आखिरकार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से छूटे, 1 जून तक मिली है अंतरिम जमानत

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Delhi CM Arvind Kejriwal Released from Tihar Jail : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से छूट गए। दरअसल, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। इसके बाद interim bail order तिहाड़ जेल पहुंचा। वहां सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। इससे पहले आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता से लेकर हजारों कार्यकर्ता तिहाड़ जेल पर मौजूद थे। वहां उन्होंने केजरीवाल के पक्ष में नारे लगाए।
उधर, ईडी ने भी एक चार्जशीट दाखिल की है। इसमें केजरीवाल का नाम नहीं है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें अंतरिम बेल दी थी।

कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई

कोर्ट ने कहा कि वह जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए जमानत बांड प्रस्तुत करेंगे। वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे। वो बिना एलजी की मंजूरी के फाइलों पर साइन नहीं करेंगे। वो केस से संबंधित कोई बयान नहीं देंगे। केजरीवाल किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल को अपने पास नहीं मंगवाएंगे। 

चुनाव लोकतंत्र को संजीवनी प्रदान करता है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस वक्त देश में सबसे अहम चुनाव हो रहे हैं, जो कि लोकसभा के हैं। इस राष्ट्रीय महत्व के चुनाव में देश के कुल 97 करोड़ मतदाताओं में से करीब 65 से 70 करोड़ वोटर्स अगले 5 साल के लिए देश की सरकार चुनेंगे। देश का आम चुनाव लोकतंत्र को संजीवनी प्रदान करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहां कि जांच एजेंसी का यह तर्क बिल्कुल सही है कि अरविंद केजरीवाल को 9 समन जारी किए गए और उसके बावजूद भी समन का पालन नहीं किया गया। ED का यह तर्क जाहिर तौर पर केजरीवाल के खिलाफ जाता है लेकिन जमानत देते हुए हमने अन्य पहलुओं पर भी विचार किया है।

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क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और राष्ट्रीय दल के नेता और राष्ट्रीय दल के संयोजक भी हैं। ऐसे में उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, वह गंभीर हैं लेकिन अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास है और ना ही समाज को उनसे कोई खतरा है। कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल को जमानत देना कोई अनोखा मामला नहीं है, ऐसे कई मौकों पर सुप्रीम कोर्ट ने कई आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगस्त 2022 से मामला लंबित है। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। ऐसे मामले में केजरीवाल की जमानत के आधार को फसलों की कटाई या फिर किसी व्यावसायिक गतिविधि से नहीं जोड़ा जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि हमने केजरीवाल की लोकसभा चुनाव में भूमिका को देखते हुए जमानत दी है।
 

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