उठनी थी बेटी की डोली, मगर उठ गया पिता का जनाज़ा, एनकाउंटर के बाद दारोगा की मौत

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उठनी थी बेटी की डोली, मगर उठ गया पिता का जनाज़ा, एनकाउंटर के बाद दारोगा की मौत
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बेटी के सपने आंखों में लेकर सो गया एक दारोगा पिता

LATEST CRIME NEWS:बिहार के सासाराम में एक दारोगा पिता ने अपनी बेटी की शादी के लिए कितने सपने देखे थे। कितने अरमानों को पंख लगाए थे, लेकिन शायद होनी को कुछ और ही मंज़ूर था, तभी तो बेटी की डोली उठने से पहले ही दारोगा पिता की अर्थी उठ गई।

तीन दिनों तक अस्पताल में मौत से जंग लड़ते लड़ते आखिरकार दारोगा की ज़िंदगी हार गई। जिस घर में शादी की शहनाई बजने वाली थी वहां अब मातम पसरा हुआ है। ये किस्सा सासाराम का है। सासाराम ज़िले के गांव शिवसागर के सोनडिहरा में दारोगा वीरेंद्र पासवान

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ज़िंदगी की जंग हार गया एक दारोगा पिता

BIHAR CRIME STORY: दरोगा पिता ने बिटिया की शादी के लिए बड़े अरमान पाले थे। अरमानों को तब और पंख लगे जब बेटी की शादी तय हो गई। चंद दिनों बाद 16 फरवरी को बारात आनेवाली थी पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। बेटी की डोली उठने से पहले पिता की अर्थी उठी। तीन दिनों तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ने के बाद आखिरकार वह हार गए। रविवार को दारोगा बीरेन्द्र पासवान की सांसें थम गईं और उनके परिवार में खुशियों की जगह मातम पसर गया।

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औरंगाबाद के दाउदनगर में तैनात दारोगा बीरेंद्र पासवान को इत्तेला मिली कि कुछ नामी बदमाशों ने लूटपाट और किसी संगीन वारदात को अंजाम देने के लिए एक गहरी साज़िश रची है। बीरेंद्र पासवान को ये भी खबर लगी थी कि इलाक़े के बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर भी कुछ झंझट होने वाला है। और कुछ रोज पहले वहां हुई एक हत्या में शामिल एक बदमाश भी वहां छुपा हुआ है।

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बदमाशों के हमले में गंभीर रुप से ज़ख़्मी

LATEST CRIME IN HINDI: दारोगा वीरेंद्र पासवान बिना देरी किए उस आरोपी को गिरफ़्तार करने के लिए दाउदनगर इलाक़े में पहुँच गए। और उस अपराधी को गिरफ़्तार भी कर लिया था जिसे दारोगा वीरेंद्र पासवान पकड़ने के लिए वहां दबिश देने गए थे।

जिस वक़्त वीरेंद्र पासवान उस अपराधी को हथकड़ियों में जकड़कर वापस ला रहे थे तभी रास्ते में कुछ उपद्रवी लोगों ने उन्हें घेर लिया और लाठी डंडों के साथ पत्थरों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में वीरेंद्र पासवान के सिर पर गहरी चोट लगी और वो गंभीर रुप से घायल हो गए।

इसी महीने होनी थी बेटी की शादी

BIHAR SUB INSPECTOR MARTYR: दारोगा वीरेंद्र पासवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पता चला कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। लिहाजा अच्छे इलाज के लिए उन्हें पटना शिफ्ट कर दिया गया। मगर तीन दिन तक जिंदगी और मौत से बीच झूलते झूलते आखिरकार उनके प्राण पखेरू हो गए।

दारोगा बीरेंद्र पासवान अपने घर में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके दो बेटे है 30 साल का वरुण और 23 साल का विनय। जबकि 26 साल की बेटी वंदना की शादी पक्की हो चुकी थी और 16 फरवरी को उसकी डोली उठने वाली थी।

क्या अजीब इत्तेफाक है कि दारोगा बीरेंद्र पासवान ने अपनी बेटी की शादी की ख़ातिर 9 फरवरी से महकमें में छुट्टी की अर्जी दे रखी थी और उनकी छुट्टी मंजूर भी हो चुकी थी, लेकिन शायद क़िस्मत को कुछ और मंजूर था।

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