Kidnapper से लिपट कर फफक फफक कर रोने लगा मासूम, पुलिस थाने में दिखाई पड़ा फिल्म 'मदारी' का Last Scene

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Kidnapper से लिपट कर फफक फफक कर रोने लगा मासूम, पुलिस थाने में दिखाई पड़ा फिल्म 'मदारी' का Last Scene
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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हकीकत में नजर आई मदारी फिल्म की कहानी, 11 महीने का बच्चा हुआ था अगवा

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साधू का चोला ओढ़कर भागता रहा आरोपी, पुलिस ने रखा 25 हजार का इनाम

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किडनैपर की गोदी से उतरने को तैयार नहीं बच्चा, सीन देखकर रो पड़े थाने के लोग

Jaipur, Rajasthan: कुछ अरसा पहले एक फिल्म आई थी मदारी। उस फिल्म में एक मंत्री के बच्चे को मदारी किडनैप कर लेता है। मदारी की अपनी मजबूरी होती है वो मंत्री और सिस्टम से अपने बच्चे की मौत का बदला लेना चाहता था। फिल्म की कहानी आगे बढ़ती जाती है और किडनैप हुआ बच्चा मदारी के साथ साथ घूमता रहता है। मगर फिल्म के आखिर में जब मदारी उस बच्चे को उसके माता पिता के हवाले करता है तो वो बच्चा मदारी को छोड़ने को राजी ही नहीं होता है और उससे लिपटकर रोने लगता है। 

हकीकत में नजर आई फिल्मी कहानी

ये फिल्मी किस्सा उस वक्त हकीकत में दिखाई पड़ा जब थाने में एक बच्चा 14 महीने तक किडनैपर के साथ रहने के बाद जब रिहा होने लगा तो वो उसी किडनैपर की गोदी में चढ़कर झर झर आंसू बहाने लगा। इस सच्चे सीन को देखकर वहां थाने में मौजूद हरेक आंख नम हो गई। दिल को दुखाने और रुलाने वाला ये किस्सा सामने आया राजस्थान की राजधानी जयपुर से। 

एक साल पहले अगवा हुआ बच्चा

असल में 14 जून 2023 को राजस्थान की राजधानी जयपुर के सांगानेर सदर इलाके से 11 माह का बच्चा कुक्कू उर्फ पृथ्वी को अगवा कर लिया गया था। आरोपी तनुज ने ही अपने 4-5 साथियों के साथ पृथ्वी को उसके घर से किडनैप कर लिया था। किडनैपर तनुज चाहर बच्चे की मां का परिचित था और यूपी के जिला अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था। रिपोर्ट दर्ज होने पर जयपुर पुलिस ने पहले पुलिस लाइन अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल तनुज चाहर की तलाश की, लेकिन आरोपी अपनी ड्यूटी से भी गैर-हाजिर चल रहा था। बाद में यूपी सरकार ने हेड कांस्टेबल तनुज को सस्पेंड भी कर दिया था। 

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बच्चे की तलाश में दौड़ती रही पुलिस

इसके बाद पुलिस तेजी से आरोपी की तलाश में जुट गई और अगवा हुए बच्चे की बरामदगी के लिए कई राज्यों में छापेमारी की गई, लेकिन तब भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। तमाम कोशिशों के बावजूद जब पुलिस कामयाब नहीं हो सकी तो राजस्थान पुलिस ने किडनैपर पर 25 हजार रुपये का इनाम रख दिया। 

साधू का चोला ओढ़कर भागता रहा आरोपी

इसी बीच पुलिस को इत्तेला मिली कि आरोपी तनुज चाहर ने दाढ़ी बढ़ाकर और साधु का चोला ओढ़कर मथुरा-वृंदावन के परिक्रमा मार्ग और यमुना के खादर इलाके में कहीं कुटिया बनाकर रहता है। इसके साथ साथ वो खुद तो साधु बना है साथ में बच्चे को भी 'कृष्ण' बनाकर घूम रहा है। तब पुलिस ने भी अपना चोला बदला और साधु का भेष बनाकर और भजन गाते हुए आरोपी की कुटिया तक जा पहुंची। मगर तभी पुलिस के बारे में किडनैपर को भनक लग गई और वो अगवा किए हुए बच्चों को गोद में लेकर खेतों से भाग निकला। लेकिन पुलिस ने उसका पीछा करके आखिरकार 27 अगस्त को उसे सुरीर थाना इलाके से धर दबोचा और पकड़कर जयपुर ले आई। 

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किडनैपर की गोदी से उतरने को तैयार नहीं बच्चा

जाहिर है किडनैपर से छुड़ाने के बाद पुलिस ने बच्चे को माता-पिता के सुपुर्द करना चाहा। इसलिए पुलिस को इत्तेला भेजी। बच्चे के घरवाले भी दौड़े दौड़े पुलिस स्टेशन जा पहुँचे। लेकिन घरवालों के वहां पहुँचने के बाद जो सीन हुआ उसने सभी को रुला कर रख दिया। वो मासूम अपनी मां की बजाए किडनैपर के पास जाने के लिए मचलने लगा।  तब पुलिसकर्मी बच्चे को अंदर के कमरे में किडनैपर से मिलाने ले गए, जहां मासूम किडनैपर के सीने से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगा। इसके बाद मां को सौंपने के बाद भी बच्चा चुप नहीं हुआ। बच्चे को रोता देखकर किडनैपर की भी आंखों में आंसू आ गए। 

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14 महीने तक कैद में रखा मासूम को

आरोपी ने तरुण ने 11 महीने के पृथ्वी का अपहरण किया था और 14 महीने तक उसे अपनी कैद में रखा। हैरानी की बात ये है कि आरोपी पूरे 2 साल तक पृथ्वी को अपना ही बच्चा बताता घूमता रहा। खुलासा हुआ है कि किडनैपर तनुज बच्चे की मां को पहले से जानता था और उसका दावा था कि वो बच्चा उसका ही है। पूछताछ में पता चला है कि बच्चे पृथ्वी और उसकी मां को आरोपी तनुज चाहर अपने पास रखना चाहता था। इसको लेकर तनुज चाहर ने बच्चे की मां पर काफी दबाव बनाया लेकिन वो नहीं मानी तो तनुज ने उसके पुत्र को अगवा कर लिया।

बात मनवाने के लिए मां को देता रहा धमकी

अपहरण के बाद आरोपी तनुज चाहर बच्चे की मां से अपनी बात मनवाने के लिए बार-बार कॉल कर धमकी भी देता था। इस रंजिश की आग में आरोपी अपनी नौकरी से भी सस्पेंड हो गया, लेकिन अपनी जिद को नहीं छोड़ा। इतना ही नहीं अपनी फरारी के दौरान तनुज चाहर ने पुलिस को खूब छकाया। 

यूपी पुलिस का हेडकॉन्स्टेबल

आरोपी तनुज चाहर यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर रिजर्व पुलिस लाइन जिला अलीगढ़ में तैनात था और पुलिस की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह से वाकिफ था, इसीलिए उसने बच्चे के अपहरण के बाद पुलिस से सावधानी बरतने के हर तरीके से फरारी के दौरान खुद के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया और एक जगह से मोबाइल का उपयोग करने के बाद उस जगह दोबारा नहीं जाता था। मोबाइल की लोकेशन के स्थान को तुंरत छोड़ भी देता था। अपने जानकार व्यक्ति से एक बार मिलने के बाद दोबारा नहीं मिलता था और अपनी पहचान छिपाने के लिए लिए कभी दाढ़ी बढ़ा लेता था और कभी सफेद दाढ़ी पर कलर कर लेता था। वहीं, नये आदमी को अपना परिचय नहीं देता था, इसलिए आरोपी तनुज चाहर को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस के पसीने छूट गए थे।

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