Ukraine Russia War: अपने हमले को रूस बता रहा है पूरी तरह से क़ानूनी, कैसे?

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Ukraine Russia War: अपने हमले को रूस बता रहा है पूरी तरह से क़ानूनी, कैसे?
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संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी का मतलब

Ukraine Russia War: 24 फरवरी 2022 को रूस ने जैसे ही यूक्रेन के खिलाफ़ सैनिक कार्रवाई की, तो पूरी दुनिया एकदम से चौकन्नी हो गई। रूस का कट्टर दुश्मन अमेरिका ने पूरी दुनिया में लामबंदी शुरू कर दी. हर कोई रूस को कोसने लगा. रूसी राष्ट्रपति पुतिन को गाली दी जाने लगी.

पुतिन को क्या क्या नहीं कहा गया, हिटलर तानाशाह वगैराह वगैराह। लेकिन तभी एक सवाल की आवाज़ उठी। कहा जाने लगा कि अगर रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ जो सैनिक कार्रवाई की है, वो अगर संयुक्त राष्ट्र के बनाए गए क़ायदे और क़ानून के ख़िलाफ़ है तो फिर संयुक्त राष्ट्र रूस के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा, बल्कि खामोशी से मूकदर्शक बनकर रूस की यूक्रेन की मासूम जनता पर ज़ुल्म को क्यों देख रहा है।

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अमेरिका के दिखाए रास्ते पर चला रूस

Ukraine Russia War: रूस के ख़िलाफ़ दुनिया भर में बढ़ चढ़कर बातें भी की जाने लगीं लेकिन तब ये बात छनकर सामने आई कि रूस ने अभी तक जो कुछ भी यूक्रेन के ख़िलाफ़ किया, वो अमेरिकी की तर्ज पर अमेरिका की ही तरह की कार्रवाई की है। और अगर ऐसी कार्रवाई में अमेरिका ग़लत नहीं हो सकता तो रूस कैसे ग़लत हो गया।

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सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका ऐसा क्या करता रहा जिसकी ही तरह रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ जो कार्रवाई की उसे क़ायदे क़ानून से सही ठहरा सके।

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असल में यूक्रेन के दो इलाक़े लुहांस्क और दोनेस्त्क है। इन दोनों इलाक़ों पर अलगाववादी ताक़तें सक्रिय थीं। रूस ने क्या किया 20 फरवरी को दोनों इलाक़ों को पहले स्वतंत्र देश घोषित किया और फिर उन देशों की मदद करने के लिए अपनी सेना उन इलाक़ों में भेज दी।

संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के आर्टिकल 7 के सहारे निकला रूस

Ukraine Russia War: रूस का दावा था कि यूक्रेन ने लुहांस्क और दोनेस्त्क में नरसंहार किया लिहाजा वहां के नागरिकों और वहां की सेना की मदद के लिए उन्हीं देशों के बुलावे पर ये सैनिक कार्रवाई की है। रूस ने ये कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के आर्टिकल 7 के तहत की है। जो रूस को ऐसा करने की पूरी इजाज़त भी देता है।

असल में संयुक्त राष्ट्र को खुद अमेरिका ने जब कठपुतली बना रखा है। और संयुक्त राष्ट्र के इसी आर्टिकल का सहारा लेकर अमेरिका दुनिया के किसी भी राष्ट्र पर हमला करता आया है। तो रूस ने भी उसी तर्ज पर फायदा उठाया और यूक्रेन को अपना निशाना बना लिया।

अब सवाल उठता है कि आर्टिकल 7 क्या है

Ukraine Russia War: संयुक्त राष्ट्र का आर्टिकल 7 कहता है कि कोई भी सदस्य देश किसी भी दूसरे देश पर हमला नहीं कर सकता है। लेकिन अगर किसी देश से उसका कोई राज्य उससे टूटकर अलग होना चाहता है, तो इस बात का उसे हक़ है, क्योंकि अगर कोई देश किसी ख़ास इलाक़े पर अत्याचार कर रहा है उसके अधिकारों का हनन कर रहा है तो वो हिस्सा खुद को स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहता है तो संयुक्त राष्ट्र इसकी इजाज़त देता है। और उस सूरत में अगर कोई अलग या स्वतंत्र हुए देश को मदद की ज़रूरत है, या सैनिक मदद की ज़रूरत है तो कोई भी पड़ोसी मुल्क़ उसकी मदद को जा सकता है।

यानी लुहांस्क और दोनेस्त्क के राष्ट्रपतियों ने रूस से मदद की गुहार लगाई और रूस संयुक्त राष्ट्र के आर्टिकल 7 को लेकर उन दोनों की मदद के लिए वहां पहुँच भी गया। और यूक्रेन के ख़िलाफ हमला करने के बाद उसे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का नाम दे दिया।

अमेरिका भी तो कर चुका है ऐसी कार्रवाई!

Ukraine Russia War: इसी आर्टिकल का सहारा लेकर ही तो अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ सैनिक ऑपरेशन किए थे। इसी आर्टिकल के सहारे ही अमेरिका की सेना पहुँची थी इराक़। और इसी ऑर्टिकल का सहारा लेकर अमेरिकी फौज ने माली में ऑपरेशन किए थे और इसी आर्टिकल की बदौलत अमेरिकी सेना ने सीरिया में ऑपरेशन चलाया था।

इसी ऑर्टिकल के ज़रिए अमेरिका ने लीबिया में सैन्य कार्रवाई की थी। अमेरिका ने और भी कई देशों के ख़िलाफ़ इसी आर्टिकल की आड़ लेकर अपनी सैन्य कार्रवाई को सही ठहराया था। लिहाजा उसी आर्टिकल का सहारा लेकर अबकी बार रूस की सरकार ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है।

ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के बनाए गए क़ायदे और क़ानून के मुताबिक रूस ने अभी तक यूक्रेन के ख़िलाफ़ जो ऑपरेशन किया वो ग़लत नहीं है।

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