानक बचाओ बचाओ की चीख पुकार तैरने लगी, और गोलियों की तड़तड़ाहट से सारा आलम दहशत की गर्मी से भर गया...ये खौफनाक मंजर था उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के उस घर का जहां सोमवार की सुबह सत्य प्रकाश दुबे का परिवार नींद से जागने के बाद हमेशा हमेशा के लिए मौत की नींद में सो गया।
10 बीघा जमीन का झगड़ा
सोमवार को उत्तर प्रदेश के देवरिया में जो कांड हुआ वो हाल के समय में हुए हादसों और वारदात में शायद सबसे भयानक है। यहां एक दस बीघा जमीन के एक विवाद की वजह से एक ही परिवार के पांच लोगों की लाशें बिछ गईं। भागवत कथा कहने के लिए घर से बाहर गए परिवार के बड़े बेटे की जान बच गई।
छोटे भाई को देना था गिफ्ट, मिली लाश
इस वाकये का सबसे दिल दहलाने वाला पहलू ये है कि जब परिवार के उस बचे हुए बेटे ने अपनी बात कही। उसने कहा कि अपने छोटे भाई गांधी को जन्मदिन पर उसे एक उपहार देना चाहता था लेकिन जब वो घर लौटा तो उसकी लाश सामने पड़ी थी।
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पूरे परिवार का सफाया
देवरिया में जमीन के झगड़े में एक शख्स की हत्या के बदले में दूसरे पक्ष ने बच्चों समेत पूरे परिवार का सफाया कर दिया। एक ही झटके में पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इस पूरी घटना में कुल छह लोगों की मौत हुई है और इस घटना की खबर जहां जहां तक पहुँची लोगों की रुह कांप गई।
पांच लोगों को उतारा मौत के घाट
बताया जा रहा है कि जिस परिवार के पांच लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया उनका नाम सत्या प्रकाश दुबे है। जिस बात ने समूचे इलाके को हिलाकर रख दिया वो था परिवार के सबसे छोटे बेटे गांधी की हत्या। उसका 2 अक्टूबर को जन्मदिन मनाया जाता था लेकिन 2 अक्टूबर को ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
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भागवत पाठ की वजह से बचा बड़ा बेटा
इस वाकये में परिवार का बड़ा बेटा देवेश इसलिए बच गया क्योंकि वो एक रात पहले ही यानी रविवार को ही शाम को बलिया के लिए निकल पड़ा था क्योंकि वहां उसे एक भागवत कथा का पाठकरना था। देवेश ने बताया कि कथा पाठ के बाद उसने घर लौटकर अपने छोटे भाई गांधी का जन्मदिन मनाने का प्लान बनाया था। सत्य प्रकाश ने गांधी का नाम इसलिए गांधी रखा था क्योंकि वो 2 अक्टूबर को पैदा हुआ था। सत्यप्रकाश के तीन बेटे औरतीन बेटियां थीं जिनमें से सलोनी की उम्र 18 साल नंदनी की उम्र 15 साल थी जबकि सबसे छोटा अनमोल बुरी तरह से घायल है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घर की सबसे बड़ी बेटी शोभिता की शादी हो चुकी है और बड़ा बेटा देवेश पूजा पाठ और कथा कहने का काम करता है। रविवारको वो बलिया जिले में भागवत कथा का पाठ करने के लिए गया था जिससे वो परिवार के दुश्मनों के हत्थे नहीं चढ़ा।
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दो परिवारों का खूनी झगड़ा
पता चला है कि थाना रुद्रपुर के फतेहपुर गांव में एक जमीन को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव और सत्य प्रकाश दुबे के बीच विवाद चल रहा था। असल में सत्य प्रकाश का आरोप ये था कि प्रेम यादव उनकी जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। जबकि प्रेम यादव का दावा था कि वो जमीन उसकी है। इसी बात पर दोनों परिवारों में लंबे समय से खटपट चली आ रही थी। बता दें कि जमीनी झगड़े में पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या के बाद एक ही परिवार के 5 लोगों को बेरहमी से मार डाला गया। पति-पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे का गला काटा गया फिर गोली मारी गई। हमलावरों ने मासूम बच्चे को भी नहीं बख्शा। उसे मरा हुआ समझ कर हत्यारे वहां से चले गए थे मगर वो बुरी तरह घायल था मगर उसकी सांसे चल रही थीं।
पूरा गांव छावनी में बदला
घायल हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके की नजाकत को समझते हुए पुलिस प्रशासन ने फिलहाल पूरे गांव को छावनी में बदल दिया है। लखनऊ से आए आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस जघन्य वारदात का संज्ञान लिया है।
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