टूटी टांगें लिये सामने आए सपा नेता, जाली नोटों का धंधा पकड़ यूपी पुलिस ने तोड़ दी टांगें, पकड़ी लाखों की Fake Currency

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टूटी टांगें लिये सामने आए सपा नेता, जाली नोटों का धंधा पकड़ यूपी पुलिस ने तोड़ दी टांगें, पकड़ी लाखों की Fake Currency
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Kushinagar: यूपी के कुशीनगर में पुलिस ने जाली नोटों की तस्करी करने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पर हैरानी की बात ये है कि इस रैकेट को चलाने वाला कोई पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी समाजवादी पार्टी का एक नेता निकला। पुलिस के मुताबिक समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव रफी खान उर्फ बबलू इस गैंग का रिंग लीडर है। यही नहीं पकड़े गए कुल 10 आरोपियों में सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ (Cultural Cell) का उपाध्यक्ष नौशाद खान भी शामिल है। बताया जाता है कि अपने राजनीतिक रसूख और सीमा पार नेपाल में संबंधों के चलते ये दोनों अपने साथियों के साथ जाली नोटों का ये कारोबार धड़ल्ले से कर रहे थे। मगर पुलिस के हाथ लगने के बाद जब ये आरोपी मीडिया के सामने पेश किये गये तो इनमें से कइयों की टांगों पर पट्टी बंधी थी और चलने से लाचार होने के चलते इन्हें व्हील चेयर पर बैठा कर लाना पड़ा। जाहिर है पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान इनकी अच्छी खासी खातिरदारी की गई थी। 

भारत और नेपाल, दोनों को लगा रहे थे चूना

वैसे पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये गिरोह जाली नोटों को स्कैनर और प्रिंटर की मदद से बनाता था। दिलचस्प बात ये है कि ये गैंग इस तरीके से भारत और नेपाल दोनों ही देशों की जाली करेंसी छापता था और फिर अपने नेटवर्क के जरिये इन्हें सीमा पार अपने एजेंटों के पास पहुंचवा देता था। ये जाली नोट इसके बाद धीरे-धीरे करेंसी के आम सर्कुलेशन में आ जाते और व्यापारियों के जरिये आम लोगों की जेबों तक पहुंच जाते। जो नोट बैंकों तक पहुंचते उन्हें तो नष्ट कर दिया जाता लेकिन जो नोट एक हाथ से दूसरे हाथ पहुंचते वो सर्कुलेशन में रह कर लगातार देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते। पुलिस का दावा है कि जाली नोटों का ये पूरा कारोबार सपा की लोहिया वाहिनी के नेता रफ़ीक खान उर्फ बबलू की सरपरस्ती में ही चल रहा था।

सीमा पार नेपाल में था जबरदस्त नेटवर्क

कुशीनगर के एसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि मुख्य आरोपी रफी खान की नेपाल, यूपी और बिहार के बॉर्डर से लगते सीमावर्ती इलाके में अच्छी खासी पैठ है और इसी का इस्तेमाल कर उन्होंने जाली नोटों का कारोबार भारत और नेपाल दोनों ही देशों में जगह-जगह फैला रखा था। पकड़े गए दस आरोपियों की पहचान नियाजउद्दीन उर्फ मुन्ना, नौशाद खान, सिराज हशमती, परवेज इलाही उर्फ कौसर आफरीदी, मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान, शेख जमालुद्दीन, रेहान खान उर्फ सद्दाम, औरंगजेब, मोहम्मद रफी और हाशिम खान के तौर पर की गई है। इनके अलावा यूपी पुलिस को बिहार के सिवान के रहने वाले जितेंद्र यादव, गोपालगंज के मनीष कुमार और कमरुद्दीन समेत चार लोगों की अब भी तलाश है। इनकी लोकेशन जानने और गिरफ्तारी करने को लेकर पकड़े गये आरोपियों से सिलसिलेवार पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि बचे हुए आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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पकड़ा गया जाली नोटों का बड़ा जखीरा

जाली नोटों का कारोबार करने वाले इस गिरोह के पास से 5 लाख 62 हजार के जाली नोट, जाली करेंसी के बदले अर्जित की गई 1 लाख 10 हजार रुपये की असली भारतीय करेंसी, नेपाल की करेंसी में 3 हजार रुपये, 315 बोर के 10 अवैध देसी तमंचे, 30 जिंदा कारतूस, 12 कारतूसों के खोखे, 4 देसी सुतली बम, 13 मोबाइल फोन और 2 नेपाली सिम समेत 26 फर्जी दस्तावेजों पर खरीदे गये सिम भी पुलिस ने बरामद किये हैं। 

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